Dehradun: सब रजिस्ट्रार आफिस में हुए रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में प्रवर्तन निदेशालय सक्रिय, मांगा मुकदमों का विवरण
सब रजिस्ट्रार आफिस में हुए रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में प्रवर्तन निदेशालय भी सक्रिय हो गई है। प्रवर्तन निदेशालय ने एसआइटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) से इस मामले में दर्ज सभी सात मुकदमों का विवरण मांगा है। इसके बाद एसआइटी अब तक की कार्रवाई और गिरफ्तारी का ब्योरा प्रवर्तन निदेशालय को भेजने जा रही है।यह मामला 1000 करोड़ रुपये से भी ऊपर का हो सकता है जिसमें मनी लांड्रिंग की भी आशंका है।
By Jagran NewsEdited By: riya.pandeyUpdated: Mon, 04 Sep 2023 10:19 AM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून: सब रजिस्ट्रार आफिस में हुए रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में प्रवर्तन निदेशालय भी सक्रिय हो गई है। प्रवर्तन निदेशालय ने एसआइटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) से इस मामले में दर्ज सभी सात मुकदमों का विवरण मांगा है। इसके बाद एसआइटी अब तक की कार्रवाई और गिरफ्तारी का ब्योरा प्रवर्तन निदेशालय को भेजने जा रही है।
मनी लांड्रिंग की भी आशंका
बताया जा रहा है कि यह मामला 1,000 करोड़ रुपये से भी ऊपर का हो सकता है, जिसमें मनी लांड्रिंग की भी आशंका है। जल्द ही प्रवर्तन निदेशालय इस प्रकरण में एक अलग मुकदमा दर्ज कर सकती है। जिलाधिकारी सोनिका के निर्देश पर 15 जुलाई को शहर कोतवाली में इस मामले से संबंधित मुकदमा दर्ज किया गया था।
चार जमीनों से संबंधित दस्तावेज में पाई गई गड़बड़ी
जांच में सामने आया कि एक गिरोह ने रजिस्ट्रार कार्यालय में रखी जिल्दों में छेड़छाड़ कर बैनामों में फर्जीवाड़ा किया था। शुरुआत में चार जमीनों से संबंधित दस्तावेज में छेड़छाड़ पाई गई थी। लेकिन, बाद में जब जांच हुई तो 50 से अधिक बैनामों में इस तरह का फर्जीवाड़ा पाया गया।कमल विरमानी समेत नौ आरोपित हो चुके हैं गिरफ्तार
पुलिस इस मामले में अब तक अधिवक्ता कमल विरमानी समेत नौ आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। इस फर्जीवाड़े में करोड़ों रुपये का लेनदेन होने की बात सामने आई है। अब तक पुलिस 25 करोड़ रुपये से अधिक के फर्जीवाड़े का पता लगा चुकी है। यह एक अकेले आरोपित अधिवक्ता इमरान ने जालसाजी से कमाए थे।
पुलिस ने शुरुआत में प्रवर्तन निदेशालय को दी थी पत्र में जानकारी
इस मामले में शुरुआत में ही पुलिस ने प्रवर्तन निदेशालय को पत्र लिखा था। इसके क्रम में प्रवर्तन निदेशालय ने भी अब जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय ने पुलिस को पत्र भेजा है, जिसमें अब तक दर्ज हुए सातों मुकदमों का ब्योरा मांगा गया है।
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