ऋषिकेश एम्स में शुरू हुई देश की पहली कैथ लैब, जानिए इसके बारे में
एम्स ऋषिकेश में देश की पहली एजोरियन मॉडल कैथ लैब का संचालन शुरू हो गया है। इस लैब की स्थापना से संस्थान में हृदय रोगियों के उपचार में अब और अधिक सहूलियत मिलेगी।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Fri, 20 Dec 2019 07:18 AM (IST)
ऋषिकेश, जेएनएन। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में देश की पहली एजोरियन मॉडल कैथ लैब का संचालन शुरू हो गया है। एम्स के हृदय रोग विभाग में इस कैथ लैब की स्थापना से संस्थान में हृदय रोगियों के उपचार में अब और अधिक सहूलियत हो जाएगी।
मंगलवार को एम्स निदेशक प्रो. रविकांत, नीति आयोग के सदस्य और आयोग की टीम के प्रमुख डॉ. वीके पॉल, एम्स दिल्ली के ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार शर्मा ने संयुक्त रूप से कॉर्डियक कैथ लैब का विधिवत उद्घाटन किया। प्रो. रविकांत ने बताया कि संस्थान में देश की पहली एजोरियन मॉडल कैथ लैब स्थापित होने से हृदय संबंधी एंजियोप्लास्टी आदि अब पहले से ज्यादा तेजी से की जा सकेगी, जिससे अधिकाधिक मरीजों की बीमारी का निदान किया जा सके। उत्तराखंड में सिर्फ एम्स संस्थान में पैदायशी दिल में छेद का दूरबीन विधि से उपचार संभव है। उन्होंने बताया कि संस्थान में पिडियाट्रिक कॉर्डियोलॉजी विभाग और एबेलेशन संबंधी बीमारियों के निदान के लिए इलेक्ट्रो फिजियोलॉजी एंड हार्ट फेलियर सब स्पेशलिटी विभाग जल्द स्थापित करने की योजना है। हृदय रोग विभागाध्यक्ष डॉ. भानु दुग्गल ने बताया कि संस्थान में अब तक रेडियोलॉजी और कार्डियोलॉजी की संयुक्त कैथ लैब कार्य कर रही थी, जिससे माहभर में विभाग में लगभग 100 एंजियोप्लास्टी के मामले किए जाते थे, विभाग की अलग लैब बनने से एंजियोप्लास्टी के मामले लगभग दोगुना हो जाएंगे।
यह भी पढ़ें: एक वर्ष के बच्चे की सफल सर्जरी कर बनाई आहार नाल Dehradun Newsइस मौके पर संस्थान के डीन ऐकेडमिक प्रो. मनोज गुप्ता, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. ब्रह्मप्रकाश, हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. रोहित वालिया, डॉ. देवेंद्र खानरा, डॉ. यश श्रीवास्तव, डॉ. बलराम जीओमर,डॉ. नवनीत कुमार बट्ट, संस्थान के अधीक्षण अभियंता सुलेमान अहमद, ईई एनपी सिंह आदि मौजूद थे।
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