स्थानांतरण मामले में संयुक्त परिषद और सिंचाई महासंघ भिड़े, पढ़िए पूरी खबर
सिंचाई विभाग में गलत तरीके से स्थानांतरण के मामले पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद और सिंचाई विभाग कर्मचारी महासंघ आपस में भिड़ते नजर आ रहे हैं।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 05 Jul 2019 03:18 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। सिंचाई विभाग में गलत तरीके से स्थानांतरण के मामले पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद और सिंचाई विभाग कर्मचारी महासंघ आपस में भिड़ते नजर आ रहे हैं। सिंचाई महासंघ द्वारा आरोपों का खंडन करने के अगले दिन राज्य कर्मचारी परिषद ने भी मुखरता से जवाब दिया। परिषद ने कहा कि अच्छा होता कि महासंघ अधिकारियों का बचाव करने के बजाय कर्मचारियों की मांगों के लिए लड़ते। परिषद ने साफ किया कि वे दोषी अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोलकर रहेंगे। चाहे कोई कितनी भी बाधा उत्पन्न करता रहे।
गुरुवार को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की बैठक में वक्ताओं ने कहा कि सिंचाई, स्वास्थ्य, शिक्षा विभाग में कई कर्मचारियों के गलत तरीके से स्थानांतरण किए गए हैं, जिनका परिषद विरोध करेगा। किसी भी कर्मचारी के साथ अन्याय होने नहीं दिया जाएगा। कहा कि सिंचाई कर्मचारी महासंघ अपने अधिकारियों का बचाव कर रहा है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। फील्ड कर्मचारी वाहन भत्ते, एसीपी व अन्य मांगों के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन महासंघ मांगों की अनदेखी करने वाले अधिकारियों का साथ दे रहा है। कहा कि वे किसी भी संगठन से बैर नहीं रखना चाहते हैं, लेकिन यदि कोई संगठन उनकी राह में बाधा बनेगा तो वे चुप नहीं बैठेंगे। बैठक में ठाकुर प्रहलाद सिंह, प्रदीप कोहली, नंद किशोरी त्रिपाठी, गुड्डी मटूड़ा, राकेश ममगाईं, चौधरी ओमवीर सिंह आदि उपस्थित रहे।
सेवानिवृत्त पदाधिकारी का किया बचाव
परिषद के सदस्य सिंचाई महासंघ द्वारा सेवानिवृत्त पदाधिकारी का नाम लिए जाने से भड़के हुए हैं। उन्होंने कहा कि परिषद का चुनाव संवैधानिक तरीके से कराया जाता है, जिसमें हजारों कर्मचारियों के मत से पदाधिकारी निर्वाचित किए जाते हैं। उन्होंने महासंघ को परिषद के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने की नसीहत दी।
परिषद करेगा भंड़ाफोड़
परिषद के सदस्यों ने उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ सिंचाई विभाग के हवाले से एक बार फिर सिंचाई विभाग में कर्मियों के स्थानांतरण में बड़ी अनियमितताओं के आरोप लगाए हैं। परिषद ने कहा कि विभाग के डिप्लोमा इंजीनियर्स ने उन कर्मियों के नाम सहित प्रबंधन से शिकायत की है। परिषद ने कहा कि वो जल्द ऐसे स्थानांतरण का भंडाफोड़ करेगा।
स्वास्थ्य विभाग में 12 और फार्मासिस्टों के स्थानांतरणस्वास्थ्य विभाग में फार्मेसी संवर्ग (फार्मासिस्टों) के तबादलों का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इस बीच स्वास्थ्य विभाग ने 12 फार्मासिस्टों के स्थानांतरण की सूची और जारी की है। इस सूची में उन फार्मासिस्टों का नाम शामिल है, जो उप स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात थे। खास बात यह कि सूची में शामिल फार्मासिस्टों के स्थानांतरण की तिथि बैक डेट (24 जून) में दिखाई गई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा फार्मेसी संवर्ग के कार्मिकों के स्थानांतरण में किए जा रहे इस खेल को लेकर उत्तराखंड डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन में आक्रोश बना हुआ है। उन्हें इस बात पर ऐतराज है कि स्वास्थ्य सचिव से जांच का आश्वासन मिलने के बाद भी एक और तबादला सूची जारी कर दी गई।
दरअसल, एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने एक दिन पहले स्वास्थ्य सचिव नितेश झा से मुलाकात की थी। तबादला सूची की गड़बड़ियां उनके सामने रखी थीं। उन्होंने भरोसा दिया था कि नियम विरुद्ध हुए तबादलों को संशोधित/निरस्त किया जाएगा। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. रविन्द्र थपलियाल ने भी कहा था कि किसी भी कार्मिक के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। लेकिन इस बीच फिर फार्मासिस्टों का स्थानांतरण कर दिया गया है। इससे विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। फार्मासिस्टों का कहना है कि पूर्व में किए गए तबादलों में भी स्थानांतरण एक्ट का उल्लंघन किया गया है। इसके अलावा पात्रता का भी ख्याल नहीं रखा गया है। वर्षों से दुर्गम में सेवा दे रहे फार्मासिस्टों को नजरअंदाज कर दिया गया। जबकि कम सेवा अवधि वाले लोगों को सुगम में लाया गया है।यह भी पढ़ें: दुर्गम से सुगम और एकल शिक्षकों के तबादले स्थगित, पढ़िए पूरी खबरयह भी पढ़ें: हड़ताल होते ही छह घंटे में जारी हुई एक साल से लटकी पदोन्नति सूची
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