Cricket Coach Assault Case: दो हफ्ते से गिरफ्तारी को चक्कर काट रही थी पुलिस, 20 घंटे बाद ही कोच जमानत पर रिहा
Cricket Coach Assault Case आरोपित क्रिकेट एसोसिएशन आफ उत्तराखंड (सीएयू) के निलंबित पदाधिकारी व लिटिल मास्टर क्रिकेट क्लब के संचालक व कोच नरेंद्र शाह को ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने जमानत पर रिहा कर दिया है। गुरुवार शाम को एम्स से छुट्टी मिलते ही पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया था।
By Soban singhEdited By: Nirmala BohraUpdated: Sat, 08 Apr 2023 07:33 AM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून: Cricket Coach Assault Case: नाबालिग समेत तीन प्रशिक्षु महिला खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न मामले में गिरफ्तार आरोपित क्रिकेट एसोसिएशन आफ उत्तराखंड (सीएयू) के निलंबित पदाधिकारी व लिटिल मास्टर क्रिकेट क्लब के संचालक व कोच नरेंद्र शाह को ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने जमानत पर रिहा कर दिया है।
दो सप्ताह से पुलिस आरोपित की गिरफ्तारी के लिए चक्कर काट रही थी, लेकिन पुलिस उसे जेल नहीं भिजवा पाई। कोर्ट ने कहा आरोपित के खिलाफ जो धाराएं हैं सब में सजा सात साल से कम हैं। ऐसे में आरोपित को जेल नहीं भेजा जा सकता है।
छेड़छाड़, एससी-एसटी एक्ट और पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा
आरोपित के विरुद्ध तीनों प्रशिक्षु खिलाड़ियों ने नेहरू कालोनी थाने में छेड़छाड़, एससी-एसटी एक्ट और पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करवाया था। आरोपित भारतीय महिला क्रिकेट टीम की एक सीनियर खिलाड़ी का कोच भी रहा है।इससे पहले मंगलवार देर शाम आरोपित नरेंद्र शाह को पेट में दर्द की शिकायत पर दून अस्पताल से चिकित्सकों ने रेफर कर दिया था, जिसके बाद उन्हें ऋषिकेश स्थित एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) में भर्ती कराया गया था। गुरुवार शाम को एम्स से छुट्टी मिलते ही पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी भी पांच घंटे बाद दिखाई।
नेहरू कालोनी के थानाध्यक्ष लोकेंद्र बहुगुणा ने बताया कि शुक्रवार को आरोपित को ड्यूटी मजिस्ट्रेट एसीजेएम-4 अभिषेक श्रीवास्तव की कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने अदालत को बताया कि आरोपित पर लगे आरोप गंभीर हैं। वह बाहर रहकर गवाहों को प्रभावित कर सकता है, इसलिए उसे न्यायिक हिरासत में भेजा जाए।
अदालत ने कहा कि आरोपित कोच पर लगी धाराओं में सजा सात साल से कम है। सर्वोच्च न्यायालय की गाइडलाइन के अनुसार सात साल से कम सजा वाले आरोपित को न्यायिक हिरासत में नहीं भेजा जा सकता। ऐसे में कोर्ट ने आरोपित को 10 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा कर दिया।
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