Move to Jagran APP

उत्तराखंड में नए कलेवर में नजर आएगी खेती, होगी कांट्रेक्ट फार्मिंग

केंद्र सरकार के मॉडल एक्ट कृषि उपज एवं पशुधन संविदा खेती और सेवाएं अधिनियम को राज्य में लागू होने के बाद अब उत्तराखंड में खेती नए कलेवर में नजर आएगी।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Updated: Thu, 14 May 2020 09:20 AM (IST)
Hero Image
उत्तराखंड में नए कलेवर में नजर आएगी खेती, होगी कांट्रेक्ट फार्मिंग
देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में खेती अब नए कलेवर में नजर आएगी। केंद्र सरकार के मॉडल एक्ट 'कृषि उपज एवं पशुधन संविदा खेती और सेवाएं (प्रोत्साहन एवं सुविधा) अधिनियम' को राज्य में लागू किए जाने के फैसले के बाद राज्य में कांट्रेक्ट फार्मिंग हो सकेगी। एक्ट के तहत संविदा खेती को कानूनी जामा पहनाए जाने से खेती-बागवानी को नए आयाम मिलेंगे। इसके साथ ही बंजर में तब्दील हो चुकी कृषि योग्य भूमि को सामूहिक खेती के लिए लीज पर दिया जा सकेगा। जाहिर है कि इससे किसानों को लाभ तो मिलेगा ही, खेतों में फसलें भी लहलहाएंगी।

उत्तराखंड में खेती की स्थिति 

राज्य में खेती-किसानी की दशा किसी से छिपी नहीं है। सरकारी आंकड़ों पर ही नजर दौड़ाएं तो राज्य गठन के वक्त यहां 7.70 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खेती होती थी, जो अब घटकर 6.72 लाख हेक्टेयर पर आ गई है। यानी कृषि भूमि में 98 हजार हेक्टेयर की कमी आई है। हालांकि, गैर सरकारी आंकड़े इसे करीब सवा लाख हेक्टेयर के करीब बताते हैं। सबसे अधिक कृषि भूमि पर्वतीय क्षेत्रों में बंजर में तब्दील हुई है। इसके पीछे पलायन, मौसम की बेरुखी, वन्यजीवों का खौफ, सिंचाई साधनों का अभाव जैसे कारण हैं।

खेती को नए आयाम मिलने की उम्मीद जगी 

इस परिदृश्य के बीच अब खेती को नए आयाम मिलने की उम्मीद जगी है। कृषि उपजा एवं पशुधन संविदा खेती और सेवाएं (प्रोत्साहन एवं सुविधा) अधिनियम को अपनाने से यहां भी संविदा खेती को बढ़ावा मिलेगा। यानी, अब अगर खेत और बागान दूसरों को कृषि और बागवानी के लिए दिए जाते हैं तो इसे कानूनी जामा पहनाया जाएगा। बंजर हो चुकी कृषि भूमि को भी लीज पर सामूहिक खेती को दिया जा सकेगा।

यह भी पढ़ें: Coronavirus: केंद्र के पैकेज से उत्तराखंड के दो लाख एमएसएमई को मिला नया भरोसा

असल में पहले लोग खेत और बागीचों पर कब्जे के भय से इन्हें कृषि कार्यों को देने से कतराते थे। अब कानूनीजामा पहनाने से उनका मालिकाना हक भी सुरक्षित रहेगा। साथ ही क्लस्टर आधार पर सामूहिक खेती को लीज पर खेतों को दिया जा सकेगा। किसानों को खाद-बीज समेत अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी ही, उपज का बेहतर दाम मिलने के साथ ही विपणन की समस्या से भी निजात मिलेगी।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के सीएम बोले, केंद्र के पैकेज से राज्य के एमएसएमई सेक्टर को फायदा

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।