Coronavirus: लोगों में नहीं हायतौबा, फिर कहां गए मास्क और सैनिटाइजर
लोगों में अभी वायरस को लेकर वैसी हायतौबा नहीं दिख रही। ऐसे में मास्क व सैनिटाइजर न तो बाजार से गायब होने चाहिए थे न ही उनके मनमाने दाम वसूल किए जाने चाहिए थे।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sun, 15 Mar 2020 10:51 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। कोरोना वायरस को उत्तराखंड में भी महामारी घोषित किया जा चुका है। सरकार हाई-अलर्ट मोड है, मगर लोगों में अभी वायरस को लेकर वैसी हायतौबा नहीं दिख रही। ऐसे में वायरस से बचाव के लिए प्रयुक्त किए जाने वाले मास्क व सैनिटाइजर न तो बाजार से गायब होने चाहिए थे, न ही उनके मनमाने दाम वसूल किए जाने चाहिए थे। पर, औषधि नियंत्रण विभाग को इससे क्या मतलब। बाजार की ऐसी विकट स्थिति को देखते हुए मास्क व सैनिटाइजर को आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे में लाना पड़ गया और अधिकारियों की नींद अब भी नहीं टूट रही।
जब देश में कोरोना वायरस की हल्की आहट ही थी, तभी से दून में सैनिटाइजर व मास्क की खरीद के प्रति लोगों को रुझान नजर आने लगा था। हालांकि, ऐसे लोगों की संख्या अब भी कम है और बाजार में भी लोगों की ऐसी कोई भीड़ नहीं दिख रही, जिसमें वह मास्क पहनकर घूम रहे हैं। फिर भी मेडिकल आइटम के विक्रेताओं ने कई दिन पहले ही इनकी जमाखोरी शुरू कर दी थी। यदि अधिकारी सचेत होकर बाजार के इस असामान्य रवैये को भांप रहे होते तो अब तक तमाम प्रतिष्ठानों पर छापेमारी शुरू हो चुकी होती। जो कंपनियां सैनिटाइजर व मास्क तैयार करती हैं या उनकी आपूर्ति करती है, उनके स्टॉक का ब्योरा जुटा लिया गया होता। अब जब दो दिन पहले इन उत्पादों को आवश्यक वस्तुओं के दायरे में ला दिया गया है, तब भी अधिकारियों का रवैया सामान्य है। कागजों में भले ही वह अलर्ट दिख रहे हों, मगर लोगों को बाजार में भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है।
उत्पादों के मानक भी नहीं देख रहे
जब औषधि नियंत्रण विभाग के अधिकारी जमाखोरी पर ही नियंत्रण नहीं लगा पाए तो गुणवत्तापरक सैनिटाइजर व मास्क को लेकर उनमें कहां सजगता होगी। क्योंकि बाजार में इन दिनों सैनिटाइजर के नाम पर कुछ भी परोस दिया जा रहा है और मास्क भी ऐसे हैं, जो मानकों पर खरे नहीं उतरते। जब लोगों को विकल्प नहीं मिल रहे हैं तो वह मजबूरी में कुछ भी खरीद कर ले आ रहे हैं और उनके हितों की रक्षा भी नहीं हो पा रही।
ड्रग इंस्पेक्टर के नंबर दर्ज नहीं, पर देखे कौन
स्वास्थ्य विभाग की ओर से यूं तो निर्देश दिए गए हैं कि सभी केमिस्ट के यहां संबंधित ड्रग इंस्पेक्टर के नंबर दर्ज किए जाएं। ताकि वास्तविकता से अधिक दाम व गुणवत्ता को लेकर ग्राहक शिकायत दर्ज करा सकें। मगर, यह नंबर चस्पा हैं भी कि नहीं, यह जानने तक की भी जहमत अधिकारी नहीं उठा रहे।दो और प्रशिक्षु आइएफएस समेत छह के सैंपल लिए
कोरोना के मद्देनजर देहरादून के तीन अस्पतालों से छह लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। इनमें दो सैंपल दून मेडिकल कॉलेज, दो श्री महंत इंदिरेश अस्पताल व दो एम्स ऋषिकेश से लिए गए। बता दें, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के प्रशिक्षु अफसरों का 62 सदस्यीय दल हाल ही में फिनलैंड, रूस और स्पेन आदि देशों के दौरे पर गया था। इस दल के दून लौटने पर गुरुवार देर रात इनमें से चार प्रशिक्षुओं का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया था। वहीं, अकादमी परिसर में ही इन्हें आइसोलेट किया गया है। इधर, इसी दल के दो और सदस्यों का शनिवार को दून मेडिकल कॉलेज में सैंपल लिया गया। वहीं, श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में भी दुबई से लौटे दो और ऋषिकेश एम्स में कोरिया से लौटे दो लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। यह लोग वहां नौकरी करते हैं और हाल ही में लौटे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, अब तक कुल 25 लोगों के सैंपल जिले में लिए गए हैं, जिनमें से 15 की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है।
शासन की टीम ने लिया अस्पतालों का जायजा कोरोना के संदिग्ध मरीज आने पर अस्पतालों की तैयारियों को लेकर शासन की एक टीम ने दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल एवं गांधी व कोरोनेशन अस्पताल (जिला अस्पताल) का जायजा लिया। जिले के नोडल अधिकारी डॉ. दिनेश चौहान, प्रभारी एमएस डॉ. एनएस खत्री, नोडल अधिकारी डॉ. अनुराग अग्रवाल ने टीम को दौरा कराया। बताया गया कि दून अस्पताल में 23 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। यहां पर सात बेड और लगाए जा सकते हैं। बताया कि जगह के अलावा यहां टेक्नीशियन एवं नर्सिंग स्टाफ की भारी किल्लत है। इसीलिए ज्यादा बेड नहीं बढ़ाए जा रहे हैं। उधर, टीम ने गांधी और कोरोनेशन अस्पताल का भी दौरा किया। गांधी अस्पताल में 20 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया जा रहा है।
छुट्टी न करने वाले स्कूल चिह्नित, होगा मुकदमाकोरोना वायरस के चलते सरकार ने 31 मार्च तक सभी सरकारी, निजी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद करने के आदेश दिए हैं। केवल बोर्ड परीक्षा ही संपन्न कराने की अनुमति दी गई है। बावजूद इसके शुक्रवार को दून के कई निजी स्कूल खुले रहे। ऐसे स्कूलों पर सख्त कार्रवाई के लिए डीएम देहरादून डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। डीएम ने यह साफ किया कि शासन के आदेशों का उल्लंघन करने वालों पर ऐसे ही सख्त कदम उठाए जाएंगे।
दरअसल, इन दिनों ज्यादातर स्कूलों में बोर्ड परीक्षाओं के अलावा गृह परीक्षाएं भी चल रही हैं। इसी के चलते कई निजी स्कूलों ने शासन के आदेश को नजरअंदाज करते हुए शुक्रवार को भी स्कूल खुले रखे। लेकिन दोपहर बाद मामला डीएम के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून आशा रानी पैन्यूली को आदेश का उल्लंघन करने वाले स्कूलों को चिह्नित करने के आदेश दिए। आदेश के बाद मुख्य शिक्षा अधिकारी ने विभाग की टीम भेज कर ऐसे स्कूलों को चिह्नित करवाया। मुख्य शिक्षा अधिकारी ने बताया कि कुल सात स्कूलों को चिह्नित किया गया है। जिसमें डालनवाला स्थित ब्राइटलैंड, जीएमएस रोड स्थित एन मैरी एवं कास्पर स्कूल, दून सरला, डीडी स्कूल और फ्यूचर एरा स्कूल शामिल हैं।
प्राथमिकता के साथ इन्हें बंद कराने के बाद कारण बताओ नोटिस दे दिए गए हैं। स्कूलों की ओर से कारण उचित नहीं मिला तो स्कूलों के खिलाफ आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा। शुक्रवार को इतनी कार्रवाई के बाद भी शनिवार को कुछ स्कूल खुले रहे। कई स्कूलों में छोटी कक्षाओं की परीक्षाएं तक हुई। डीएम डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि शासनादेश के बाद भी कई स्कूलों के खुले रहने की सूचना मिली। शासन के आदेशों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों को नोटिस दिए गए हैं। उचित जवाब नहीं मिलने पर मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा।
अब जाकर सैनिटाइजर के स्टॉक का ब्योरा तलबकोरोना वायरस के खौफ के बीच सैनिटाइजर व मास्क की कालाबाजारी को लेकर अब जाकर औषधि नियंत्रण विभाग की नींद टूटती दिख रही है। शनिवार को औषधि अनुज्ञापन अधिकारी गढ़वाल एसएस भंडारी ने देहरादून, हरिद्वार और रुड़की में सेनिटाइजर निर्माताओं के साथ बैठक की और उनसे डिस्ट्रीब्यूटरों को दिए गए स्टॉक का ब्योरा तलब किया। हालांकि, मास्क की कालाबाजारी पर सवाल अब भी बरकरार है।
औषधि अनुज्ञापन अधिकारी भंडारी ने बताया कि हरिद्वार में अग्रवाल ड्रग्स, जेनिका ड्रग्स व देहरादून के सेलाकुई में डीफोक्सिल सेनिटाइजर की निर्माता कंपनी हैं। कंपनी संचालकों से डिस्ट्रीब्यूटर्स को दिए गए स्टॉक का ब्योरा तलब करने के साथ ही समस्त होलसेल एवं रिटेलर्स की जानकारी भी मांगी गई है। उन्होंने कहा कि अगर कोई कालाबाजारी करता मिलता है तो उस पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। निर्देश जारी किए गए हैं कि ओवररेटिंग बिल्कुल न करें और गुंजाइश बनती है तो इससे कम दर पर भी इन उत्पादों को उपलब्ध कराया जाए।
मल्टीप्लेक्स में रविवार को होंगे शो, सोमवार की बुकिंग बंदकोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए राज्य कैबिनेट ने फिल्मों के शो पर भी रोक लगा दी है। हालांकि, देर शाम लिए गए निर्णय पर शासनादेश जारी नहीं किया जा सका था। इसको लेकर मल्टीप्लेक्स/सिंगल स्क्रीन संचालकों ने रविवार को शो चलाने का निर्णय लिया है। यह निर्णय इसलिए भी लिया गया कि रविवार के लिए बड़ी संख्या में एडवांस बुकिंग भी प्राप्त कर ली गई थी। दून के सिनेमाघरों में अंग्रेजी मीडियम, बागी-तीन व बल्डशॉट पिक्चर दिखाई जा रही हैं। रविवार के शो के लिए ही शनिवार देर रात तक डेढ़ हजार के करीब एडवांस बुकिंग प्राप्त कर ली गई थी। हालांकि, कैबिनेट के निर्णय को देखते हुए किसी भी मल्टीप्लेक्स में सोमवार की बुकिंग का विकल्प बंद कर दिया गया है। सिलवर सिटी मल्टीप्लेक्स के निदेशक सुयश अग्रवाल ने बताया कि रविवार को शो दिखाए जाएंगे और सोमवार से फिल्मों का प्रदर्शन बंद कर दिया जाएगा।झंडा मेले में मास्क लगाकर खरीदारी कर रहे लोगकोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इससे बचाव के लिए लोग उपाय भी करते नजर आ रहे हैं। कोरोना के चलते लोग मास्क लगाकर घर से निकल रहे हैं। देहरादून की बात करें तो इन दिनों दरबार साहिब परिसर में लगे मेले में काफी भीड़ है। मेले के दूसरे दिन शनिवार को भी काफी संख्या में लोग पहुंचे। जिनमें अधिकांश लोग मुंह पर मास्क लगाकर खरीदारी करते नजर आए। बाजार में एक दूसरे के मुंह पर मास्क देखकर लोग आपस में कोरोना की चर्चा करते दिखे। दरबार साहिब में मेडिकल टीम तैनातदरबार साहिब पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए मेला प्रबंध समिति ने मेडिकल टीम की व्यवस्था की है। दरबार साहिब के प्रबंधक केसी जुयाल ने बताया कि बुखार, सांस लेने में तकलीफ होने पर दरबार साहिब परिसर में मौजूद श्री महंत इंदिरेश अस्पताल की मेडिकल टीम तुरंत इलाज करेगी। यह टीम मेला स्थल पर 15 मार्च तक तैनात रहेगी।ढूंढने से भी नहीं मिल रहे मास्ककोरोना के भय के चलते झंडा बाजार में जाने वाले लोग दुकानदारों से मास्क की मांग कर रहे हैं। लेकिन, तकरीबन आसपास 70 दुकानें होने के बाद भी मास्क नहीं मिल पा रहे हैं। दुकानदार नीरज ने बताया कि उन्होंने मेला शुरू होने से पहले मास्क बेचने के लिए रखे थे। लेकिन, वह दो दिन में ही खत्म हो गए। कॉस्मेटिक की दुकान के मालिक गुरकीरत ने बताया कि शनिवार को उनके पास कॉस्मेटिक से ज्यादा मास्क लेने वाले ग्राहक पहुंचे। यहां की दुकानों में मास्क नहीं मिलने के कारण लोगों को मजबूरन लौटना पड़ रहा और कोरोना के भय से भी लोग ज्यादा देर मेले में नहीं टिक रहे हैं।यह भी पढ़ें: Coronavirus: उत्तराखंड में नहीं होगी आठवीं तक के छात्रों की परीक्षाकोरोना के चलते प्रदर्शन स्थगितदेवभूमि जन विकास समिति ने कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रदर्शन को स्थगित कर दिया है। समिति के संयोजक ने बताया कि आइएसबीटी कूड़ा डंप हाउस को हटाने के लेकर समिति का प्रदर्शन चल रहा है। कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते जिस पर दस अप्रैल तक रोक लगा दी है। बताया कि सोशल मीडिया के जरिये विरोध जारी रहेगा।यह भी पढ़ें: Coronavirus: उत्तराखंड में कोरोना वायरस महामारी घोषित, आइसोलेशन वार्ड के लिए 50 करोड़ मंजूर
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