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Dehradun ISBT Gangrape: देहरादून पुलिस का बड़ा कदम, मात्र 19 दिन में चार्जशीट दाखिल; पढ़ें अब तक का अपडेट

Dehradun ISBT Gangrape आईएसबीटी परिसर में साढ़े 14 वर्षीय किशोरी से परिवहन निगम की बस में सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। 17 अगस्त को मुकदमा दर्ज होने के बाद अगले ही दिन पुलिस ने पांचों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने साक्ष्य एकत्र कर 250 पन्नों का आरोपपत्र फास्ट ट्रैक कोर्ट में प्रेषित किया है जिसमें करीब 35 गवाह बनाए बनाए हैं।

By Soban singh Edited By: Abhishek Saxena Updated: Thu, 05 Sep 2024 08:18 AM (IST)
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Dehradun ISBT Gangrape: सामूहिक दुष्कर्म के आरोपित पुलिस ने जेल भेज दिए हैं। फाइल फोटो।

जागरण संवाददाता, देहरादून। अंतरराज्यीय बस अड्डा (आईएसबीटी) देहरादून के परिसर में उत्तराखंड परिवहन निगम की दून-दिल्ली मार्ग की अनुबंधित बस में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद निवासी साढ़े 14 वर्षीय किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज होने के 19 दिन के भीतर जिला न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल कर दिया।

घटना 12 अगस्त की देर रात्रि हुई थी, लेकिन पुलिस को इसकी जानकारी बाल कल्याण समिति की ओर से 17 अगस्त की रात्रि दी गई थी। पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज कर अगले ही दिन घटना में शामिल पांचों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद समस्त साक्ष्य संकलन, पीड़िता का मजिस्ट्रेटी बयान, आरोपितों की शिनाख्त-परेड, सीसीटीवी की फुटेज की जांच व गवाहों के बयान के आधार पर पुलिस ने 250 पन्नों का आरोपपत्र तैयार कर बुधवार को न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया।

पहली बार इतनी कम अवधि में आरोपपत्र दाखिल

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने दावा किया है कि दून पुलिस ने पहली बार किसी आपराधिक मामले में इतनी अल्प अवधि में आरोपपत्र दाखिल किया है। बता दें कि, बाल कल्याण समिति को 13 अगस्त की सुबह एक किशोरी आइएसबीटी पर बदहवास स्थिति में मिली थी। पुलिस को प्रारंभिक सूचना देकर समिति सदस्य किशोरी को बालिका निकेतन ले गए। वहां उसकी कई दौर की काउंसिलिंग की गई तो पता चला कि उसके साथ आईएसबीटी परिसर में किसी बस में सामूहिक दुष्कर्म हुआ है।

17 अगस्त को पुलिस चौकी में केस दर्ज

काउंसिलिंग के बाद समिति की ओर से 17 अगस्त को घटना की तहरीर आईएसबीटी पुलिस चौकी में दी गई। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह के निर्देश पर पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज कर रात्रि में ही जांच शुरू करते हुए अगली सुबह (18 अगस्त) तक सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद घटना में शामिल पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था। बस को कब्जे में लेकर उसकी फोरेंसिक जांच भी कराई गई। जांच में यह भी पता चला कि किशोरी मुरादाबाद की निवासी है और मानसिक रूप से कमजोर है।

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परिचालक काे किया निलंबित

गिरफ्तार आरोपितों में उत्तराखंड परिवहन निगम का एक नियमित परिचालक, दो विशेष श्रेणी परिचालक और दो चालक अनुबंधित बस आपरेटर के शामिल थे। परिवहन निगम मुख्यालय ने भी कार्रवाई करते हुए नियमित परिचालक को निलंबित कर दिया था और विशेष श्रेणी परिचालकों को बर्खास्त करने के आदेश दिए थे। साथ ही अनुबंधित बसों के दोनों चालकों पर परिवहन निगम में आजीवन सेवा पर प्रतिबंध लगा दिया गया। सभी आरोपित वर्तमान में देहरादून जिला कारागार सुद्धोवाला में बंद हैं।

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क्राइम सीन भी दोहराया

पुलिस ने जांच के दौरान न्यायालय से अनुमति लेकर पांचों आरोपितों को रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की और क्राइम सीन भी दोहराया गया। अब तमाम साक्ष्य एकत्रित करने के बाद न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल कर दिया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि घटना की विस्तृत विवेचना कर समस्त साक्ष्यों को संकलित करते हुए 250 पन्नों का आरोपपत्र फास्ट ट्रैक कोर्ट को प्रेषित कर दिया गया है। घटना से संबंधित कुल 35 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं। इनमें पीड़ित किशोरी व एक चश्मदीद की गवाही न्यायालय के समक्ष कराई जा चुकी हैं, जबकि अन्य गवाहों के बयान भी जल्द दर्ज कराए जाएंगे।

ये थे आरोपित

अनुबंधित बस चालक धर्मेंद्र कुमार निवासी ग्राम बंजारावाला ग्रांट थाना बुग्गावाला हरिद्वार, विशेष श्रेणी परिचालक देवेंद्र कुमार निवासी चुड़ियाला भगवानपुर हरिद्वार, अनुबंधित बस चालक रवि कुमार निवासी ग्राम सिला थाना नवाबगंज जिला फर्रुखाबाद, विशेष श्रेणी चालक राजपाल राणा निवासी बंजारावाला ग्रांट थाना बुग्गावाला हरिद्वार और नियमित परिचालक राजेश कुमार सोनकर निवासी माजरा पटेलनगर देहरादून को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इनमें नियमित परिचालक सोनकर आइएसबीटी पर कैशियर का काम देख रहा था, जबकि धर्मेंद्र उस अनुबंधित बस का चालक जिसमें किशोरी के साथ यह कृत्य हुआ।

इस तरह रहा घटनाक्रम

  • 17 अगस्त: रात्रि में बाल कल्याण समिति की सदस्य ने आईएसबीटी चौकी में किशोरी के साथ आईएसबीटी परिसर में खड़ी बस में सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया।
  • 18 अगस्त: पुलिस ने घटना में तत्काल कार्रवाई करते हुए दुष्कर्म की घटना में शामिल पांचों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।
  • 19 अगस्त: घटना के संबंध में विवेचना शुरू करते हुए साक्ष्य एकत्रित करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने पुलिस अधीक्षक नगर के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया गया।
  • 20 अगस्त: एसआइटी की एक टीम घटना से संबंधित साक्ष्य एकत्र करने के लिए दिल्ली रवाना हुई। टीम ने कश्मीरी गेट आईएसबीटी दिल्ली व उसके आसपास के क्षेत्र तथा दिल्ली-देहरादून मार्ग से घटना से संबंधित सीसीटीवी फुटेज व अन्य साक्ष्य एकत्रित किए।
  • 21 अगस्त: घटना के चश्मदीद गवाह व किशोरी के न्यायालय के समक्ष बयान दर्ज कराए गए। न्यायालय के समक्ष बयानों में किशोरी ने पूर्व में भी दुष्कर्म की घटना के बारे में बताया। जिस पर पटेलनगर कोतवाली में जीरो एफआइआर दर्ज कर उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद पुलिस को ट्रांसफर कर दी गई।
  • 23 अगस्त: गिरफ्तार पांचों आरोपितों को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया गया। रिमांड के दौरान आरोपितों की निशानदेही पर उनके घर से घटना से संबंधित साक्ष्य एकत्र किए गए।
  • 26 अगस्त: विवेचना के दौरान किशोरी के प्रारंभिक व सप्लीमेंट्री मेडिकल की रिपोर्ट प्राप्त की गई।
  • 27 अगस्त: किशोरी की बाल कल्याण समिति तथा बालिका निकेतन में नियुक्त काउंसलर की ओर से की गई काउंसिलिंग की रिपोर्टों को प्राप्त कर विवेचना में शामिल किया गया।
  • 28 अगस्त: घटना से संबंधित साक्ष्य व सीसीटीवी की डीवीआर को केंद्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला चंडीगढ़ में जांच के लिए भेजा गया। आरोपितों की निशानदेही पर बरामद किए गए घटना में प्रयुक्त कपड़ों और अन्य सामान को जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला पंडितवाड़ी देहरादून भेजा गया।
  • 02 सितंबर: पीड़ित किशोरी तथा घटना के चश्मदीद गवाह के समक्ष आरोपितों की सुद्धोवाला जिला कारागार में शिनाख्त परेड कराई गई। पीड़िता ने पांचों आरोपितों की पहचान की।
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