कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने ढील की अवधि में सोशल डिस्टेंस की व्यवस्था पर उठाए सवाल
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक प्रीतम सिंह ने सब्जी मंडियों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होने से सरकार की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए ठोस कोर्रवाई की मांग की।
By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Updated: Thu, 26 Mar 2020 04:26 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक प्रीतम सिंह ने बजट सत्र के शेष उपवेशन के दौरान व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव का लॉकडाउन घोषित है, लेकिन सुबह के वक्त ढील अवधि में सोशल डिस्टेंसिंग नहीं हो पा रही है। हालांकि, सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने कहा कि इस सिलसिले में व्यवस्था की जा रही है। व्यवस्था बनाने में जो भी अच्छे सुझाव आएंगे, सरकार उन पर अमल करेगी।
सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सुबह सात से 10 बजे तक बैंक, कोषागार, फल-सब्जी मंडी और खाद्यान्न की दुकानें खुल रही हैं, लेकिन इस दरम्यान मंडियों व दुकानों में भीड़ उमड़ रही है। खासकर सब्जी मंडियों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है। इस बिंदु पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।जवाब में संसदीय कार्यमंत्री कौशिक ने कहा कि ढील अवधि में व्यवस्था बनाई जा रही है। दुकानों में ये व्यवस्था की जा रही कि ग्राहक और दुकानदार के मध्य एक मीटर से अधिक दूरी हो। जनता को भी इसमें सहयोग करना चाहिए। जिससे कोई दिक्कत न हो।
विकास और वेतन के दृष्टिगत बजट पास करना था जरूरीनेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि राज्य के विकास और कार्मिकों के वेतन के दृष्टिगत बजट पास करना अनिवार्य था। कोरोना के संRमण को देखते हुए सभी ने तय किया बजट पास हो, इसलिए विपक्ष ने भी सरकार को सहयोग किया।
पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में डॉ. हृदयेश ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सदन में कोरोना की रोकथाम को किए जा रहे उपायों की जानकारी दी। सरकार ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों, ठेली-फड़ वालों को राहत पहुंचाने के लिए जिलाधिकारियों को पैसा दिया गया है, लेकिन चिंता ये है कि जिलाधिकारी इसका वितरण किस प्रकार से करेंगे।
यह भी पढ़ें: जरूरतमंदों की मदद के लिए कांग्रेस ने कमर कसी, फील्ड में दिखेगी सक्रिय इस पर उन्होंने सुझाव दिया कि जनप्रतिनिधियों की सुनवाई कर वितरण किया जाए तो बेहतर रहेगा। उन्होंने बताया कि यह भी सुझाव दिया गया कि जिलों में आवाजाही में जनप्रतिनिधियों को न हो कोई दिक्कत न हो। यदि कहीं कोई आवश्यक बात हो तो अधिकारी विनम्रतापूर्वक व्यवहार कर जानकारी दें। डॉ.हृदयेश ने बताया कि उनकी मुख्य सचिव से भी वार्ता हुई और उनसे आग्रह किया गया कि अधिकारी सभी के फोन उठाना सुनिश्चत करें।
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