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Uttarakhand : चीन में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी उत्तराखंड की बेटियां, वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में लेंगी भाग

Uttarakhand News चीन में चल रहे वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में भारत भी भाग ले रहा है। इस गेम्स में उत्तराखंड की बेटियां देश का प्रतिनिधित्व करेंगी। मानसी नेगी एथलेटिक्स की 20 किमी वाक रेस इवेंट में प्रतिभाग करेंगी। मूल रूप से चमोली जनपद की रहने वाली मानसी बेंगलुरु में भारतीय टीम के कैंप में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। मानसी लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से स्नातक की पढ़ाई कर रही हैं।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Sun, 30 Jul 2023 10:37 AM (IST)
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चीन में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी उत्तराखंड की बेटियां
देहरादून, जागरण संवाददाता। चीन में चल रहे वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में उत्तराखंड की मानसी नेगी देश का प्रतिनिधित्व करेंगी। मानसी नेगी एथलेटिक्स की 20 किमी वाक रेस इवेंट में प्रतिभाग करेंगी। मूल रूप से चमोली जनपद की रहने वाली मानसी नेगी लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से स्नातक की पढ़ाई कर रही हैं। मानसी नेगी के कोच व प्रभारी क्रीड़ाधिकारी पौड़ी अनूप बिष्ट ने बताया कि मानसी का चयन चीन के चंगदू में 28 जुलाई से आठ अगस्त तक आयोजित होने वाली वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में 20 किमी वॉक रेस के लिए हुआ है। मानसी का इवेंट पांच अगस्त को होगा।

इन दिनों वह बेंगलुरु में भारतीय टीम के कैंप में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। बिष्ट ने प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन के लिए मानसी को शुभकामनाएं दी हैं। एथलेटिक्स गेम्स में गोल्डन गर्ल के नाम से पहचान बना चुकी मानसी मूल रूप से चमोली जिले के मझोठी गांव की रहने वाली हैं।

गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं मानसी

मानसी ने पिछले साल नवंबर माह में गुवाहाटी में आयोजित 37वीं नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप के अंडर-20 महिला वर्ग की 10 हजार मीटर वाक रेस में स्वर्ण पदक जीता था। मानसी ने 47:30:94 मिनट में रेस जीतकर नया रिकॉर्ड बनाया था। इससे पहले वह कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपने प्रदर्शन से उत्तराखंड और देश का नाम रोशन कर चुकी हैं।

श्रुतिका सिलस्वाल ने लहराया परचम

राष्ट्रमंडल देशों में सामाजिक उद्यम, पर्यावरण, नवाचार व मानवाधिकार के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने वाले युवाओं को दिए जाने वाले राष्ट्रमंडल युवा पुरस्कार के लिए अंतिम 50 युवाओं की सूची में उत्तराखंड की श्रुतिका सिलस्वाल का नाम भी है। मूल रूप से टिहरी जिले के नरेंद्र नगर ब्लाक के कखीलभेलधार निवासी श्रुतिका का परिवार दून में रहता है। पिता विनोद सिलस्वाल एमआईटी कॉलेज ढालवाला में शिक्षक, जबकि मां मीनाक्षी सिलस्वाल चंबा के जीआईसी नागणी में शिक्षिका हैं।

ऐसी रही शिक्षा

श्रुतिका की स्कूली शिक्षा डीएसबी स्कूल ऋषिकेश से हुई, इसके बाद वह ओमान पढ़ाई के लिए चली गई। वर्ष 2014 में दिल्ली विवि से बीकॉम किया। इसके बाद दिल्ली से ही दो वर्षीय टीचर फॉर इंडिया फेलोशिप किया। कुछ समय तक विभिन्न संस्थाओं के साथ जुड़ी रहीं। वर्ष 2021 से श्रुतिका सिंपल एजुकेशन फाउंडेशन में उत्तराखंड एसोसिएट डायरेक्टर के पद पर कार्य कर रही हैं।

50 युवाओं की सूची में हैं शामिल

‘दैनिक जागरण’ से बातचीत में श्रुतिका ने बताया कि अक्टूबर 2022 में उन्हें राष्ट्रमंडल युवा पुरस्कार के लिए मेल आई, जिसमें अपने कार्य के बारे में बताना था। इसके बाद अपने कार्यों को लेकर वीडियो भेजने थे। यह सब प्रक्रिया पूरी होने के बाद राष्ट्रमंडल देशों के कुल 50 युवाओं (चार भारतीय) की सूची में उन्हें भी चयनित किया गया। उन्होंने बताया कि यह पल हमेशा यादगार रहेगा। उन्होंने बताया कि इस वक्त वह फैलोशिप को लेकर अमेरिका में हैं।

विविधता है महत्वपूर्ण

श्रुतिका ने बताया की पढ़ाई विभिन्न जगह हुई इसलिए मेरे लिए विविधता महत्वपूर्ण है। शिक्षा के प्रति बचपन से ही खास लगाव रहा। गांव से लेकर विभिन्न शहरों में शिक्षा को एक नई सोच के आगे बढ़ाने का सपना देखा था, जिसे आज फाउंडेशन की मदद से कर रहे हैं। टिहरी में फाउंडेशन ने कई राजकीय प्राथमिक स्कूलों में टीम ने कार्य किया है। सरकारी स्कूलों को स्तरीय बनाने का काम किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि मई 2022 में उनका चयन दलाई लामा फैलोशिप के लिए किया गया था। यह फेलोशिप एक साल की होती है, जिसमें दुनिया भर से यंग सोशल इनोवेटर्स फेलो के रूप में चुने जाते हैं। ये फेलो अपने काम के जरिये दुनिया की विभिन्न समस्याओं को दूर करने की अपने स्तर पर कोशिश कर रहे हैं।

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