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शराब ठेके की राह सुगम, जनता के लिए कर दिए कट बंद Dehradun News

रिस्पना पुल से लेकर मोहकमपुर रेलवे ओवर ब्रिज तक की लंबाई करीब चार किलोमीटर है। मगर इस चार किलोमीटर पर यातायात सुरक्षा के मानक पुलिस और राष्ट्रीय राजमार्ग खंड के लिए अलग-अलग हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Wed, 13 Nov 2019 08:25 PM (IST)
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शराब ठेके की राह सुगम, जनता के लिए कर दिए कट बंद Dehradun News
देहरादून, जेएनएन। रिस्पना पुल से लेकर मोहकमपुर रेलवे ओवर ब्रिज तक की लंबाई करीब चार किलोमीटर है। मगर, इस चार किलोमीटर पर यातायात सुरक्षा के मानक पुलिस और राष्ट्रीय राजमार्ग खंड के लिए अलग-अलग हैं। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि इस पूरे क्षेत्र का जायजा लेकर कोई भी आम आदमी यह बात कह सकता है। शुरुआत के दो किलोमीटर पर तीन कट खुले हैं, जबकि इसके बाद के दो किलोमीटर पर एक भी कट नहीं है। इस भाग पर जो एक कट विवेकानंद ग्राम के सामने खुला भी था, उसे सोमवार दोपहर को बंद कर दिया गया। 

यह तो रही यातायात सुरक्षा को लेकर एक ही सड़क पर पुलिस और लोनिवि के मानकों में भिन्नता की बात। अब इस पूरे चार किलोमीटर हिस्से को लोगों की जरूरत व सुगम आवागमन के हिसाब से देखते हैं। रिस्पना पुल के बाद के पहले दो किलोमीटर भाग पर राजीव नगर का क्षेत्र है और दूसरे छोर पर शास्त्रीनगर है। जो कि जनसंख्या के हिसाब से अगले दो किलोमीटर के मुकाबले 30 फीसद से अधिक नहीं है। क्योंकि कैलाश अस्पताल के बाद जिस जोगीवाला चौक को बंद कर दिया गया है, वह रिंग रोड को जोड़ता है, जो मसूरी जाने का वैकल्पिक मार्ग भी है। 

इसके अलावा एक छोर पर अलकनंदा एन्क्लेव, शताब्दी एन्क्लेव, विवेकानंद ग्राम, राजेश्वरी पुरम, नत्थनपुर समेत एक दर्ज क्षेत्र हैं। वहीं, दूसरी तरफ बद्रीश कॉलोनी, माजरी और आसपास के एक दर्जन से अधिक इलाके हैं। एक मोटा अनुमान भी लगाया जाए कि कम से कम 50 हजार की आबादी सीधे तौर पर इस भाग से जुड़ी है। दोनों तरफ के लोगों को किसी न किसी समय आते-जाते समय जोगीवाला चौक से मोहकमपुर रेलवे ओवर ब्रिज के बीच के कट की जरूरत पड़ती है। अब उनके पास यही विकल्प रह गया है कि वह आते-जाते समय मोहकमपुर तक का चक्कर लगाकर ही मुड़ सकते हैं। यानी कि दो किलोमीटर का उन्हें अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ रहा है। 

शास्त्रीनगर शराब ठेके पर कहां गई सुरक्षा? 

सुप्रीम कोर्ट ने जब पूर्व में राजमार्गों से शराब के ठेकों को शिफ्ट करने का आदेश दिया था, तब इसी बात पर चिंता व्यक्त की गई थी कि लोग शराब लेने के लिए हड़बड़ी में रोड क्रॉस करते हैं और हादसे का शिकार हो जाते हैं। हालांकि, पुलिस या संबंधित विभाग को ऐसी चिंता से फर्क नहीं पड़ता है। तभी तो शराब के ठेके के पास का कट खुला रखा गया है। यह कट ठेके के सामने भी नहीं है, लिहाजा लोग शराब ठेके तक आने-जाने के लिए कुछ मीटर रॉन्ग साइड भी सफर तय कर देते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं रिस्पना पुल (जहां विधानसभा तिराहा है) के पास पूरा तिराहा होने के बाद भी इससे कुछ मीटर दूरी पर एक कट खुला है। राजीव नगर की तरफ आने-जाने वाले लोग तिराहे तक की चंद मीटर की दूरी तय करने की जगह राजीव नगर या विधानसभा की तरफ रॉन्ग साइड का ही सफर तय कर रहे हैं। 

आबादी क्षेत्र में जनता की सुविधा का ख्याल रखना भी जरूरी 

राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े ऐसे क्षेत्र, जहां बड़ी संख्या में लोग निवास करते हैं, उसे बिल्टअप एरिया कहा जाता है। ऐसे इलाकों में मानकों को लोगों की जरूरत के हिसाब से शिथिल किया जाता है। जब तक यातायात सुरक्षा को लेकर गंभीर स्थिति पैदा न हो, तब तक जहां-तहां कट बंद नहीं किए जाते। इसके अलावा निश्चित दूरी पर कट खोलने या उसकी जगह यू-टर्न बनाने की व्यवस्था रहती है। पुलिस झटपट कट तो बंद कर देते हैं, मगर लोनिवि के साथ मिलकर कट की जगह यू-टर्न बनाने पर विचार नहीं किया जाता। 

कैलाश अस्पताल के पास 30 मीटर पर दो कट 

कैलाश अस्पताल के पास और इससे 30 मीटर की दूरी पर शास्त्रीनगर और शास्त्री एन्क्लेव के सामने का कट खुला है। यह स्थिति तब है, जब यहां से गुजरने वाले लोगों की संख्या बेहद कम रहती है। 

जोगीवाला चौक चौड़ा हो जाए, तब मिलेगी कुछ राहत 

जोगीवाला चौक के पास एकमात्र खुले कट के भी बंद कर दिए जाने के बाद आसपास के लोगों को आवागमन में काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। यदि इस कट को नहीं खोला जाता है तो एकमात्र विकल्प जोगीवाला चौक ही बचता है और निकट भविष्य में इसके चौड़ीकरण के भी आसार नजर नहीं आ रहे। वह इसलिए कि सरकार के पास जमीन अधिग्रहण के लिए 35 करोड़ रुपये नहीं हैं। चौक को चौड़ा करने को 40 करोड़ रुपये की परियोजना में महज पांच करोड़ रुपये ही खर्च होने हैं और शेष राशि भारी पड़ रही है। इस चौड़ को चौड़ा करना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि चौक को बीचों-बीच दो भागों को बांट दिए जाने के बाद बड़े वाहनों को मुडऩे में काफी समय लग जाता है। इससे अनावश्यक रूप से जाम की समस्या भी बढ़ रही है। 

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राष्ट्रीय राजमार्ग खंड के अधिशासी अभियंता ओपी सिंह का कहना है कि विवेकानंद ग्राम की तरफ से आने वाली सड़क के सामने वाला कट पुलिस ने बंद कराया है। इसकी जानकारी खंड को दी गई। रिस्पना पुल की तरफ वाले कट को लेकर यदि पुलिस सहमति मांगेगी तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने किस आधार पर इन कट को बंद करने की जरूरत समझी, यह पुलिस ही बता सकती है।

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वहीं, एसपी ट्रैफिक प्रकाश चंद्र ने बताया कि हरिद्वार रोड पर जो कट बंद किए गए हैं, उन पर पहले भी बैरियर लगे हुए थे। सड़क हादसों के खतरे को देखते हुए कट बंद कराए गए हैं। जहां तक असुविधा की बात है तो लोगों के जीवन को सुरक्षित बनाना और यातायात को सुगम बनाना पुलिस का पहला दायित्व है। इस तरह के शहर में स्थित और भी कट आने वाले समय में बंद कराए जाएंगे। 

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