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देहरादून में करोड़ों का है नशे का काला कारोबार, पढ़िए पूरी खबर

दून शहर मादक पदार्थों की तस्करी का हब बनता जा रहा है। तस्करों के निशाने पर अब स्कूल-कॉलेज से लेकर हॉस्टल तक आ गए हैं, जहां हर रोज मादक पदार्थों की खेप पहुंच रही है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 05 Feb 2019 12:54 PM (IST)
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देहरादून में करोड़ों का है नशे का काला कारोबार, पढ़िए पूरी खबर
देहरादून, जेएनएन। मादक पदार्थों का कारोबार दून में तेजी से फलफूल रहा है। इस काले कारोबार में तस्करों और सप्लायरों के हौसले इस कदर बुलंद हो रहे हैं कि वह खाकी गिरेबान पर भी हाथ डालने से नहीं चूक रहे। पिछले दिनों विकासनगर के मेहूवाला में मादक पदार्थ नशीली (सामग्री) जब्त करने गई पुलिस टीम पर हुआ हमला दून के नशाखोरी की गिरफ्त में आने के गंभीर होते हालात को बयां करने के लिए काफी है।

हालिया वर्षों में करोड़ों के इस कारोबार में तीन गुने तक का इजाफा हुआ है। आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2017 में जहां 19.36 लाख रुपये कीमत का ड्रग्स बरामद हुआ था, वहीं पिछले साल के शुरुआती छह महीनों में यह आंकड़ा 69 लाख रुपये से भी ऊपर पहुंच गया है। हालांकि, मादक पदार्थों की यह वह खेप है जो पुलिस के हाथ लगी। सूत्रों की मानें तो दून शहर से राज्य के पर्वतीय इलाकों तक फैले मादक पदार्थों का काला कारोबार करोड़ों रुपए तक पहुंच गया है।

दून शहर मादक पदार्थों की तस्करी का हब भी बनता जा रहा है। तस्करों के निशाने पर अब स्कूल-कॉलेज से लेकर हॉस्टल तक आ गए हैं, जहां हर रोज मादक पदार्थों की खेप बेरोक-टोक पहुंच रही है। दून में नशे के सामानों की खेप पश्चिमी यूपी और पंजाब के रास्ते यहां हर रोज पहुंच रही है। नशे के खिलाफ अभियान के दौरान पिछले दिनों करीब आधा दर्जन ऐसे रैकेटियर पकड़े गए जो केवल स्कूल-कालेजों में ही ड्रग्स की सप्लाई करते थे। इसमें बस कंडक्टर से लेकर वाहन चालक तक शामिल हैं।

दून पुलिस की कार्रवाई चंद रैकेटियरों तक ही सिमटने का ही नतीजा रहा कि हाल के वर्षों में मादक पदार्थों का कारोबार तीन गुने रफ्तार से कुलाचें भरता नजर आया। पुलिसिया कार्रवाई के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस बात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि किस कदर से राजधानी नशे के भंवर में उलझती जा रही है। वर्ष 2017 में जनवरी से लेकर मई महीने तक 19 लाख 36 हजार रुपये कीमत का ड्रग्स पकड़ा गया था, जबकि वर्ष 2018 के गुजरे पांच महीने में 69 लाख रुपये कीमत का मादक पदार्थ बरामद किया जा चुका है। 

119 रैकेटियर चढ़े पुलिस के हत्थे

मुखबिर तंत्र से नशे के कारोबार के बढ़ने की भनक लगी तो पुलिस ने भी अभियान छेड़ दिया। गत पांच महीनों के दौरान मादक पदार्थों की तस्करी में संलिप्त 119 रैकेटियर गिरफ्तार हो चुके हैं। लेकिन इसके बाद भी कारोबार पहले की ही तरह बेखौफ चल रहा है।

वर्ष 2018 में बरामद ड्रग्स

मादक पदार्थ-मात्रा-कीमत 

चरस-18.69 किग्रा-18.69 लाख

स्मैक-462.29 ग्राम-46.22 लाख

गांजा-43.87 किग्रा-43 हजार

अफीम-132 किग्रा-26.52 लाख

जागरण से करें साझा अपने प्रयास

नशे के बढ़ते प्रचलन को दृष्टिगत रखते हुए दैनिक जागरण इसके दुष्प्रभावों के प्रति आमजन को जागरुक करने का प्रयास कर रहा है। इसमें हम आप सभी की भागीदारी चाहते हैं। अगर आपके आसपास कोई नशा बेचता है या फिर अपने इर्द-गिर्द के युवाओं व अन्य किसी शख्स को आप नशे की लत की तरफ बढ़ते देखते हैं उसे रोकिए, जगाइये कि नशा उसकी जिंदगी लील लेगा। आपके इन प्रयासों से हमारे अभियान को बल मिलेगा। साथ ही आप नशे की गिरफ्त में आ रही जिंदगियों को बचाने में भागीदार बनेंगे। यदि नशे की प्रवृति को रोकने के लिए आपने अभी तक कोई प्रयास किए हैं, नशे की वजह से किसी की जिंदगी तबाह होने से बचाई है, तो हमसे साझा करें अपनी बात।

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नशेड़ियों के कानफोड़ू  संगीत से लोग परेशान

जीएमस रोड पर खुली छत वाले रेस्तरांओं ने क्षेत्र का माहौल बिगाड़ दिया है। यहां शाम ढलने के बाद शराब और विभिन्न तरह के नशे में झूमते युवा तो नजर आते ही हैं। साथ ही कानफोड़ू संगीत लोगों की नींद उड़ा देता है। इससे स्थानीय लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के क्षेत्रीय आयुक्त मनोज कुमार यादव बताते हैं कि वह कई दफा पुलिस से शिकायत कर चुके हैं, मगर कार्रवाई नहीं की जा रही। ईपीएफओ का कार्यालय भी इसी क्षेत्र में है।

दैनिक जागरण के नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान की सराहना करते हुए क्षेत्रीय आयुक्त यादव ने कहा कि जीएमएस रोड पर कई रेस्तरां हैं, जिनका संचालन छत पर किया जाता है। हुक्का बार की आड़ में युवाओं को नशा परोसने की बात भी सामने आती है। इसके साथ ही शराब के नशे में कानफोड़े संगीत पर युवा झूमते नजर आते हैं। शिकायत करने पर पुलिस उस समय तो संगीत बंद करा देती है, मगर अगले दिन हालात फिर वैसे ही नजर आते हैं। इस पर अंकुश लगाने को वह एनजीटी को भी शिकायत भेज चुके हैं। क्षेत्रीय आयुक्त का कहना है कि राजपुर रोड क्षेत्र में भी इस तरह के मामलों पर वहां के संगठन आवाज उठा रहे हैं। उनकी अपील है कि सभी संगठनों को एकजुट होकर इस सामाजिक बुराई के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।

नशा छोड़ सकारात्मक कार्य में ऊर्जा लगाएं युवा

युवा नशा छोड़ अपनी ऊर्जा को सकारात्मक कार्य में लगाएं। ड्रग का सेवन युवाओं को अपराध की दुनिया में धकेल रहा है। इससे कई परिवार बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं। मेरी युवाओं से अपील है कि वह नशे की तरफ न जाएं और नशा बेचने वालों को सलाखों के पीछे पहुंचाने में पुलिस की मदद करें। कई युवा नशे की लत के चलते हंसती-खेलती जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं। इसके लिए काफी हद तक अभिभावक और युवाओं की संगत भी जिम्मेदार है। अभिभावकों का ध्यान हटते ही बच्चा गलत लोगों की संगत में आ जाता है। इसलिए माता-पिता अपने बच्चे की हर गतिविधि पर नजर रखें। साथ ही परेशानी में भी उनके साथ खड़े हों।

 बोले अधिकारी

अशोक कुमार ( पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था) का कहना है कि आज के दौर में जरूरी है कि अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाया जाए। ताकि देश और समाज के लिए कुछ प्रोडक्टिव किया जा सके। मैं नशे के दलदल में फंसे युवाओं से अपील करता हूं कि वह नशे को छोड़कर मुख्य धारा के साथ कदम मिलाएं। कई बार गलत चीजें उन्हें अपनी ओर खींचती हैं, मगर दृढ़ इच्छाशक्ति के दम पर इनसे पार पाया जा सकता है। साथ ही जागरूक युवाओं से अपील है कि वह नशे का कारोबार करने वालों को पकड़वाने में पुलिस की मदद करें। ऐसे लोगों की जानकारी पुलिस को दें, उनका नाम भी गुप्त रखा जाएगा। 

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