दफ्तर खुलते ही आरटीओ में धमक पड़ी भीड़, इंतजार के बाद कई लौटे Dehradun News
दो मार्च से ठप पड़े आरटीओ कार्यालय को लगभग पौने चार माह बाद आमजन के लिए खोला गया तो ड्राइविंग लाइसेंस बनाने को भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान कई को बैरंग लौटना पड़ा।
By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Updated: Tue, 23 Jun 2020 09:23 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। दो मार्च से ठप पड़े आरटीओ कार्यालय को लगभग पौने चार माह बाद आमजन के लिए खोला गया तो ड्राइविंग लाइसेंस बनाने को भीड़ उमड़ पड़ी। हालांकि, अधिकारियों की ओर से जो एसओपी बनाई गई थी, उसमें साफ था कि अभी लर्निग व परमानेंट लाइसेंस नहीं बनेंगे। इसके बावजूद लोगों ने इसकी परवाह नहीं की और घंटों इंतजार के बाद बैरंग ही लौटे। अभी सिर्फ लाइसेंस के पूर्व में जारी परमानेंट लाइसेंस के रिन्यूवल, नाम-पते में बदलाव या डुप्लीकेट लाइसेंस बनाने का काम ही शुरू किया गया है।
कोरोना के चलते यूं तो ज्यादातर सरकारी दफ्तर में आमजन के कामकाज 22 मार्च से बंद हैं। आरटीओ में कामकाज बीती दो मार्च से बंद है। दरअसल, दो मार्च को प्रदेश में जनरल-ओबीसी कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे, जिससे आरटीओ में समूचा कामकाज ठप पड़ गया था। हड़ताल खुलते ही कोरोना का लॉकडाउन लग गया।
इससे न तो लर्निग ड्राइविंग लाइसेंस बन पाए और न ही लर्निग से परमानेंट। सरकार ने कोरोना अनलॉक के तहत सरकारी दफ्तरों में जनता के कार्य शुरू करने की अनुमति दी तो बीते हफ्ते परिवहन विभाग ने भी एसओपी बनाई और पहले चरण में सभी कार्यो के लिए सौ आवेदन लेने की बात कही।आदेश दिए गए कि आवेदक को पहले दिन फोन पर आवेदन बुक कराना होगा व अगले दिन वह कागज या टैक्स आदि जमा करने कार्यालय आएगा। फिर तीन दिन बाद उसके प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे। लर्निग व लर्निग से परमानेंट लाइसेंस का काम इस दौरान पूरी तरह प्रतिबंधित रखा गया।
इसके बावजूद जब दफ्तर खुला तो गेट पर लाइसेंस बनाने वालों की भीड़ लग गई। आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई ने गेट पर आकर भीड़ को समझाया कि अभी लर्निग व परमानेंट लाइसेंस नहीं बनेंगे, मगर लोग जिद पर अड़े रहे। इसके अलावा फोन नंबर न मिलने के कारण कुछ लोग व्यक्तिगत रूप ही आवेदन लेकर दफ्तर पहुंच गए।आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई ने कहा कि अभी लर्निग ड्राइिवंग लाइसेंस और परमानेंट लाइसेंस बनाने का काम पूरी तरह से बंद है। यह काम शुरू करने से पूर्व हमें एनआइसी के जरिये सॉफ्टवेयर में बदलाव कराना होगा। जिन लोगों ने पूर्व में आवेदन किया है और उन्हें लॉकडाउन के दौरान की जो तारीख परीक्षा के लिए मिली थीं, उनमें बदलाव किया जाएगा। इसमें काफी समय लगेगा। यह कार्य दूसरे चरण में शुरू होंगे।
पहले दिन 59 आवेदनपहले दिन आरटीओ में पांच कार्यो के लिए 59 आवेदन आए। हालांकि, हर आवेदन के लिए 20-20 संख्या तय है, लेकिन ड्राइविंग लाइसेंस व टैक्स संबंधित मामलों में ही 20-20 आवेदन आए। बाकी परमिट के लिए छह, फिटनेस के लिए चार और प्रवर्तन कार्रवाई व चालान के लिए नौ आवेदन आए। अब यह आवेदक आरटीओ दफ्तर आकर कागजात, टैक्स आदि जमा कराएंगे। फिटनेस के लिए वाहन को आशारोड़ी ले जाना होगा।
आवेदन 11 बजे से, फिटनेस तीन बजेसभी कार्यो के लिए आवेदन सुबह 11 बजे से दोपहर दो बजे तक ही किए जाएंगे। इनमें फोन कॉल पर पूर्व आवेदन एवं दफ्तर में कागज जमा कराना भी शामिल है। वहीं, वाहनों की फिटनेस आशारोड़ी चेकपोस्ट पर दोपहर तीन बजे से शाम पांच बजे तक की जाएगी। इसके लिए आरआई को दोपहर दो बजे दफ्तर से मुक्त कर चेकपोस्ट पर भेजा जाएगा। फिटनेस का प्रिंट भी चेकपोस्ट पर देने की तैयारी की जा रही।
20 मिनट देर से चालू हुआ नंबरआरटीओ कार्यालय के जिस फोन नंबर (0135-2743432) पर आवेदकों को आवेदन करना था, वह पहले ही दिन 20 मिनट तक बंद पड़ा रहा। आवेदन के लिए 11 बजे से दोपहर दो बजे तक कॉल करने का समय तय है। आरटीओ ने बताया कि नंबर शुक्रवार शाम को ठीक करा लिया गया था, मगर शनिवार को फिर बंद हो गया। शनिवार और रविवार को दून में साप्ताहिक बंदी के कारण नंबर ठीक नहीं हो पाया। सुबह ही बीएसएनएल आफिस पहुंचकर नंबर को ठीक कराया। आरटीओ ने बताया कि नंबर 11:20 बजे शुरू हो गया था। नंबर देर से शुरू होने के कारण पहले दिन उन लोगों के आवेदन भी मंजूर किए गए जो गेट पर पहुंचे थे। अब व्यक्तिगत रूप से कोई आवेदन नहीं लिया जाएगा।
बसों के परमिट सरेंडर होने शुरूलॉकडाउन के कारण खड़ी निजी बसों के संचालकों ने अपने परमिट सरेंडर करने शुरू कर दिए हैं। सोमवार को एक निजी बस के स्वामी ने सरेंडर का आवेदन दिया। आवेदन व्यक्तिगत रूप से आरटीओ को दिया गया। अधिकारियों ने इसे ऑनलाइन सरेंडर करने का प्रयास किया, लेकिन सॉफ्टवेयर में यह संभव नहीं हो पाया। जिस पर मैनुअल ढंग से परमिट सरेंडर किया गया। आरटीओ की ओर से एनआइसी से संपर्क किया गया है। उन्होंने परमिट सरेंडर प्रक्रिया ऑनलाइन जोड़ने की मांग की है।
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आरटीओ में जो भी आवेदक मंगलवार से आएंगे उनकी थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य रूप से की जाएगी। इसके बाद हाथ सैनिटाइज कराकर उन्हें निर्धारित दूरी पर बनाए गोलों में खड़ा किया जाएगा। आरटीओ ने बताया कि आवेदकों के कागजों को भी सैनिटाइज किया जाएगा।यह भी पढ़ें: रोडवेज में ड्यूटी के नए नियम, एक दिन नहीं आए तो दो दिन अनुपस्थित
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