Coronavirus: टाइमर-ट्रू नेट मशीन तो मिली पर लैब टेक्नीशियन नहीं, बाहर से तलाश जारी
Coronavirus जांच में तेजी लाने को मेला अस्पताल में बनाए गए कोविड अस्पताल और रुड़की सिविल अस्पताल को तीन-तीन ट्रू नेट मशीन तो उपलब्ध करा दी गईं लेकिन इन मशीनों को चलाने के लिए विभाग के पास पर्याप्त लैब टेक्नीशियन नहीं हैं।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Wed, 23 Sep 2020 10:03 AM (IST)
हरिद्वार, मनीष कुमार। कोरोना जांच में तेजी लाने को मेला अस्पताल में बनाए गए कोविड अस्पताल और रुड़की सिविल अस्पताल को तीन-तीन ट्रू नेट मशीन तो उपलब्ध करा दी गईं, लेकिन इन मशीनों को चलाने के लिए विभाग के पास पर्याप्त लैब टेक्नीशियन नहीं हैं। विभाग लैब टेक्नीशियन की तलाश में जुटा है। बाहर से लैब टेक्नीशियन लाने की भी बात कही जा रही है। ऐसे में कोरोना जांच में तेजी आ पाएगी, इस पर फिलहाल संशय है।
हरिद्वार जिले में कोरोना के मामले थम नहीं रहे हैं। सैंपलिंग बढऩे के साथ ही पॉजिटिव मरीजों का ग्राफ भी तेजी से बढ़ रहा है। वर्तमान में जिले के कोविड केयर सेंटरों में 391 मरीज भर्ती हैं। वहीं जिले में अब तक पॉजिटिव मरीजों की संख्या 7701 पहुंच गई है। सैंपलिंग में और तेजी लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए अस्पतालों को ट्रू नेट मशीनें भी मुहैया कराई जा रही हैं। सीएसआर फंड से भी स्वास्थ्य विभाग को सहयोग मिल रहा है। हाल ही, में सीएसआर मद में दो ट्रू नेट मशीन विभाग को मिली है।
इनमें एक मशीन मेला अस्पताल और दूसरी रुड़की सिविल अस्पताल को दी जाएगी। साथ ही, दोनों अस्पतालों में ट्रू नेट मशीनों की संख्या तीन-तीन हो जाएगी। इन मशीनों को चलाने के लिए विभाग के पास पर्याप्त लैब टेक्नीशियन नहीं है। फिलवक्त छह में से केवल दो मशीन चल रही है। दोनों मशीन मेला अस्पताल में चल रही हैं। रुड़की सिविल अस्पताल की तीनों मशीन बंद पड़ी हैं। ऐसे में मशीन उपलब्ध होने के बाद भी कोरोना जांच में तेजी आएगी, इस पर संशय है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग अब बाहर से लैब टेक्नीशियन की तलाश में जुटा है।
यह भी पढ़ें: Unlock 4.0: उत्तराखंड आ रहे हैं तो इस खबर को पढ़ना न भूलें, यहां आने वालों के लिए नए आदेश जारीहरिद्वार के सीएमओ एसके झा का कहना है कि सीएसआर मद से विभाग को दो ट्रूनेट मशीन मिली है। इनमें से एक रुड़की सिविल अस्पताल और एक मेला अस्पताल को मुहैया कराई जाएगी। इन्हें मिलाकर दोनों अस्पतालों में ट्रू नेट मशीनों की संख्या तीन-तीन हो जाएगी। मशीनों को संचालित करने के लिए लैब टेक्नीशियन की तलाश जारी है। कोशिश की जा रही है बाहर से लैब टेक्नीशियन की तैनाती की जाए।
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