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coronavirus: घर पर पूरी हो चुकी थी तैयारी, पर फर्ज निभाने को इस महिला सिपाही ने टाल दी शादी

सहसपुर थाने में तैनात एक महिला सिपाही ने फर्ज को बड़ा मानते हुए अपनी शादी स्थगित कर दी। एक वर्ष पहले उनकी सगाई हुई थी और बुधवार को शादी होनी थी।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Thu, 07 May 2020 10:19 AM (IST)
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coronavirus: घर पर पूरी हो चुकी थी तैयारी, पर फर्ज निभाने को इस महिला सिपाही ने टाल दी शादी
विकासनगर(जेएनएन)। कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम को लेकर सहसपुर थाने में तैनात एक महिला सिपाही ने फर्ज को बड़ा मानते हुए अपनी शादी स्थगित कर दी। एक वर्ष पहले उनकी सगाई हुई थी और बुधवार को शादी होनी थी। उन्होंने कहा कि अभी पुलिस के ऊपर जिम्मेदारियां बढ़ गई है। हालात सामान्य होने पर शादी कर लूंगी। 

मूल रूप से सलेमपुर, रुड़की, जिला हरिद्वार निवासी संगीता सैनी सहसपुर थाने में सिपाही हैं। उनका रिश्ता हरचंदपुर, जिला हरिद्वार निवासी संदीप सैनी से हुआ था। एक साल पहले उनकी सगाई हुई थी और छह मई को शादी का दिन तय किया गया था। संदीप सैनी आंचल डेरी में दुग्ध पर्यवेक्षक के पद पर कार्यरत हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते संगीता ने ड्यूटी को तरजीह देते हुए शादी को स्थगित कर दिया। संगीता ने बताया कि बुधवार को शादी की पूरी तैयारी हो चुकी थी, लेकिन उसने परिजनों को फिलहाल शादी स्थगित करने को कहा है। 

उनका कहना है कि कोरोना की रोकथाम में स्वास्थ्य कर्मियों, सफाई कर्मियों के साथ पुलिस की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है। कानून व्यवस्था देखने के साथ ही पुलिस असहाय लोगों को भोजन और अन्य जरूरत के सामान पहुंचा रही है। अपनी जिम्मेदारियों को देखते हुए ही उन्होंने शादी की डेट टाल दी है। हालात सामान्य होने पर फिर से डेट निकालकर शादी करेंगी।

पांचोई मेला स्थगित, डोली की होगी पूजा

चकराता के ग्राम पंचायत कोटा तपलाड़ में 13 और 14 मई को आयोजित होने वाले काली मां भगवती के पांचोई मेला कोरोना के कारण स्थगित कर दिया गया है। 13 मई को शुभ मुहूर्त में मां काली की डोली मंदिर से बाहर निकाली जाएगी और पूजा की जाएगी। जिसमें शारीरिक दूरी के मानक का पालन किया जाएगा।

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मंदिर समिति कोषाध्यक्ष रणवीर तोमर, ग्राम प्रधान अजय पाल, माली सुल्तान सिंह तोमर ने बताया कि कोटा, सिलामु, साहिया, सरना गांवों के मुख्य व्यक्तियों से फोन पर उनकी बात हुई है। इसके बाद पांचोई मेले को स्थगित करने का निर्णय लिया गया। 13 मई को सुबह साढ़े सात बजे मुहूर्त के बाद काली मां की डोली मंदिर से बाहर निकाली जाएगी। विधि विधान के साथ पूजा की जाएगी। जिसमें लॉकडाउन के नियमों का भी पूरी तरह से पालन किया जाएगा। बताया कि पूजा करते समय गांव के स्याना, ठाणी व माली समेत पांच लोग ही मौजूद रहेंगे। 

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