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उत्तराखंड के प्रदूषित शहरों की लिस्ट में ये अहम जिला सबसे ऊपर, तकलीफ दे रहा है AQI का स्तर; सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ा

Dehradun Air Quality आमतौर पर उत्तराखंड स्वच्छ आबोहवा के कारण पर्यटकों को आकर्षित करता है लेकिन अब प्रदेश के ज्यादातर मैदानी शहरों में हवा की गुणवत्ता घट रही है। खासकर देहरादून में वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार पिछले तीन माह में देहरादून की हवा प्रदेश में सर्वाधिक प्रदूषित रही है।

By Jagran News Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Tue, 21 May 2024 01:55 PM (IST)
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पटेलनगर-कारगी रोड पर निर्माण कार्य के चलते उड़ती धूल के बीच गुजरते वाहन चालक l जागरण
जागरण संवाददाता, देहरादून। कभी पर्यावरण के लिहाज से मुफीद माने जाने वाले दून की आबोहवा दिनों-दिन दूषित होती जा रही है। यहां वायु प्रदूषण का स्तर अब तकलीफ दे रहा है। बीते तीन माह से दून वायु प्रदूषण में प्रदेश में शीर्ष पर है और शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) निरंतर 200 के करीब बना हुआ है, जो सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ा रहा है।

खासतौर पर फेफड़े और दिल के रोगों से जूझने वालों के लिए दून की हवा खतरनाक हो गई है। इस मामले में घनी आबादी वाले मैदानी शहर देहरादून से बेहतर हैं।

आमतौर पर उत्तराखंड स्वच्छ आबोहवा के कारण पर्यटकों को आकर्षित करता है, लेकिन अब प्रदेश के ज्यादातर मैदानी शहरों में हवा की गुणवत्ता घट रही है। खासकर देहरादून में वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है।

उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार पिछले तीन माह में देहरादून की हवा प्रदेश में सर्वाधिक प्रदूषित रही है। दून में एक्यूआइ का मासिक औसत 200 के करीब दर्ज किया गया है। जबकि, एक्यूआइ की 100 से अधिक रीडिंग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

देहरादून में वाहनों की बढ़ती संख्या वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण है। इसके अलावा निर्माण गतिविधियां भी वायु को दूषित कर रही हैं। देहरादून में तेजी से बढ़ रहे निर्माण कार्यों से धूल और अन्य नुकसानदायक कणों का उत्सर्जन भी बढ़ा है, जो वायु गुणवत्ता को प्रभावित करता है। आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों से निकलने वाले उत्सर्जन से भी शहर में वायु प्रदूषण बढ़ा है।

हवा में पीएम-2.5 और पीएम-10 जैसे विभिन्न प्रदूषकों का स्तर अक्सर अत्यधिक दर्ज किया जा रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार की ओर से विभिन्न कदम उठाने के दावे किए जाते हैं।

इसी क्रम में प्रदेश सरकार ने 15 वर्ष से अधिक पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध भी लगाया है। साथ ही शहर में बेहतर सार्वजनिक परिवहन, वैकल्पिक ईंधन और आमजन में जागरूकता लाने की भी आवश्यकता है।

उत्तराखंड के शहरों का तीन माह का औसत AQI

शहर मार्च अप्रैल मई
देहरादून 195 185 188

हरिद्वार

154 160 154

रुड़की

118 135 130
हल्द्वानी 114 118 116
ऋषिकेश 100 121 149
काशीपुर 100 108 120
रुद्रपुर 109 110 108
नैनीताल 58 90 109
अल्मोड़ा 45 50 62
बागेश्वर 41 48 68
टिहरी 39 39 67
पौड़ी 35 45 55
उत्तरकाशी 25 30 41
गोपेश्वर 19 25 50
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