Coronavirus: उत्तराखंड में साइलेंट कैरियर के रूप में हमला बोल रहा कोरोना
बिना लक्षण वाले यानी एसिम्टोमेटिक मरीज स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं। यह लोग साइलेंट कैरियर के रूप में संक्रमण फैला रहे हैं।
By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Updated: Mon, 27 Apr 2020 12:08 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। बिना लक्षण वाले यानी एसिम्टोमेटिक मरीज स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं। यह लोग साइलेंट कैरियर के रूप में संक्रमण फैला रहे हैं। रविवार को सामने आए कोरोना के तीन मामलों मे भी कुछ इसी तरह की तस्वीर उभरी है। यह तीन लोग कहां संक्रमित हुए स्वास्थ्य विभाग अभी उसका सिरा नहीं तलाश पाया है।
एम्स ऋषिकेश का नसिर्ंग स्टाफ कैसे संक्रमण की जद में आया, इसका स्नोत पता नहीं चल सका है। एम्स प्रशासन का कहना है कि यह कर्मचारी संभवत: वार्ड में काम करते-करते किसी एसिम्टोमेटिक व्यक्ति के संपर्क में आया है। इसी कारण वह संक्रमित हुआ। उसमें तब भी कोरोना के लक्षण जरूर दिखे। वहीं, दून अस्पताल में भर्ती प्रसूता व उसके पति की स्थिति सामान्य है। उनमें किसी भी तरह के लक्षण नहीं हैं। वह किसके संपर्क में आने से संक्रमित हुई, यह भी साफ नहीं है।
वार्ड में और भी थी महिलाएं
जिस कोरोना संदिग्ध वार्ड में प्रसूता भर्ती थी, वहां अन्य पाबंद कॉलोनियों से भी सात अन्य गर्भवती व प्रसूताएं भर्ती थी। महिला के पॉजिटिव मिलने से अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया। अन्य महिलाओं को वहां से शिफ्ट किया गया। प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना का कहना है कि संदिग्ध वार्ड में काफी दूर-दूर बेड लगाए गए है। वहीं, डॉक्टर और स्टाफ भी पीपीई किट पहनकर वार्ड में जाते हैं।
अब सिरा तलाश रहा स्वास्थ्य विभाग
स्वास्थ्य विभाग को कोरोना संक्रमित महिला व उसके पति की से संबंधित कोई कॉन्टेक्ट नहीं मिल पा रहा है, जो चुनौती बना है। जिला कोरोना नोडल अधिकारी डॉ. दिनेश चौहान ने बताया कि महिला का पति कार डेकोरेशन का काम करता है। पूछताछ में उसने बताया है कि लॉकडाउन में न उसने अपनी दुकान खोली और न कोई बाहरी व्यक्ति उनके घर आया। वह कैसे संक्रमण की जद में आए इसका पता लगाया जा रहा है। डॉ. चौहान का कहना है कि आजाद कॉलोनी में पांच जमाती संक्रमित पाए गए थे। यह लोग वहां किराए पर रह रहे थे। वहीं से 500 मीटर की दूरी पर कोरोना संक्रमित पाए गए दंपत्ति का घर है। यह भी हो सकता है कि सामान लाने-ले जाने के दौरान परिवार का कोई सदस्य संक्रमण की जद में आया है। परिवार के अन्य सदस्यों को क्वारंटाइन करने की भी प्रक्रिया चल रही है।
ऋषिकेश से आए मरीजों की तलाशऋषिकेश एम्स में कोरोना संक्रमित मरीज मिलने के बाद वहां से बीती 17 अप्रैल को लौटकर आए दो स्वासथ्यकर्मियों को स्वास्थ्य विभाग ने टिहरी में क्वारंटाइन कर दिया है। प्रशासन ने ऋषिकेश एम्स से टिहरी के मरीजों की सूची भी मांगी है।यह भी पढ़ें: Rishikesh Lockdown: कोरोना मरीज मिलने के बाद ऋषिकेश का 20 बीघा क्षेत्र तीन मई तक लॉक
नई टिहरी में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक वार्ड ब्वॉय और एक चालक को होम क्वारंटाइन किया है। ये दोनों बीती 17 अप्रैल को सैंपल लेकर एम्स गए थे। टीम यह भी पता लगा रही है कि एम्स में वह किससे मिले और इसके बाद से वो किन लोगों से मिले हैं। टीम अब बीते कुछ दिनों में ऋषिकेश से आए लोगों की कुंडली भी खंगाल रही है। वहीं चंबा में भी लोनिवि के अधिशासी अभियंता और उनके दो कर्मचारियों को होम क्वारंटाइन किया गया है।
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