डेंगू से हारा सिस्टम, उस पर संविदा कर्मियों ने भी ललकारा
दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के 57 संविदाकर्मियों ने कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया। इतना ही नहीं अस्पताल की व्यवस्थाएं संभालने वाले चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा खुद बीमार पड़ गए हैं।
By Edited By: Updated: Fri, 30 Aug 2019 08:01 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। डेंगू के लगातार बढ़ते मामलों के कारण व्यवस्थाएं पटरी से उतरने लगी हैं। उस पर 6 माह से वेतन न मिलने की वजह से दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के 57 संविदाकर्मियों ने गुरुवार से कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया। इतना ही नहीं अस्पताल की व्यवस्थाएं संभालने वाले चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा खुद बीमार पड़ गए हैं। ऐसे में अस्पताल का सिस्टम लड़खड़ा गया है।
दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में 57 संविदा कर्मचारियों ने गुरुवार से कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है। उन्होंने अस्पताल परिसर में प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन पर संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि विगत छह माह से वेतन न मिलने के कारण उनका परिवार भुखमरी के कगार पर आ गया है। फीस जमा न होने के कारण स्कूल बच्चों को निकालने की धमकी दे रहे हैं। 57 संविदा कर्मचारी हैं, जिनमें 32 को सेवा विस्तार भी नहीं मिला है। जिससे उनका भविष्य भी खतरे में है। संविदाकर्मियों के कार्यबहिष्कार से पैथोलॉजी लैब, ब्लड बैंक, नर्सिग, इमरजेंसी सेवाएं, ऑपरेशन थिएटर सर्जरी, नर्सिग संबंधित कार्यो पर बुरा असर पड़ रहा है। सबसे ज्यादा असर डेंगू के कारण पैथोलॉजी और ब्लड बैंक के कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
उधर, नर्सिग एसोसिएशन का समर्थन उत्तराखंड नर्सिग एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने धरनास्थल पर पहुंच संविदा कर्मचारियों को समर्थन दिया। अध्यक्ष मीनाक्षी जखमोला, महामंत्री कांति राणा ने कहा कि प्रबंधन कर्मचारियों के साथ नाइंसाफी कर रहा है। इसे बर्दाश्त नही किया जाएगा।
52 यूनिट रक्तदान किया
डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तराखंड ग्रामीण बैंक की तहसील चौक स्थित मुख्य शाखा की ओर से कार्यालय परिसर में रक्तदान शिविर लगाया गया। जिसमें यूबीजी फैमिली वेलफेयर सोसायटी ने भी सहयोग दिया। शिविर में करीब 52 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया। इस मौके पर वरिष्ठ शाखा प्रबंधक प्रवीण कुमार गोयल, क्षेत्रीय प्रबंधक एमएस बिष्ट, एनके नौटियाल, हेमराज आदि उपस्थित रहे।
दो कर्मचारियों को नोटिस
प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना का कहना है कि कर्मचारियों की बात शासन स्तर पर लगातार उठाई जा रही है। डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच हड़ताल करना सही नहीं है। उन्होंने दो कर्मचारियों जगदीश सिंह और संजय को नोटिस जारी कर काम पर लौटने की चेतावनी दी है। इनकी संविदा अभी बाकी है। काम पर न लौटने पर उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी।
वायरल की चपेट में एमएस
अस्पताल में डेंगू को लेकर तमाम जिम्मेदारी संभाल रहे चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा खुद बीमार पड़ गए हैं। गुरुवार को वह कुछ देर अस्पताल में भर्ती रहे। इसके बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। डॉ. टम्टा ने बताया कि उनकी डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड की रिपोर्ट निगेटिव है।
डेंगू को लेकर यूकेडी मुखरउत्तराखंड क्रांति दल ने डेंगू की रोकथाम के लिए कारगर कदम उठाए जाने को लेकर गुरुवार को सिटी मजिस्ट्रेट अभिषेक रोहेला को ज्ञापन सौंपा। साथ ही डेंगू से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर भी नाकाफी बताया। जिला अध्यक्ष विजय कुमार बौड़ाई ने कहा कि डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम और संबंधित विभागों की ओर से पर्याप्त प्रयास नहीं किए जा रहे। इस दौरान धर्मेद्र सिंह कठैत, बहादुर सिंह रावत, राजेंद्र सिंह बिष्ट, अमित डोभाल, सतेंद्र राणा आदि मौजूद रहे।प्रदेश में डेंगू पीड़ितों की संख्या पहुंची 648गुरुवार को भी दून में डेंगू के 13 नए मामले सामने आए। जिससे दून में डेंगू के मरीजों की संख्या 623 पर पहुंच गई है। वहीं प्रदेश में डेंगू से पीड़ित मरीजों की संख्या 648 हो गई है। इनमें 414 पुरुष और 234 महिलाएं हैं। डेंगू को रोकने के लिए स्वास्थ्य महकमा तमाम कोशिशें कर रहा है, पर मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में नहीं थम रहा डेंगू, मच्छर के दम से स्वास्थ्य महकमा हुआ बेदमहिमालयन अस्पताल में भर्ती 62 वर्षीय वृद्ध की मौतडेंगू के न केवल मरीज बढ़ते जा रहे हैं, बल्कि यह अब जानलेवा होता जा रहा है। गुरुवार को टिहरी के प्रताप नगर इलाके के 62 वर्षीय वृद्ध की गुरुवार सुबह मौत हो गई। वह पिछले 2 दिनों से हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में भर्ती थे। चिकित्सकों का कहना है कि वह डेंगू से पीड़ित थे। वहीं मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एसके गुप्ता ने वृद्ध की मौत का ऑडिट कराने की बात कही है। प्रताप नगर के कुराण गांव निवासी 62 वर्षीय धनपाल थलवाल की तबीयत बिगड़ने पर परिजनों ने जौलीग्रांट स्थित हिमालयन अस्पताल में भर्ती कराया था। गुरुवार सुबह उनकी मौत हो गई। हिमालयन अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी मुकेश ममगाईं का कहना है कि डेथ रिपोर्ट सीएमओ कार्यालय भेज दी गई है। बुजुर्ग कई बीमारी से पीड़ित थे। एनएस वन पॉजिटिव पाया गया था। डेंगू की पुष्टि सीएमओ कार्यालय से ही होगी। वहीं सीएमओ डॉ. एसके गुप्ता का कहना है कि अस्पताल से रिपोर्ट प्राप्त हो गई है। बुजुर्ग हार्ट, किडनी संबंधी कई बीमारियों से पीड़ित थे। उनको डेंगू था या नहीं, इसकी पुष्टि एलाइजा जांच के बाद ही होगी। सैंपल जांच के लिए भिजवा दिया गया है। वहीं उनकी मौत का ऑडिट भी कराया जाएगा। बता दें, कि प्रदेश में डेंगू से अब तक यह पांचवीं मौत है।यह भी पढ़ें: डेंगू शॉक सिंड्रोम की जद में आए मरीजों को जान का खतरा Dehradun News
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