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पब-बार पर सख्ती तो हाउस पार्टी चलन शुरू, ओएनजीसी चौक पर हुए हादसे के बावजूद युवक-युवतियां नहीं ले रहे सबक

Dehradun News भवन स्वामी के विरुद्ध आबकारी अधिनियम के अंतर्गत वैधानिक कार्रवाई की जा रही है व पार्टी में सम्मिलित 40 लड़कों और 17 लड़कियों से पूछताछ कर उनके विरुद्ध पुलिस एक्ट में कार्रवाई की जा रही है। भवन स्वामी की पहचान रजनी निवासी गाजियावाला कैंट के रूप में हुई है। कुछ घंटे के लिए ये पार्टियां अब घरों में चल रही हैं।

By Soban singh Edited By: Abhishek Saxena Updated: Mon, 25 Nov 2024 08:56 AM (IST)
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Dehradun House Party: दबिश देकर युवक-युवतियों को गिरफ्तार कर लिया। जागरण
जागरण संवाददाता, देहरादून। 11 नवंबर की रात को ओएनजीसी चौक पर हुए भीषण हादसे में छह युवक-युवतियों की मौत के बाद जिला प्रशासन, पुलिस व आबकारी विभाग ने पब व बार पर सख्ती दिखाई तो अब जंगल के बीच बने एकांत के घरों व फार्म हाउस पर शराब पार्टियों का चलन शुरू हो गया है।

युवक-युवतियां मौज मस्ती के लिए इन हाउस पार्टियों में शामिल होते हैं। इसके लिए सीक्रेट वाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं। ग्रुप के माध्यम से युवक-युवतियों को पार्टी के लिए आमंत्रित किया जा रहा है।

प्रशासन की ओर से 11 बजे के बाद पब व बार बंद करने का आदेश जारी किया गया है। इसके तहत लगातार पुलिस गश्त पर है और 11 बजे के बार का संचालन करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। यही नहीं रात के समय युवक-युवतियां शराब पीकर सड़कों पर दौड़ न लगाएं, इसके लिए जगह-जगह चेकिंग शुरू की गई है और एल्कोमीटर से शराब की जांच की जा रही है। युवक-युवतियों ने इसका तोड़ निकालते हुए हाउस पार्टियों में शामिल होना शुरू कर दिया है। वहीं आयोजक ऐसी पार्टियों से खूब चांदी कूट रहे हैं।

शार्ट टाइम में पार्टी का आयोजन

सूत्रों की मानें तो यह आयोजन बहुत ही शार्ट टाइम में किया जाता है। वाट्सएप के माध्यम से युवक-युवतियों को कार्ड भेजा जाता है। आयोजन स्थल पर अलग-अलग टेबिल होती हैं। यहां पर एंट्री फीस 1000 रुपये से शुरू होती है जबकि डायमंड टेबिल की फीस 50 हजार रुपये, गोल्ड 30 हजार रुपये और सिल्वर 20 हजार फीस होती है। प्रति टेबल पर छह कुर्सियां होती हैं। टेबिल के हिसाब से ही शराब व स्नेक्स भेजा जाता है। बताया जा रहा है कि पार्टियों का आयोजन लोकेशन बदल-बदलकर किया जाता है। एक बार जिस लोकेशन पर आयोजन होता है, दोबारा वहां पर आयोजन नहीं किया जाता। कैंट स्थित गजियावाला में जहां आबकारी व पुलिस की रेड हुई वहां पर आराम करने के लिए पांच कमरे थे।

ऐसी पार्टियों से अपराध व दुर्घटनाओं का खतरा

रात को चलने वाली इस तरह की पार्टियों के कारण ही लड़ाई झगड़े व हादसे होने का खतरा बना होता है। युवक-युवतियां शराब पीकर सड़कों पर निकलते हैं और कई बार अधिक नशा होने पर ओवर स्पीड़ के कारण हादसाग्रस्त हो जाते हैँ। शराब पीकर वाहन चलाने के 11 महीनों में छह दुर्घटनाएं हो चुकी हैं जिसमें छह की मौत और 11 घायल हुए हैं। ओवरस्पीड का मुख्य कारण भी शराब का सेवन माना जाता है।

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पार्टी के लिए लाइसेंस लेना जरूरी

पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार ने बताया कि यदि कोई अपने घर पर इस तरह हाउस पार्टी का आयोजन करता है तो उसके लिए आबकारी विभाग से लाइसेंस जारी किया जाता है। इसके अलावा यदि पार्टी के बारे में पुलिस को पता हो तो पार्टी में शामिल होने वालों की लिस्ट तैयार की जाती है ताकि यदि कोई घटना होती है तो आसानी से पहचान की जा सकती है।

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