Daggamar Bus Seize: विभाग के टैक्स को चपत लगा दौड़ रही डग्गामार बसें, छह सीज; चार 'कैद'
Daggamar Bus Seize परिवहन विभाग के टैक्स को चपत लगाकर दौड़ रहीं बसों पर कार्रवाई लगातार जारी है। रविवार देर रात से सोमवार दोपहर तक परिवहन विभाग ने छह डग्गामार बसों को सीज किया। वहीं चार बसों को कैद किया गया।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Tue, 07 Sep 2021 01:37 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून। Daggamar Bus Seize सचिव परिवहन डा. रणजीत सिन्हा के आदेश पर प्रदेश में परिवहन विभाग के टैक्स को चपत लगाकर दौड़ रहीं बसों पर कार्रवाई लगातार जारी है। रविवार देर रात से सोमवार दोपहर तक परिवहन विभाग ने छह डग्गामार बसों को सीज किया। चेकिंग से बचने को लेकर आइएसबीटी के पास चार डग्गामार बसों के चालक-परिचालक बसों को लावारिस छोड़ फरार हो गए। आरटीओ प्रवर्तन संदीप सैनी ने तत्काल दो रोडवेज बस मंगाकर इन चार बसों के आगे-पीछे खड़ी करा दीं और उनका चालान कर रास्ता बंद दिया। इनके मालिक को दस्तावेजों के साथ आरटीओ कार्यालय बुलाया गया है व बसों की तकनीकी जांच के आदेश भी दिए गए।
डग्गामार डीलक्स बसें सिर्फ अवैध रूप से यात्री ही नहीं बैठा रहीं, बल्कि परिवहन नियमों की धज्जियां भी उड़ा रहीं। परिवहन टीम के मुताबिक ज्यादातर बसों के चेसिस नियम विरुद्ध अधिक हैं और इनमें सीटें भी ज्यादा लगाई गई हैं। यही नहीं कुछ बसों में परमिट और बीमे के कागज भी नहीं मिले। यह बसें देहरादून, ऋषिकेश और हरिद्वार से दिल्ली, आगरा, जयपुर, अलीगढ़, लखनऊ व कानपुर आदि के लिए संचालित हो रही हैं और उत्तराखंड को टैक्स में करोड़ों रुपये की चपत लगा रहीं।
इस मामले में परिवहन सचिव ने शुक्रवार को देहरादून आइएसबीटी का निरीक्षण किया था और आइएसबीटी के आसपास से डग्गामार बसों के संचालन पर नाराजगी जताई थी। उनकी चेतावनी के बाद शनिवार को आरटीओ प्रवर्तन संदीप सैनी ने दून, हरिद्वार, ऋषिकेश व रुड़की एआरटीओ को डग्गामार वाहनों पर कार्रवाई का आदेश दिया था। इसी क्रम में टीमों ने शनिवार को नौ बसें सीज की थीं, जबकि अब सोमवार को छह बसें सीज की गईं। इनमें एक स्कूल बस भी है, जिसका परमिट सरेंडर चल रहा है और इसका संचालन किया जा रहा था। डग्गामार बसों में नियम विरुद्ध आनलाइन टिकट बुकिंग भी की जा रही थी।
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सीज की गईं ज्यादातर बसें स्लीपर हैं, जो आगरा, जयपुर और लखनऊ के लिए चल रही थीं। परिवहन टीमों ने जब यात्रियों को उतारा तो उन्होंने हंगामा भी किया। यात्रियों का कहना था कि वे लोग रात को सोते हुए सफर करना चाहते हैं। इसलिए, निजी बसों में टिकट बुकिंग कराते हैं। वहीं, कोई यात्री अपने साथ बच्चे होने की बात कहकर इन स्लीपर बस में सफर आरामदायक बता रहा था। उनका आरोप था कि रोडवेज के पास स्लीपर बस नहीं है, ऐसे में वह रोडवेज की बस में सफर क्यों करें। बहरहाल, परिवहन विभाग ने यात्रियों को बामुश्किल समझाया और बाद में रोडवेज बसें मंगाकर यात्रियों को रवाना किया गया।
यह भी पढ़ें- देहरादून: डग्गामार बसों पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई, बस स्टैंड पर छापेमारी कर एक लाख का चालानरोडवेज के पास एक स्लीपर बस उत्तराखंड रोडवेज के पास इस समय महज एक स्लीपर बस है, जो रोजाना शाम सात बजे दून से जयपुर के लिए चलती है। दिल्ली के लिए उसके पास वाल्वो बस हैं, जबकि आगरा और अन्य जगह के लिए सिर्फ साधारण बस। हाल ही में लखनऊ के लिए एक एसी जनरथ सेवा चलाई गई है, लेकिन यात्रियों को यह पसंद नहीं आ रही। ऐसे में यात्री निजी बसों में सफर को मजबूर हैं।
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