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Coronavirus: दक्षिण कोरिया से लौटे व्यक्ति का लिया ब्लड सैंपल Dehradun News

कोरोना से बचाव के लिए अब हर स्तर पर एहतियात बरती जा रही है। इसी को देखते हुए दून निवासी एक व्यक्ति का ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। यह व्यक्ति दक्षिण कोरिया से लौटा है।

By Edited By: Updated: Thu, 12 Mar 2020 09:42 AM (IST)
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Coronavirus: दक्षिण कोरिया से लौटे व्यक्ति का लिया ब्लड सैंपल Dehradun News
देहरादून, जेएनएन। कोरोना से बचाव के लिए अब हर स्तर पर एहतियात बरती जा रही है। इसी को देखते हुए दून निवासी एक व्यक्ति का ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। हाल ही में यह व्यक्ति दक्षिण कोरिया से लौटा है। वह खुद ही एहतियातन श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल जांच के लिए पहुंचा। चिकित्सकों के अनुसार वह पूरी तरह स्वस्थ है। 

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. मीनाक्षी जोशी ने बताया कि 42 वर्षीय यह शख्स दून के बंजारावाला का रहने वाला है। वह दक्षिण कोरिया से लौटा है और वहां नौकरी करता है। यह अच्छी बात है कि लोग अब खुद भी इस ओर जागरूक हो रहे हैं। अपने घर जाने से पहले यह शख्स स्वयं स्क्रीनिंग के लिए श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल पहुंचा था। उसे न बुखार है और न अन्य कोई लक्षण। पर एहतियातन उसका सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया गया है। 

अस्पताल के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी ने बताया कि यह व्यक्ति खुद को ओपीडी में दिखाने आया था। उसे अभी आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। उधर, आइडीएसपी के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. पंकज सिंह ने बताया कि इससे पहले 12 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। इन सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। उक्त व्यक्ति की जांच रिपोर्ट भी जल्द आ जाएगी। बताया कि प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण का अभी तक कोई मामला नहीं है। 

हवा में नहीं संक्रमित व्यक्ति के छींकने से फैलता है वायरस 

कोरोना वायरस हवा में नहीं है, बल्कि संक्रमित मरीज के थूकने या छींकने से फैलता है। कोरोना से संक्रमित व्यक्ति एक से डेढ़ मीटर की दूरी तक स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। यहां कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति नहीं हैं, इसलिए बेवजह मास्क लगाने की जरूरत नहीं हैं। 

आइडीएसपी के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. पंकज सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस हवा से नहीं फैलता है। कोरोना संक्रमित मरीज के थूक और छींकने से निकलने वाली बूंदों का आकार बड़ा होता है, शरीर के अंग या किसी हिस्से में जाकर बैठ जाती हैं। इसलिए आमजन को एन-95 मास्क की जरूरत नहीं है। 

ट्रिपल लेयर सर्जिकल मास्क के इस्तेमाल से वायरस के संक्रमण से बच सकते हैं। यह मास्क एन-95 के मुकाबले सस्ता होता है, जिसे इस्तेमाल के बाद नष्ट कर देना चाहिए। 

मौसम भी दे रहा दगा 

मौसम में उतार-चढ़ाव व रुक-रुककर हो रही बारिश ने कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम में जुटे स्वास्थ्य विभाग के लिए भी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। जिस तरह का मौसम अभी है, यह संक्रमण के लिहाज से मुफीद माना जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना वायरस का मौसम और तापमान से क्या संबंध है, इस पर अभी तक कोई पुष्ट जानकारी नहीं है। क्योंकि यह वायरस अभी दो माह पहले ही अस्तित्व में आया है। 

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फ्लू व कोल्ड वायरस का ट्रेंड देखें तो पता चलेगा कि यह ठंड में सक्रिय होता है। जबकि गर्मी में इसमें कमी देखी जाती है। जहां तक बारिश की बात है इसके चलते तापमान गिरता है और ठंडक बढ़ती है। हवा में नमी भी बनी रहती है। जिससे संक्रमण जल्दी फैलता है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी संक्रमण का खतरा कम होता चला जाएगा।

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