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Dehradun News: साइबर ठगों ने मर्चेंट नेवी अफसर को 24 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा, 32 लाख रुपये ठगे

Dehradun News साइबर ठगों ने देहरादून के एक मर्चेंट नेवी अफसर को खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच और सीबीआई का अधिकारी बताकर 24 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट में रखा और 32 लाख रुपये ठग लिए। आरोपितों ने उनके नाम पर एक पार्सल में पासपोर्ट क्रेडिट कार्ड और एमडीएमए नशा होने की बात कहकर धमकाया। साइबर क्राइम थाने में पीड़ित अफसर ने अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है।

By Soban singh Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sat, 09 Nov 2024 08:42 AM (IST)
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Dehradun News: खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर का उपयोग किया गया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच और सीबीआई का अधिकारी बताकर व गिरफ्तारी का खौफ दिखाकर साइबर ठगों ने देहरादून निवासी मर्चेंट नेवी अफसर को न केवल 24 घंटे डिजिटल अरेस्ट रखा, बल्कि उनसे 32 लाख रुपये भी ठग लिए।

अफसर के नाम पर एक पार्सल में पासपोर्ट, क्रेडिट कार्ड व एमडीएमए नशा होने की बात कहकर आरोपितों ने मर्चेंट नेवी अफसर को धमकाया। साइबर क्राइम थाने में पीड़ित अफसर ने अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है।

साइबर थाने में दी तहरीर में रोहित निवासी वसंत विहार ने बताया कि वह मर्चेंट नेवी में तैनात हैं। 30 अक्टूबर की दोपहर को उन्हें अज्ञात व्यक्ति ने फोन किया और खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच अंधेरी से बताया। आरोपित ने बताया कि उनके नाम पर एक पार्सल मुंबई कस्टम ने पकड़ा है, जिसमें पासपोर्ट, क्रेडिट कार्ड्स और एमडीएमए नशा है।

इसके बाद उन्होंने रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए एक पुलिसकर्मी से वीडियो कॉल के माध्यम से बात कराई। व्यक्ति पुलिस की वर्दी में था जिसने पार्सल के बारे में पूछताछ की और फिर एक अन्य व्यक्ति के साथ जोड़ा जिसने खुद को सीबीआई का अधिकारी बताया। उन्हें 24 घंटे में गिरफ्तार करने का खौफ दिखाकर वीडियो कॉल पर गिरफ्तारी वारंट भी दिखाया।

24 घंटे तक रखा डिजिटल अरेस्ट

आरोपित ने तत्काल मुंबई पुलिस स्टेशन पहुंचने या वीडियो काल पर लगातार बात करने को कहा। इसके बाद उन्हें एक नोटिस भेजा जोकि सर्वोच्च न्यायालय का लग रहा था। आरोपितों ने लगातार बात करने और कहीं भी यात्रा न करने के लिए भी कहा।

सीबीआई व मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर धमकाते रहे ठग

शिकायतकर्ता ने बताया कि वह इतने डर गए थे कि वह घटना के बारे में किसी को बता नहीं सके, क्योंकि उन्हें जेल जाने का डर लग रहा था। आरोपितों ने उन्हें 30 अक्टूबर को दोपहर दो बजे से लेकर 24 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा। ठगों ने कहा कि उनके नाम से 57 लाख रुपये का अवैध लेनदेन हुआ है। कहा कि उनके खाते में जितनी भी धनराशि है वह सब ट्रांसफर करो। जांच के बाद धनराशि वापस कर दी जाएगी।

शिकायतकर्ता ने अपने खाते से 32,31,798 रुपये स्थानांतरित किए। इसके बाद भी उन्हें धमकी दी कि यदि खाते में और धनराशि है तो वह भी भेजो क्योंकि खाते फ्रीज होने जा रहे हैं। तब उन्हें एहसास हुआ कि वह ठगी के शिकार हो गए हैं।

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