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कैबिनेट बैठक: चार मेडिकल कॉलेज कोरोना उपचार के लिए आरक्षित, एक हजार से ज्यादा डाक्टरों की भर्ती

कोरोना वायरस संक्रमण के तीसरे चरण के भयावह होते खतरे से निपटने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं और बंदोबस्त को चाक-चौबंद करने के लिए मंत्रिमंडल ने अहम फैसले लिए।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Wed, 25 Mar 2020 06:53 AM (IST)
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कैबिनेट बैठक: चार मेडिकल कॉलेज कोरोना उपचार के लिए आरक्षित, एक हजार से ज्यादा डाक्टरों की भर्ती
देहरादून, राज्य ब्यूरो। सरकार का पूरा फोकस अब कोरोना महामारी से लड़ाई पर है। कोरोना वायरस संक्रमण के तीसरे चरण के भयावह होते खतरे से निपटने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं और बंदोबस्त को चाक-चौबंद करने के लिए मंत्रिमंडल ने अहम फैसले लिए। चार सरकारी मेडिकल कॉलेज कोरोना उपचार के लिए आरक्षित किए गए हैं।

मेडिकल कॉलेजों और जिलों में सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों के रिक्त एक हजार से ज्यादा पदों को तत्काल भरने का निर्णय लिया गया है। कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए वेंटीलेटर समेत तमाम जरूरी उपकरणों व सामग्री की खरीद का अधिकार स्वास्थ्य महानिदेशक, जिलों में मुख्य चिकित्साधिकारियों और मेडिकल कॉलेजों में प्राचार्यों को दिया गया। इसके लिए प्रोक्योरमेंट नियमों में ढील देने पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी। कोरोना से निपटने के लिए तत्काल फैसले लेने की जरूरत देखते हुए मंत्रिमंडल ने अपने अधिकार मुख्यमंत्री को सौंप दिए।

सचिवालय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक कोरोना वायरस संक्रमण से प्रदेश की जनता की सुरक्षा को लेकर केंद्रित रही। बैठक में कोरोना के चलते उपजी आपात परिस्थितियों के मद्देनजर कुल छह बिंदुओं पर फैसले लिए गए। सरकार के प्रवक्ता व काबीना मंत्री मदन कौशिक ने इन फैसलों को ब्रीफ किया। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमित लोगों के उपचार को चार सरकारी मेडिकल कॉलेजों देहरादून, श्रीनगर, हल्द्वानी और अल्मोड़ा को आरक्षित किया गया है। इन कॉलेजों के विभाग, फैकल्टी और छात्र-छात्रएं अन्य अस्पतालों में शिफ्ट होंगे। इस बारे में फैसला लेने को स्वास्थ्य सचिव को अधिकृत किया गया है।

मंत्रिमंडल ने कोरोना की जांच को तीन टेस्टिंग लैब की स्थापना को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने मेडिकल कॉलेजों से लेकर जिलों में सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी दूर करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। इसके लिए मेडिकल कॉलेजों में विभागाध्यक्षों और जिलों सरकारी अस्पतालों के लिए जिलाधिकारियों को तीन माह के लिए नियुक्ति का अधिकार दिया गया है। अब चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के जरिए नियुक्ति की जरूरत नहीं रहेगी।

अभी आयोग की ओर से कुल सृजित चिकित्सकों के 555 पदों में से 314 की भर्ती विज्ञापित की गई। इसके लिए 646 चिकित्सकों के आवेदन मिले हैं। मंत्रिमंडल ने भर्ती विज्ञापन की शतोर्ं को शिथिल कर सभी पात्र चिकित्सकों को कुल रिक्त पदों के सापेक्ष भरने को मंजूरी दी। बढ़े पदों पर नियुक्ति को अलग से विज्ञापन की जरूरत नहीं होगी। मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सकों के अतिरिक्त सृजित 958 पदों के 50 फीसद यानी 479 को 11 माह के लिए भरने को मंजूरी दी।

मंत्रिमंडल ने अहम फैसला कोरोना उपचार के लिए जरूरी उपकरणों को लेकर किया। इनकी खरीद के लिए शासन के चक्कर काटने की जरूरत नहीं होगी। राज्य स्तर पर स्वास्थ्य महानिदेशक, जिलों में मुख्य चिकित्साधिकारियों और मेडिकल कॉलेजों में प्राचार्यों को इसके लिए अधिकृत किया गया है। वेंटीलेटर समेत जरूरी उपकरणों की सीधी खरीद सार्वजनिक निगमों- उपRमों के माध्यम से की जा सकेगी। उपकरणों समेत जरूरी सामान की खरीद में होने वाली देरी से कोरोना के खिलाफ जंग पर असर पड़ सकता है। मंत्रिमंडल ने इसी वजह से उक्त अहम फैसला लिया।

कोरोना से निपटने की तैयारियों के संबंध में गढ़वाल मंडल में काबीना मंत्री मदन कौशिक और कुमाऊं मंडल में काबीना मंत्री यशपाल आर्य अपने-अपने मंडल के अधिकारियों से विचार-विमर्श व तालमेल से फैसले ले सकेंगे। मंत्रिमंडल ने उक्त दोनों मंत्रियों को यह जिम्मेदारी सौंपी।

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कैबिनेट के फैसले

  • चार सरकारी मेडिकल कॉलेजों देहरादून, हल्द्वानी, श्रीनगर और अल्मोड़ा को कोरोना उपचार के लिए रखा जाएगा आरक्षित।
  • चारों मेडिकल कॉलेजों के विभाग, फैकल्टी और छात्र-छात्रएं अन्य अस्पतालों में होंगे शिफ्ट, स्वास्थ्य सचिव लेंगे निर्णय।
  • जरूरत पड़ेगी तो निजी मेडिकल कॉलेजों को भी उपयोग में लेने पर किया जाएगा विचार।
  • कोरोना वायरस संक्रमण की जांच को आइआइपी देहरादून, एम्स ऋषिकेश व महंत इंदिरेश अस्पताल में टेस्टिंग लैब की स्थापना को मंजूरी, केंद्र को भेजा प्रस्ताव।
  • स्वास्थ्य महानिदेशक, मुख्य चिकित्साधिकारियों और मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों को कोरोना से बचाव को उपकरण, दवाइयों व अन्य सामान खरीदने का अधिकार।
  • वेंटीलेटर आदि सामान की खरीद केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों से सीधे खरीदने का अधिकार, प्रोक्योरमेंट नियमों में ढील।
  • तीन राजकीय मेडिकल कॉलेजों देहरादून, श्रीनगर और हल्द्वानी के विभागाध्यक्षों को मेडिकल फैकल्टी के रिक्त पदों को वॉक इन इंटरव्यू से भरने को किया अधिकृत।
  • मेडिकल कॉलेजों में अतिरिक्त सृजित 958 पदों में से 479 पदों को 11 माह के लिए भरने का फैसला।
  • गढ़वाल मंडल के लिए मंत्री मदन कौशिक व कुमाऊं मंडल के लिए यशपाल आर्य को समन्वय कर फैसला लेने की जिम्मेदारी।
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