उत्तराखंड में 20 फीसद खर्च पर किसानों को मिलेंगे सोलर पंप, पढ़िए पूरी खबर
प्रदेश के किसानों को 7.5 हॉर्सपावर के सोलर पंप की स्थापना को 50 फीसद मदद केंद्र और 30 फीसद मदद राज्य सरकार करेगी। मात्र 20 फीसद धनराशि का भार किसान पर पड़ेगा।
By Edited By: Updated: Sat, 12 Oct 2019 08:20 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून। किसानों की ऊर्जा की जरूरतें पूरी करने और उन्हें सौर ऊर्जा उत्पादन से जोड़कर आर्थिक रूप से सक्षम बनाने को केंद्रपोषित किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाभियान योजना (कुसुम) के तीन भागों में सिर्फ दो भागों पर ही उत्तराखंड काम करेगा। इसके तहत प्रदेश के किसानों को 7.5 हॉर्सपावर के सोलर पंप की स्थापना को 50 फीसद मदद केंद्र और 30 फीसद मदद राज्य सरकार करेगी। मात्र 20 फीसद धनराशि का भार किसान पर पड़ेगा।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में कुसुम और ग्रिड कनेक्टेड रूफ टॉप सोलर कार्यक्रम के क्रियान्वयन को लेकर बैठक हुई। बैठक में बताया गया कि कुसुम के एक भाग यानी कंपोनेंट-ए के तहत राज्य के किसान 500 किलोवाट से दो मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट की स्थापना कर सकते हैं। राज्य में सौर नीति के तहत पर्वतीय क्षेत्रों में 200 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। लिहाजा कुसुम के इस भाग से संबंधित कार्यक्रम और राज्य की नीति में अंतर होने की वजह से व्यावहारिक दिक्कतें हो सकती हैं।
इसे देखते हुए इस भाग के लिए कुसुम योजना को अगले छह माह तक स्थगित किया गया है। कुसुम योजना के दूसरे भाग यानी कंपोनेंट बी के तहत डीजल पंप से सिंचाई कर रहे किसानों को 7.5 हॉर्सपावर तक के आकार के सोलर पंप की स्थापना के लिए अनुदान मिलेगा। सिर्फ 20 फीसद आर्थिक भार किसान को उठाना पड़ेगा। इस भाग का क्रियान्वयन लघु सिंचाई करेगा। लघु सिंचाई विभाग उद्यान, कृषि, सिंचाई, यूपीसीएल, उरेडा से समन्वय कर ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से प्रस्ताव मांगेगा। इन्हें एक माह में एमएनआरई केंद्र सरकार को भेजने की कार्यवाही की जाएगी।
तीसरे भाग यानी कंपोनेंट-सी के तहत यूपीसीएल को क्रियान्वयन एजेंसी नामित किया गया है। इसके लिए भी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से प्रस्ताव आमंत्रित कर एक माह में केंद्र सरकार को भेजे जाएंगे। वहीं, ग्रिड कनेक्टेड रूफ टॉप सोलर कार्यक्रम के लिए यूपीसीएल को क्रियान्वयन एजेंसी बनाया गया है। इस कार्यक्रम के लिए भी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में गेहूं उत्पादन राष्ट्रीय औसत का महज 13 फीसद, पढ़िए पूरी खबर
इस योजना का शुभारंभ नौ नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री शुरू करेंगे। बैठक में ऊर्जा सचिव राधिका झा, सिंचाई सचिव भूपेंद्र कौर औलख, अपर सचिव रामविलास यादव, आलोक शेखर तिवारी, यूपीसीएल निदेशक अतुल अग्रवाल, विद्युत नियामक आयोग सचिव नीरज सती, लघु सिंचाई मुख्य अभियंता और विभागाध्यक्ष मो. उमर, सिंचाई मुख्य अभियंता और विभागाध्यक्ष मुकेश मोहन मौजूद थे।यह भी पढ़ें: अखरोट और बादाम से संवरेगी उत्तराखंड के ग्रामीणों के आर्थिकी, पढ़िए पूरी खबर
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