Coronavirus: उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों को होम आइसोलेशन की सुविधा, जानिए पूरी गाइडलाइन
Coronavirus प्रदेश में कोरोना संक्रमितों को होम आइसोलेशन में रखने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए गाइडलाइन जारी कर दी गई है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Mon, 10 Aug 2020 09:09 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। Coronavirus उत्तराखंड में भी अन्य राज्यों की तरह कोरोना संक्रमितों को होम आइसोलेशन में रखने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए गाइडलाइन जारी कर दी गई है। होम आइसोलेशन में बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमितों को ही रखा जाएगा। 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग, गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीज, 10 साल से कम आयु के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं दी जाएगी। जिस घर में इस श्रेणी में आने वाले लोग रहते हैं, उस घर में भी होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं दी जाएगी। यानी, मरीज को इलाज के लिए अस्पताल में ही भर्ती होना होगा। शेष बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमित व्यक्ति होम आइसोलेशन में रह सकते हैं, बशर्ते उनकी देखभाल के लिए एक व्यक्ति घर पर मौजूद हो। सोमवार को सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने होम आइसोलेशन की गाइडलाइन जारी की।
स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने सोमवार को कोरोना संक्रमितों को होम आइसोलेशन में रखने की व्यवस्था के लिए विस्तृत गाइडलाइन जारी की। गाइडलाइन के मुताबिक कोरोना संक्रमित उन मरीजों को होम आइसोलेशन की सुविधा दी जाएगी, जिनमें कोरोना के लक्षण नजर नहीं आएंगे। मरीजों का होम आइसोलेशन कोरोना संक्रमित पाए जाने के 10 दिन के बाद समाप्त होगा। इसमें जरूरी यह होगा कि उसे आखिरी के तीन दिन तक बुखार न आया हो। इसके बाद अगले सात दिन तक मरीज घर पर रहकर अपने स्वास्थ्य को देखेंगे। होम आइसोलेशन की समाप्ति पर टेस्टिंग की आवश्यकता नहीं होगी।
जानिए गाइडलाइन
- उन मरीजों को होम आइसोलेशन की सुविधा दी जाएगी, जिन्हें डॉक्टर ने इलाज के दौरान लक्षणरहित मरीज के रूप में चिन्हित किया हो।
- 24 घंटे मरीज की देखभाल के लिए एक व्यक्ति उपलब्ध हो।
- आइसोलेशन की अवधि के दौरान मरीज की देखभाल करने वाला व्यक्ति संबंधित चिकित्सालय के साथ संपर्क बनाकर रखेगा।
- ऐसे मरीजों के घर पर खुद को आइसोलेट करने और परिजनों को क्वारंटाइन करने की सुविधा उपलब्ध हो। घर में मरीज के लिए शौचालययुक्त कमरा और देखभाल करने वाले के लिए अलग शौचालय की अनिवार्य रूप से हो।
- जिन मरीजों की आयु 60 वर्ष से अधिक है या अन्य बीमारी से ग्रसित हैं, गर्भवती महिलाएं, दस साल से कम आयु के बच्चे और ऐसे रोगी जिनकी प्रतिरोधक क्षमता किसी कारण से कमजोर है उन्हें होम आइसोलेशन की सुविधा नहीं दी जाएगी।
- देखभाल करने वाले और मरीज के नजदीकी संपर्कों को प्रोटोकॉल और उपचार करने वाले चिकित्सक के परामर्श के अनुसार हाइड्रॉक्सीक्लोरोकीन प्रोफालेक्सिस लेनी होगी।
- फोन में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना जरूरी होगा। इस एप को ब्लूटूथ और वाई-फाई को हमेशा ऑन रखना होगा। इसके साथ ही दिन में दो बार इस ऐप में सूचना अपडेट करनी होगी। स्मार्टफोन न होने की स्थिति में नियंत्रण कक्ष के दूरभाष पर अपने स्वास्थ्य की जानकारी देनी होगी।
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- स्वास्थ्य विभाग के आइसोलेशन एप dgmhuk-covid19.in/covid19.apk को मरीज को अपने स्मार्ट फोन पर डाउनलोड करना होगा और नियमित रूप से जानकारी भरनी होगी।
- जिले के मुख्यचिकित्साधिकारी के जरिए गठित टीम होम क्वारंटाइन की सुविधाओं का निरीक्षण करने के बाद ही मरीज को होम आइसोलेशन में भेजा जाएगा।
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