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महापौर के मुकाबले को साहस नहीं जुटा पा रहे कांग्रेसी 'दिग्गज'

कांग्रेस के दिग्गज नेता निकाय चुनाव में भाजपा को चित करने का दावा कर रही हो, लेकिन दावेदारों की सूची देखकर तो कांग्रेस के दावों की हवा निकलती नजर हा रही है।

By Edited By: Updated: Thu, 18 Oct 2018 11:42 AM (IST)
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महापौर के मुकाबले को साहस नहीं जुटा पा रहे कांग्रेसी 'दिग्गज'
देहरादून, [जेएनएन]: कांग्रेस के दिग्गज नेता निकाय चुनाव में भाजपा को चित करने का दावा तो कर रहे हैं, लेकिन महापौर प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। हालांकि, कांग्रेस अभी अपने पत्ते खोलने को तैयार नहीं है। वह भाजपा की महापौर प्रत्याशी की घोषणा के बाद अंतिम समय पर किसी वरिष्ठ कांग्रेसी पर भी दांव खेल सकती है।

फिलहाल कांग्रेस में महापौर के आठ आवेदनों में कोई पूर्व मंत्री, विधायक व पूर्व विधायक प्रत्याशी का नाम शामिल नहीं है। राजपुर रोड स्थित कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में दिनभर टिकट के दावेदारों और समर्थकों का तांता लगा रहा। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने पूर्व विधायकों एवं वरिष्ठ कांग्रेसियों के साथ बैठक की और महापौर एवं वार्ड पार्षदों के लिए उनकी पसंद एवं नापसंद के बारे में राय ली। 

देर शाम तक शहर के सभी 100 वार्डो से कांग्रेस के 548 पार्षद पद के टिकट के उम्मीदवार एवं आठ कांग्रेसियों ने महापौर के लिए आवेदन भरे। शहर कांग्रेस अध्यक्ष लालचंद शर्मा के पास जिन वरिष्ठ कांग्रेसियों ने महापौर के लिए आवेदन किया, उनमें पूर्व महानगर अध्यक्ष पृथ्वीराज चौहान, डीएवी कॉलेज के शिक्षक डॉ. प्रदीप जोशी, नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष रहे नीनू सहगल, डीएवी कॉलेज के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष संग्राम सिंह पुंडीर, चकतुनवाला से जिला परिषद सदस्य हेमा पुरोहित, नजमा खान, सुरेंद्र रांगड़ व उपेंद्र थापली प्रमुख हैं। 

महिला कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा ने महापौर के दावेदार होने की बात तो कही, लेकिन उन्होंने महानगर में इसके लिए आवेदन नहीं किया है। आशा शर्मा ने कहा यदि कांग्रेस उन्हें मौका देती है तो चुनाव लड़ने को तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह पार्टी लाइन में बनी रहेंगी। पार्टी जिसे भी महापौर का टिकट देगी, उसका समर्थन किया जाएगा। निर्दलीय चुनाव लड़ने से उन्होंने इन्कार किया। 

बंद कमरे में मिल रहे प्रत्याशी 

प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह से पार्षद एवं महापौर के प्रत्याशी अलग-अलग बंद कमरे में मिल रहे हैं। सुबह साढ़े नौ बजे से दोपहर दो बजे तक करीब तीन दर्जन कांग्रेसी प्रत्याशी उनसे मिले और मंत्रणा की। 

सरकार को हार का भय 

धस्माना प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भाजपा को निकाय चुनावों में हार सामने दिखाई दे रही है। पिछले 10 वर्षो से शहर में विकास कार्य तो कुछ किए नहीं, लोग वार्डो में बुनियादी सुविधाओं को लेकर भी भाजपा नेताओं से सवाल पूछ रहे हैं। सफाई करने का अल्टीमेटम भी न्यायालय को देना पड़ रहा है। 

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि कांग्रेस के पास महापौर से लेकर वार्ड पार्षद के एक नहीं कई सक्षम दावेदार हैं। शहरी से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के वरिष्ठ नेताओं से मंत्रणा के बाद योग्य एवं जिताऊ उम्मीदवार मैदान में उतारे जाएंगे। पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साह भाजपा के लिए चेतावनी है। 

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