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दंपती ने बैंक को लगाया एक करोड़ रुपये का चूना, तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज

रुड़की में फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के नाम पर दंपती ने सिंडीकेट बैंक की जाखन शाखा को एक करोड़ से अधिक का चूना लगा दिया। कोर्ट के आदेश पर राजपुर थाना पुलिस ने दो महिला समेत तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 18 Feb 2021 01:51 PM (IST)
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यूनिट लगाने के नाम पर दंपती ने सिंडीकेट बैंक की जाखन शाखा को एक करोड़ से अधिक का चूना लगाया।

जागरण संवाददाता, देहरादून। रुड़की में फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के नाम पर दंपती ने सिंडीकेट बैंक की जाखन शाखा को एक करोड़ से अधिक का चूना लगा दिया। कोर्ट के आदेश पर राजपुर थाना पुलिस ने दो महिला समेत तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

सिंडीकेट बैंक की जाखन शाखा के प्रबंधक आशुतोष ध्यानी ने न्यायालय में शिकायत दी। उनके अनुसार, गुरमीत कौर निवासी रुड़की ने ढंढेरा गांव में फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने का प्रस्ताव तैयार किया और बैंक में लोन के लिए आवेदन किया। बैंक ने जमा किए गए दस्तावेजों के आधार पर 2.10 करोड़ रुपये का लोन पास कर दिया। जिसमें 1.50 करोड़ रुपये टर्म लोन और शेष 60 लाख रुपये वìकग कैपिटल के रूप में स्वीकृत किए गए थे। बैंक ने लगभग 1.20 करोड़ रुपये मशीनों की खरीदारी के लिए जारी भी कर दिए।

लेकिन, जब स्थलीय निरीक्षण किया गया तो पाया कि वहां पर जो मशीनें हैं वह दर्शायी गई कीमत से काफी कम लागत की हैं। इसके बाद पड़ताल में पता चला कि प्रोसेसिंग यूनिट के लिए उपलब्ध कराए गए जमीन के कागजात में भी फर्जीवाड़ा किया गया है। हरिद्वार रजिस्ट्रार कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जमीन तरनजीत सिंह के नाम पर थी, जो उन्होंने अपनी ही पत्नी गुरमीत कौर को बेचना दर्शाया है। मामले में गुरमीत के पति और उनकी सास जसवंत कौर गारंटर बने थे। कोर्ट के आदेश के बाद राजपुर थाने में गुरमीत कौर, पति तरनजीत सिंह और सास जसवंत कौर के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया गया।

धोखाधड़ी से लिया 20 लाख रुपये का लोन

सिंडिकेट बैंक में ही कम भूमि को अधिक बताकर 20 लाख का लोन ले लिया गया। पता तब चला जब दंपती ने लोन नहीं चुकाया। कोर्ट के आदेश के बाद राजपुर थाना पुलिस ने योगीराज व उनकी पत्नी शशि निवासी रायपुर के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। सिंडीकेट बैंक की जाखन शाखा के प्रबंधक ने कोर्ट को दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि लोन वर्ष 2010 में लिया गया था। बैंक ने जब इसकी जांच शुरू की तो पता चला जिस जमीन पर लोन लिया गया था, उसकी माप ही पूरी नहीं थी।

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