खोई जमीन वापस पाने को कांग्रेस में उत्साह
पहले ग्राम पंचायतों और अब मलिन बस्तियों के वोटबैंक की पिच पर सरकार की थोड़ी सी भी ढीली गेंद पर कांग्रेस चौका जड़ने का मौका चूक नहीं रही है।
By Edited By: Updated: Mon, 30 Jul 2018 08:26 PM (IST)
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: पहले ग्राम पंचायतों और अब मलिन बस्तियों के वोटबैंक की पिच पर सरकार की थोड़ी सी भी ढीली गेंद पर कांग्रेस चौका जड़ने का मौका चूक नहीं रही है। इससे कांग्रेस में अंदरखाने उत्साह का माहौल है।
विधानसभा चुनाव में करारी हार झेल चुकी कांग्रेस में यह उम्मीद जगी है कि नगर निकाय चुनाव से उसे अपनी खोई सियासी जमीन मिल सकेगी। प्रदेश में पहले नगर निकाय चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए नाक का सवाल बने हुए हैं। खासतौर पर कांग्रेस के सामने ये दोनों ही चुनाव राज्य की सियासत में उसकी वापसी के मौके के रूप में है।
विधानसभा चुनाव में जिसतरह इस विपक्षी पार्टी की गत हुई है, उसके बाद सत्तापक्ष भाजपा ने अपने जनाधार को और व्यापक बनाने की आक्रामक रणनीति पर अमल शुरू कर दिया है। ऐसे में प्रचंड बहुमत की सरकार से ढीली गेंद मिलने का इंतजार कर रही कांग्रेस की बांछें इन दिनों खिली हुई हैं। वजह नगर निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी का खोया आत्म विश्वास फिर जगने लगा है। बस्तियों पर सरकार की घेराबंदी इस मामले में नगर निकायों के सीमा विस्तार में ग्राम पंचायतों को शामिल किए जाने से ग्रामीण क्षेत्रों में रोष के रूप में पार्टी को पहला मुद्दा बैठे-बिठाए मिल गया। निकायों में शामिल करने का विरोध कर रही ग्राम पंचायतों को कांग्रेस ने पूरा समर्थन तो दिया ही, आंदोलन में भी बढ़-चढ़कर शिरकत कर सरकार का सिरदर्द करने में कसर नहीं छोड़ी। शहरी वोटबैंक के रूप में मलिन बस्तियों के मजबूत गढ़ में भाजपा ने जिसतरह सेंध लगाई, उससे कांग्रेस में चिंता साफतौर पर देखी जा रही थी।
इस वोटबैंक पर पकड़ मजबूत करने की जद्दोजहद में जुटी पार्टी को दूसरा मौका अतिक्रमण हटाओ अभियान के रूप में मिल गया है। हाईकोर्ट के आदेश पर मलिन बस्तियों पर कसते शिकंजे को देखते हुए सक्रिय हुई कांग्रेस ने इस नए मुद्दे पर सरकार को घेरने पर पूरी तरह आमादा है। जमकर बरस चुके दिग्गज नेता प्रदेश प्रभारी की मौजूदगी में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की विस्तारित बैठक में भी तमाम दिग्गज नेताओं ने मलिन बस्तियों के मुद्दे को जोर-शोर से उठाने की पैरवी करते हुए कांग्रेस को आक्रामक होने की नसीहत दे डाली थी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल, पूर्व विधायक राजकुमार मलिन बस्तियों को उजाड़ने का आरोप सरकार पर लगा चुके हैं। बीते दिनों प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने बारिश के बावजूद मलिन बस्तियों के मामले को लेकर जिसतरह प्रदर्शन किया, उसे कांग्रेस अपने लिए संजीवनी से कम नहीं मान रही है। प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि मलिन बस्तियों का नियमितीकरण होने तक कांग्रेस सरकार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगी।
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