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Dehradun Car Accident: भुलाए नहीं भूल सकते 11 नवंबर की वो काली रात, सुप्रीम कोर्ट ने भी लिया संज्ञान

Dehradun Car Accident 11 नवंबर की वो काली रात जब देहरादून के ओएनजीसी चौक पर एक भीषण कार दुर्घटना में छह युवाओं की मौत हो गई थी उसे भुला पाना मुश्किल है। इस हादसे ने शहर को झकझोर कर रख दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है और सरकार से रिपोर्ट तलब की है।

By Ankur Agarwal Edited By: Nirmala Bohra Updated: Thu, 21 Nov 2024 12:27 PM (IST)
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Dehradun Car Accident: ओएनजीसी चौक कार दुर्घटना के बाद से कठघरे में है पुलिस की रात्रि चेकिंग व्यवस्था
जागरण संवाददाता, देहरादून। Dehradun Car Accident: दून शहर शायद ही 11 नवंबर की वो काली रात कभी भूल पाएगा, जिसने छह घरों के 'चिराग' एक पल में बुझा दिए थे। ओएनजीसी चौक पर मध्य रात्रि दो बजे बेलगाम गति से दौड़ती कार और कंटेनर की भिड़ंत में जिस तरह दो युवाओं की कटी हुई गर्दन और शवों के चीथड़े इधर-उधर सड़क पर फैले हुए थे, उसने हर किसी को झकझोर दिया था।

इस भयावह दुर्घटना में युवाओं की बेलगाम गति से दौड़ती हुई कार तो एक कारण थी ही, लेकिन उससे भी बड़ा कारण पुलिस की रात्रि चेकिंग व्यवस्था ध्वस्त होना रहा। बेलगाम गति से शहर के बीचोंबीच पुलिस के पांच बैरियरों से गुजरते हुए कार 10 किमी दूर पहुंच गई, लेकिन कहीं भी कार को रोका नहीं गया। अगर पुलिस चेकिंग में यह कार रोक ली जाती, तो शायद यह हादसा ही न होता।

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पुलिस ने तत्परता नहीं दिखाई

अब सुप्रीम कोर्ट की रोड सेफ्टी कमेटी की ओर से इस प्रकरण में शासन से रिपोर्ट तलब किए जाने के बाद यह माना जा रहा है कि न केवल इस दुर्घटना के असल 'जिम्मेदार' सरकारी तंत्र पर कार्रवाई हो सकेगी, बल्कि शायद सरकार ऐसे कदम भी उठाएगी, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इस कार दुर्घटना के बाद शासन, जिला प्रशासन, पुलिस व परिवहन विभाग ने अपने स्तर पर अलग-अलग कदम उठाए, लेकिन जो छह युवा असमय काल का शिकार बने, उनके परिवार वाले शायद ही इस सदमे से कभी उबर पाएंगे।

इस दुर्घटना में छह युवाओं की जान लेने वाली कार जब सोमवार देर रात करीब एक बजे जाखन से निकली तो विपरीत दिशा में नीचे यानी शहर की तरफ आई। बेलगाम गति पकड़ चुकी कार को पैसेफिक माल के एक कर्मचारी ने देखा तो पुलिस को सूचित भी किया, लेकिन पुलिस ने तत्परता नहीं दिखाई। फिर यह कार पुलिस की ओर से लगाई गई कैनाल रोड, दिलाराम बाजार व घंटाघर की बैरिकिडंग तक छह किमी बिना रोक-टोक पहुंच गई, जबकि कार पर नंबर-प्लेट भी नहीं लगी हुई थी।

घंटाघर से यह कार तीन किमी दूर बल्लूपुर चौक बैरिकेडिंग तक जा पहुंची, लेकिन यहां भी कार को नहीं रोका गया। कार गढ़ीकैंट की ओर मुड़ी और करीब 800 मीटर दूर जाकर दुर्घटना का शिकार हो गई। पुलिस और परिवहन विभाग शहर में रात्रि चेकिंग के लाख दावे कर रहे थे, लेकिन इस दुर्घटना ने दोनों की चेकिंग व्यवस्था की पोल खोल दी थी।

11 वर्ष से बिना फिटनेस दौड़ रहा था कंटेनर

दून में पुलिस व परिवहन विभाग की चेकिंग व्यवस्था का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि युवाओं की कार के आगे आया कंटेनर (एचआर-55-जे-4348) बीते 11 वर्ष से बिना फिटनेस दौड़ रहा था।

गुरुग्राम के आरटीओ कार्यालय में बीआरसी लाजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर 12 अगस्त 2009 को पंजीकृत उक्त कंटेनर का फिटनेस प्रमाण-पत्र 16 अगस्त-2013 को समाप्त हो गया था, जबकि टैक्स व बीमा 31 मार्च-2015 को खत्म हो चुका था।

कंटेनर के चालक साइड का फ्रंट शीशा टूटा हुआ था, इस पर रिफ्लेक्टर टेप और पंजीयन नंबर प्लेट तक नहीं थी। खस्ताहाल होते हुए भी यह कंटेनर बेधड़क दून की सड़कों पर दौड़ रहा था।

115 सीसी कैमरे पड़े हैं खराब

स्मार्ट सिटी के तहत शभरभर में 674 कैमरों का जाल बिछाते हुए 235 करोड़ रुपये की लागत से इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाया गया है। इसके बाद भी वर्तमान में 115 सीसीटीवी कैमरे अहम क्षेत्रों में पिछले सात माह से बंद पड़े हैं।

यह पता भी तब चला जब ओएनजीसी चौक दुर्घटना के बाद कार की लोकेशन देखने के लिए सीसी कैमरों की पड़ताल की गई। ओएनजीसी चौक ही नहीं, बल्कि शहरभर में 115 सर्विलांस कैमरे विभिन्न स्थानों पर खोदाई के कारण केबिल कटने से बंद पड़े हैं।

देर रात पार्टियों पर अब लगा रहे नियंत्रण

कई प्रतिष्ठित बोर्डिंग स्कूल, कालेज, विश्वविद्यालय व कोचिंग संस्थान होने के कारण दून को एजुकेशन हब के नाम से भी जाना जाता है। देश के विभिन्न राज्यों से छात्र-छात्राएं यहां पढ़ने के लिए आते हैं, लेकिन इनमें कुछ छात्र-छात्राएं अपनी ही लापरवाही के कारण जिंदगी से हाथ धो बैठते हैं।

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इसकी सबसे बड़ी वजह देर रात दून शहर में होने वाली पार्टियां और लांग-ड्राइव का जुनून है। पिछले कुछ माह में हुई दुर्घटनाओं की असल वजह भी यही रही। पुलिस-प्रशासन दुर्घटना के इन कारणों पर लगाम कसने में पूरी तरह विफल रहा, लेकिन गत 11 नवंबर की दुर्घटना के बाद जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देश पर शहर के सभी बार रात्रि 11 बजे बंद करा दिए जा रहे।

ये दुर्घटनाएं भी खोल चुकी हैं चेकिंग की पोल

चार मई 2024 : मसूरी में गई थी पांच छात्र-छात्राओं की जान

देर रात पार्टी और लांग-ड्राइव के जुनून में ही इसी वर्ष चार मई की तड़के मसूरी में कार खाई में गिरने से पांच छात्र-छात्राओं की जान चली गई थी। ये सभी छात्र फोर्ड की एंडेवर कार से रात ढाई बजे घूमने निकले और सुबह करीब पांच बजे दून लौटते समय मसूरी में झड़ीपानी रोड पर कार कई मीटर नीचे दूसरी सड़क पर जा पलटी। इस दुर्घटना में मसूरी रोड स्थित एक निजी विवि के चार छात्र और एक छात्रा की मौत हो गई थी, जबकि एक छात्र बुरी तरह घायल हो गया था।

17 मई 2024 : चार युवाओं की हो गई थी मौत

मसूरी कार दुर्घटना के 13 दिन बाद 17 मई को भी दो अलग-अलग दुर्घटनाओं में चार युवकों की मौत हो गई थी। प्रेमनगर के धूलकोट डाट काली मंदिर के पास डंपर की टक्कर से बाइक सवार दो युवकों की मौके पर मौत, जबकि एक घायल हो गया था। इसी रात बल्लीवाला फ्लाइओवर पर दो बाइक सवार चार दोस्तों में आगे निकलने की होड में आपस में टकराई बाइक में टकरा गईं, जिसमें दो युवकों की मौत हो गई थी। इनमें एक युवक की मौत फ्लाइओवर से नीचे गिरने के कारण हुई थी।

11 अक्टूबर 2023 : सेना के कैप्टन व दोस्त की मौत

दून के पाश क्षेत्र हाथीबड़कला में 11 अक्टूबर-2023 को हुई दुर्घटना में कार के कंटेनर से टकराने के कारण थल सेना के एक कैप्टन व उनके दोस्त की मौत हो गई थी। देर रात दोनों दोस्त पार्टी व लांग-ड्राइव कर कार से लौट रहे थे कि सेंट्रियो माल के बाहर गलत ढंग से खड़े कंटेनर में कार जा घुसी थी।

ओएनजीसी चौक पर हुई कार दुर्घटना के कारणों की विस्तृत जांच चल रही है। इस दुर्घटना के बाद शहर में दुर्घटना नियंत्रण को लेकर जो भी कदम उठाए जा सकते हैं, वह पुलिस ने उठाए हैं। रात्रि चेकिंग व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए हर मुख्य मार्ग पर बैरियर लगाकर चेकिंग की जा रही है। एल्कोमीटर से वाहन चालकों की जांच की जा रही है और वैकल्पिक मार्गों पर भी थाना व चौकी पुलिस नजर रख रही हैं। - अजय सिंह, एसएसपी देहरादून

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