दीपावली पर बाजार हुए गुलजार, शुभ मुहूर्त देखकर इस समय करें पूजन
रोशनी का पर्व दीपावली के लिए बाजार गुलजार हैं। घरों को दियों और रंगीन रोशनी से सजा दिया गया है। दीपावली में शुभ मुहूर्त पर पूजा करना अधिक फलदायी माना जाता है।
By BhanuEdited By: Updated: Wed, 07 Nov 2018 10:00 PM (IST)
देहरादून, [जेएनएन]: रोशनी का पर्व दीपावली के लिए बाजार गुलजार हैं। घरों को दियों और रंगीन रोशनी से सजा दिया गया है। वहीं, पूजा की तैयारी भी हो चुकी हैं। दीपावली में शुभ मुहूर्त पर पूजा करना अधिक फलदायी माना जाता है। इसके लिए ज्योतिषों ने भी अपनी राय दी है।
घर-घर रोशनदीपावली को लेकर घरों में तैयारियां चल रही हैं। बाजारों में भी त्योहार की रौनक बनी हुई है। वहीं, घर-घर रोशन हो गए हैं। आचार्य डॉ. सुशांत राज ने बताया कि इस बार दीपावली पर स्वाति, विशाखा नक्षत्र व तुलाचंद्रमा, कालिनी का विशेष संयोग बन रहा है। जिसे सुख-वैभव के साथ ही नए काम की शुरुआत के लिए बेहद शुभ माना जा रहा है।
प्रदोषकाल में मां लक्ष्मी का पूजन शुभ
डॉ. सुशांत राज के अनुसार, दीपावली के दिन प्रदोष काल और स्थिर लग्न में ही मां लक्ष्मी पूजन का श्रेष्ठ समय माना जाता है। अधिकतर लोग शाम को प्रदोषकाल में महालक्ष्मी की पूजा करते हैं। बताया कि इस बार प्रदोष काल की अवधि दो घंटे 41 मिनट है। शाम 5:30 बजे से रात 8:11 मिनट तक प्रदोषकाल रहेगा।
इस दौरान लक्ष्मी, गणेश, कुबेर देवता का पूजन किया जा सकता है। व्यापारियों के लिए पूजा के लिए शाम 7:10 बजे से रात 8:57 बजे तक चौघड़िया का शुभ मुहूर्त है।कल घरों में होगी गोवर्द्धन पूजा
दीपावली के अगले दिन गायों की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन घरों में रंगोली बनाकर गोवर्द्धन पूजा की जाती है। श्रीकृष्ण को 56 भोग लगाकर गाय बौर बैलों को तिलक कर उन्हें आभूषणों से सजाया जाता है। इस पर्व को अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है। इसके लिए घरों में गाय के गोबर से गोवर्द्धन पर्वत बनाकर उसकी पूजा की मान्यता है।पंडित सुभाष जोशी के अनुसार गाय उसी प्रकार पवित्र है, जैसे नदियों में गंगा। गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप भी कहा जाता है। जिस प्रकार देवी सुख-समृद्धि प्रदान करती है। उसी प्रकार गो माता दूध से स्वास्थ्य रूपी धन प्रदान करती है। बताया कि गोवर्द्धन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:48 से 8:11 बजे और सुबह 9:34 से 10:48 बजे तक रहेगा।
गोवर्द्धन पूजा का महत्वआचार्य डॉ. संतोष खंडूड़ी के अनुसार कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन गाय की पूजा का विशेष महत्व है। बताया कि इंद्र ने अपने प्रकोप से मूसलाधार वर्षा की। तब श्रीकृष्ण भगवान ने अपनी तर्जनी पर गोवर्द्धन पर्वत उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की थी। बारिश से बचने के लिए समस्त ब्रजवासी व पशु गोवद्र्धन पर्वत की छत्रछाया में रहे। इसके बाद से हर वर्ष गोवर्द्धन पूजा करने और अन्नकूट उत्सव मनाने का विधान है।
बाजारों में रही भीड़
दीपावली के लिए लोगों ने सजावटी सामान, दीये, मोमबत्ती, खील-बताशों, खिलौनों, मिठाइयों, पटाखों आदि की खरीददारी की। इसके अलावा क्रॉकरी, इलेक्ट्रॉनिक सामान, गिफ्ट, कपड़ों की दुकानों पर भी खूब बिक्री हुई।पलटन बाजार, धामावाला, अंसारी मार्ग, हनुमान चौक, इंदिरा मार्केट, तिब्बती बाजार समेत धर्मपुर, तहसील, पटेल नगर, गांधी रोड, चकराता रोड, सहारनपुर रोड, आढ़त बाजार, कांवली रोड, सीमाद्वार बाजार आदि में लोगों ने जरूरत के सामान खरीदे। इसके अलावा राजपुर रोड के तमाम शॉपिंग मॉल्स में भी भीड़ नजर आई।
आतिशबाजी वाले पटाखों को तवज्जो
बाजार में पटाखों की भी खूब बिक्री हुई। इस बार धमाकेदार पटाखों की बजाय रोशनी वाले पटाखों की ज्यादा डिमांड रही। रॉकेट, अनार, फुलझड़ी की ज्यादा बिक्री हुई। हालांकि पिछली बार की तुलना में पटाखों की कम खरीददारी हुई। पटाखा विक्रेता सुनील कुमार ने बताया कि इस बार लोग रोशनी वाले पटाखों को ही तवज्जो दे रहे हैं।मिठाइयों की दुकानों पर रही भीड़
दीपावली के लिए मिठाइयों की दुकानों पर भीड़ रही। काजू कतली, बर्फी, चमचम, रसगुल्ले, गजक, पान पेठा, बेसन के लड्डू, मिल्क केक, सोहन पापड़ी आदि मिठाइयों की खूब बिक्री हुई।ड्राई फ्रूट्स को वरीयतात्योहार पर एक-दूसरे को भेंट देने के लिए मिठाई की जगह लोग ड्राइफ्रूट्स को वरीयता दे रहे हैं। व्यापारी प्रदीप कुकरेती के मुताबिक लोग नमकीन, बिस्कुट, चॉकलेट और ड्राइफ्रूट्स की ज्यादा खरीददारी कर रहे हैं।यह भी पढ़ें: 'बग्वाल' का एक रूप 'इगास' भी, जानिए इसकी विशेषतायह भी पढ़ें: दीये बना समृद्धि का प्रकाश फैला रहीं यह महिला, जानिए सफलता की कहानी
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