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रोमांच के शौकीनों के लिए अच्छी खबर, कार्बेट रिजर्व के बफर जोन पाखरो में इसी माह से टाइगर सफारी

पाखरो में स्थापित हो रही टाइगर सफारी भले ही इन दिनों पेड़ कटान को लेकर चर्चा में हो लेकिन प्रदेश सरकार का प्रयास है कि सफारी इसी माह से शुरू कर दी जाए। इसके लिए सफारी क्षेत्र में बन चुके एक बाड़े में बाघ छोड़ने की तैयारी है।

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Mon, 08 Nov 2021 08:11 AM (IST)
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कार्बेट रिजर्व के बफर जोन पाखरो में इसी माह से टाइगर सफारी। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, देहरादून। कार्बेट टाइगर रिजर्व के बफर जोन पाखरो में स्थापित हो रही टाइगर सफारी भले ही इन दिनों पेड़ कटान को लेकर चर्चा में हो, लेकिन प्रदेश सरकार का प्रयास है कि सफारी इसी माह से शुरू कर दी जाए। इसके लिए सफारी क्षेत्र में बन चुके एक बाड़े में बाघ छोड़ने की तैयारी है। यह कार्य पूर्ण होते ही टाइगर सफारी में सैलानी बाघ का करीब से दीदार कर सकेंगे। चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक दूसरे बाड़े समेत सभी निर्माण कार्य पूरे कर लिए जाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूर्व में जब कार्बेट टाइगर रिजर्व के भ्रमण पर ढिकाला आए थे, तब उन्होंने यहां टाइगर सफारी स्थापित करने का सुझाव दिया था। इसके बाद प्रदेश सरकार ने इसके लिए प्रयास शुरू किए। कार्बेट के बफर जोन पाखरो में 106 हेक्टेयर भूमि चयनित की गई। सफारी के लिए राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण समेत अन्य एजेंसियों से विधिवत मंजूरी मिलने के बाद पिछले वर्ष टाइगर सफारी का कार्य शुरू किया गया।

टाइगर सफारी के लिए प्राकृतिक वासस्थल में दो बाघ बाड़े, म्यूजियम समेत अन्य कार्य होने हैं। बाड़ों में कार्बेट से ही लाकर दो बाघ छोड़े जाएंगे। ऐसे में टाइगर सफारी के लिए आने वाले सैलानियों को शत-प्रतिशत बाघ के दीदार हो सकेंगे। सफारी की स्थापना के मद्देनजर स्वीकृति से अधिक पेड़ों के कटान का मसला भी वर्तमान में सुर्खियों में है। इस सबके बीच टाइगर सफारी सैलानियों के लिए खोलने की तैयारी है।

वन एवं पर्यावरण मंत्री डा हरक सिंह रावत के अनुसार टाइगर सफारी के लिए एक बाघ बाड़ा लगभग तैयार हो चुका है। म्यूजियम का निर्माण कार्य भी अंतिम चरण में है। दूसरे बाड़े का कार्य शीघ्र ही शुरू होने जा रहा है। उन्होंने बताया कि तैयार हो चुके बाड़े में जल्द ही बाघ छोड़कर सफारी को इसी माह के आखिर तक खोल दिया जाएगा। प्रयास ये है कि मार्च 2022 तक दूसरा बाड़ा और म्यूजियम भी तैयार हो जाए। इससे संपूर्ण सफारी का लोग आनंद उठा सकेंगे।

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