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कार्बेट टाइगर रिजर्व में अब जल्द बसेगा गैंडों का संसार, लाए जाएंगे इन दो राज्यों से

उत्तराखंड में गैंडों का संसार फिर से बसाने की दिशा में प्रदेश सरकार सक्रिय हुई है। राज्य वन्यजीव बोर्ड की बीते रोज हुई बैठक में कार्बेट टाइगर रिजर्व में गैंडों की बसागत की प्रक्रिया तेज करने पर जोर दिया गया।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Wed, 25 Nov 2020 02:53 PM (IST)
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कार्बेट टाइगर रिजर्व में अब जल्द बसेगा गैंडों का संसार।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में गैंडों का संसार फिर से बसाने की दिशा में प्रदेश सरकार सक्रिय हुई है। राज्य वन्यजीव बोर्ड की बीते रोज हुई बैठक में कार्बेट टाइगर रिजर्व में गैंडों की बसागत की प्रक्रिया तेज करने पर जोर दिया गया। बोर्ड की पिछले वर्ष नवंबर में हुई बैठक में कार्बेट में गैंडे बसाने का निर्णय लिया गया था। अब ये तय हुआ है कि भारतीय वन्यजीव संस्थान की ओर से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों से ली गई राय के आधार पर इस योजना का फाइनल प्रस्ताव वन विभाग को उपलब्ध कराया जाएगा। फिर इसके आधार पर आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

बता दें कि राज्य वन्यजीव बोर्ड की पिछले वर्ष 26 नवंबर को हुई बैठक में कार्बेट टाइगर रिजर्व में गैंडे लाने का प्रस्ताव रखा गया था। भारतीय वन्यजीव संस्थान के शोध के आधार पर तैयार इस प्रोजेक्ट के तहत पश्चिम बंगाल और असम से कार्बेट में 10 गैंडे लाने को बोर्ड ने मंजूरी दी। प्रस्ताव में कहा गया कि एक दौर में कार्बेट क्षेत्र में गैंडों का वास था। विभाग के अभिलेखों में इसका उल्लेख है। ये बात अलग है कि वक्त की करवट बदलने के साथ ये भी सिमटते चले। हालांकि, इनके लिए परिस्थितियां आज भी अनुकूल हैं।

इसी के आधार पर भारतीय वन्यजीव संस्थान ने यह प्रस्ताव तैयार किया। कहा गया कि गैंडों के आगमन से जहां कार्बेट में नया वन्यजीव जुड़ेगा, वहीं पारिस्थितिकीय तंत्र भी सुधरेगा। गैंडे यहां लाने के मद्देनजर पूर्व में वन महकमे की ओर से वन एवं पर्यावरण मंत्रालय और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को पत्र भेजा गया था। अब फिर से प्राधिकरण को रिमांइडर भेजा गया है। इसके साथ ही भारतीय वन्यजीव संस्थान से गैंडों को लाने के मद्देनजर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों से राय लेने का आग्रह भी किया गया।

राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग के अनुसार भारतीय वन्यजीव संस्थान ने विशेषज्ञों से राय ले ली है। अब वह इनके सुझावों के आधार पर फाइनल प्रस्ताव तैयार कर विभाग को भेजेगा। फिर इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि कार्बेट टाइगर रिजर्व के परिवार में गैंडे जल्द ही शामिल हो जाएंगे।4.86 करोड़ का बजटमुख्य वन्यजीव प्रतिपालक के मुताबिक बीते रोज हुई राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में भी गैंडों को यहां लाने के लिए 4.86 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दी गई।

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