Move to Jagran APP

Uttarkashi Tunnel Collapse: कांग्रेस नेता ने फिर उठाया रेस्क्यू ऑपरेशन पर सवाल, सरकार और कंपनी को बताया जिम्मेदार

Uttarkashi Tunnel Collapse प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में करन माहरा ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग में रेस्क्यू ऑपरेशन में 17वें दिन सफलता मिली है। ऑपरेशन में लगे सभी इंजीनियर श्रमिकों विशेषज्ञों केंद्र व राज्य की राहत व बचाव में लगी एजेंसियों और प्रशासन के अधिकारियों सहित सभी का अतुलनीय सहयोग रहा। उन्होंने सरकार पर भी सवाल उठाए।

By Ravindra kumar barthwalEdited By: Swati SinghUpdated: Wed, 29 Nov 2023 12:49 PM (IST)
Hero Image
कांग्रेस नेता ने फिर उठाया रेस्क्यू ऑपरेशन पर सवाल

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तरकाशी टनल हादसे में फंसे 41 श्रमिकों के सफर रेस्क्यू पर जहां एक ओर पूरा देश खुशियां मना रहा है, वहीं विपक्षी दल रेस्क्यू ऑपरेशन पर सवाल उठा रहे हैं। एक बार फिर से कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि स्थानीय प्रशासन, केंद्रीय एजेंसियों और नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी के बीच समन्वय की कमी के कारण बचाव अभियान में लंबा समय लगा। करन माहरा ने कहा कि सरकार ने बहुत विलंब से सही रणनीति पर काम किया, तब जाकर सफलता मिली।

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में करन माहरा ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग में रेस्क्यू ऑपरेशन में 17वें दिन सफलता मिली है। ऑपरेशन में लगे सभी इंजीनियर, श्रमिकों, विशेषज्ञों, केंद्र व राज्य की राहत व बचाव में लगी एजेंसियों और प्रशासन के अधिकारियों सहित सभी का अतुलनीय सहयोग रहा।

सरकार ने दिखाई लापरवाही

करन माहरा ने कहा कि सभी श्रमिकों एवं उनके स्वजन ने धैर्य का परिचय दिया, वह अभूतपूर्व है। सभी श्रमिकों को सरकार की ओर से उचित आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए। माहरा ने कहा कि श्रमिकों को बचाने के लिए सरकार ने जिन विकल्पों पर 14 दिन बाद काम किया, उन पर पहले दिन से काम होना चाहिए था। कांग्रेस पहले से ही कह रही थी कि हिमालय पर जिन व्यक्तियों के शोध और अनुभव हैं, उनसे सलाह लेनी चाहिए।

इन विशेषज्ञों की लेनी चाहिए थी मदद

कांग्रेस नेता ने कहा कि जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के पूर्व निदेशक पीसी नवानी और केएस वल्दिया जैसे विशेषज्ञों का इस क्षेत्र में लंबा अनुभव रहा है। यदि उनके अनुभव का लाभ सरकार लेती तो निश्चित तौर पर इस प्रकार की दुर्घटना हिमालयी क्षेत्र में नहीं होती। निर्माण करने वाली कंपनी मनमानी नहीं कर सकती थी।

कंपनी पर उठाए सवाल

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने आरोप लगाया कि सुरंग की डीपीआर भी प्राइवेट कंपनी से बनवाई गई। डीपीआर का निरीक्षण भी प्राइवेट कंपनी से कराया गया। घटना के 17 दिन बाद भी किसी की जिम्मेदारी तय न होना आश्चर्यजनक है। अभी तक इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज होकर गिरफ्तारी होनी चाहिए थी।

यह भी पढ़ें: Uttarakhand Tunnel Rescue Live Updates: ऋषिकेश एम्स में होगा श्रमिकों का चेकअप, हेलीकॉप्टर है तैयार; सीएम धामी ने की परिजनों से मुलाकात

अभी तक कार्यवाही का न होना, सरकार की कार्यप्रणाली पर सोचने को मजबूर कर रहा है। उन्होंने इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच की उम्मीद व्यक्त की। कांगेस नेता ने यह भी आरोप लगाया कि उत्तराखंड में चल रहे निर्माण कार्यों में हिमालय की संवेदनशीलता, पर्यावरण एवं भू-वैज्ञानिकों की आशंका और सुझावों को दरकिनार किया जा रहा है।

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने एजेंसियों को सराहा

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सिलक्यारा सुरंग से सभी श्रमिकों के बाहर निकलने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, अग्निशमन विभाग, भारतीय सेना, एयरफोर्स समेत विभिन्न एजेंसिंयों के कार्य को सराहा और उनका धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि बाबा बौखनाग की कृपा से यह कार्य आसान हो गया।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।