Dehradun Crime News: पीएनबी बैंक से किया एक करोड़ 34 लाख का गबन, कोर्ट ने बैंक अधिकारी सहित सात को सुनाई सजा
Dehradun Crime News पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से एक करोड़ 34 लाख रुपये गबन मामले में बैंक अधिकारी समेत सात आरोपितों को सजा हुई। आज मंगलवार को देहरादून में सीबीआइ की विशेष अदालत ने उक्त मामले में सजा सुनाई।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 15 Mar 2022 09:25 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून : पंजाब नेशनल बैंक की हरिद्वार के मंगलौर स्थित शाखा से एक करोड़ 34 लाख रुपये का ऋण लेकर गबन करने के मामले में सीबीआइ के विशेष जज शंकर राज की अदालत ने तत्कालीन ब्रांच मैनेजर सहित सात को दोषी पाया है।
अदालत ने मैनेजर को पांच साल, जबकि अन्य को तीन-तीन साल की कैद व जुर्माने की सजा सुनाई है। शासकीय अधिवक्ता अभिषेक अरोड़ा के अनुसार, वर्ष 2006 के दौरान पीएनबी के वरिष्ठ प्रबंधक राकेश शर्मा ने तहरीर दी थी कि वर्ष 2004 में कुछ आरोपितों ने खादी ग्राम योजना के नाम पर लघु उद्योग शुरू करने के लिए बैंक की मंगलौर शाखा से एक करोड़ 34 लाख रुपये का ऋण लिया था।
आरोपितों ने चंद्रिका इंडस्ट्रीज, बालाजी आयल, भगवती बेसन मिल, जिंदल हौजरी, शिव दाल मिल, न्यू एपपी स्पीकर, केवीआइएस दीप इंफ्रास्ट्रक्चर, चंद्रिका ट्रेड की 15-15 लाख रुपये की सीसी लिमिट बनाकर यह ऋण लिया था। बैंक अधिकारी ने बताया कि जब आरोपितों ने ऋण की किश्त नहीं भरीं तो बैंक ने आरोपितों को नोटिस भेजा। इसके बाद भी आरोपितों ने न तो किश्त जमा की और न ही बैंक के समक्ष अपना जवाब प्रस्तुत किया।
जब आरोपितों की फर्म की जांच करवाई तो उनके परचेज आर्डर, कोटेशन, बिल सभी फर्जी पाए गए। इसके अलावा उन्होंने जो संपत्ति गिरवी रखी थी, उसमें कुछ दूसरों के नाम थी और कुछ अस्तित्व में ही नहीं थी। इस मामले में सीबीआइ ने 13 अप्रैल 2006 को बैंक के दो अधिकारियों सहित कुल नौ आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। इनमें वर्ष 2004 के दौरान ब्रांच मैनेजर रहे अशोक कुमार भारद्वाज, ऋण अधिकारी राम किशोर कुकरेती, दीपक इंटरप्राइजेज के सुबोध पंडित उसकी पत्नी सुधा पंडित, बालाजी आयल के संचालक सुशील कुमार शर्मा, न्यू एपपी स्पीकर के निशांत कुमार शर्मा, सप्लायर रोशन अली, विपिन कुमार वर्मा और जिंदल हौजरी के मुकेश शामिल थे। ट्रायल के दौरान बैंक के ऋण अधिकारी राम किशोर व दीपक इंटरप्राइजेज के सुबोध पंडित की मृत्यु हो गई।
करीब 16 साल चले इस मुकदमे में मंगलवार को सीबीआइ कोर्ट ने निर्णय सुनाया। इनमें ब्रांच मैनेजर अशोक कुमार को पांच साल की कैद और 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। वहीं भंगेला मुजफ्फरनगर निवासी सुधा पंडित, सुशील कुमार शर्मा, निशांत कुमार शर्मा, रोशन अली, विपिन कुमार वर्मा, मुकेश कुमार को तीन-तीन साल की कैद और 15-15 हजार रुपये की सजा सुनाई है। यह भी पढ़ें:- रुड़की : घर लौट रहे थे डाक्टर साहब, चोरों ने रास्ते में रोककर लूट ली स्कूटी, डिग्गी में थे लाखों के जेवरात
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