पर्वतीय क्षेत्रों में डिग्री शिक्षकों की भर्ती को आयोग में भेजेंगे प्रस्ताव
पर्वतीय क्षेत्रों में सरकारी डिग्री कॉलेजों को शिक्षकों की कमी से जूझना नहीं पड़ेगा। सरकार मानकों के मुताबिक कॉलेजों में शिक्षकों की तैनाती करेगी।
By Edited By: Updated: Thu, 10 Oct 2019 03:59 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। पर्वतीय क्षेत्रों में सरकारी डिग्री कॉलेजों को शिक्षकों की कमी से जूझना नहीं पड़ेगा। सरकार मानकों के मुताबिक कॉलेजों में शिक्षकों की तैनाती करेगी। शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए जल्द राज्य लोक सेवा आयोग को प्रस्ताव भेजा जाएगा। शासन ने उच्च शिक्षा निदेशक को रिक्त पदों का ब्योरा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। शिक्षकों की भर्तियां यूजीसी रेगुलेशन-2018 के तहत होंगी। नियमित भर्ती होने तक संविदा पर भी शिक्षकों की नियुक्तियां की जाएंगी।
प्रदेश में सरकारी डिग्री कॉलेजों की संख्या बढ़कर 104 हो चुकी है। नए खोले गए कॉलेजों में शिक्षकों की तैनाती करनी है। खासतौर पर पर्वतीय क्षेत्रों के कॉलेजों में शिक्षकों की संख्या अपेक्षाकृत काफी कम है। इन कॉलेजों में पठन-पाठन दुरुस्त करने के लिए अन्य कॉलेजों से सरप्लस शिक्षकों की तैनाती की जाएगी। सरप्लस शिक्षकों के संबंध में उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से रिपोर्ट शासन को मुहैया कराई गई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक सरप्लस शिक्षकों को जरूरतमंद कॉलेजों में तैनात किया जाएगा।
राज्य लोक सेवा आयोग से 877 शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में बाधा बनी हुई है। इस संबंध में हाईकोर्ट में दायर याचिका पर उच्च शिक्षा विभाग की ओर से जवाब दाखिल किया जा चुका है। नई नियुक्तियों के संबंध में शासन ने उच्च शिक्षा निदेशालय को रिक्त पदों को ब्योरा देने को कहा है।
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उच्च शिक्षा सचिव अशोक कुमार ने बताया कि यूजीसी रेगुलेशन-2018 को राज्य सरकार कुछ संशोधनों के साथ लागू कर चुकी है। नई नियुक्तियां इसके मुताबिक होंगी। नई व्यवस्था के तहत नियुक्तियों में दिक्कतें भी पेश नहीं आएंगी। हालांकि, नियमित नियुक्तियों में लंबा समय लगने की वजह से संविदा पर शिक्षकों की नियुक्तियां करने पर मंथन चल रहा है। पंचायत चुनाव निपटने के बाद इस कार्य को तेजी से अंजाम दिया जाएगा।
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