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Dehradun: मालदेवता में पुलिया व सड़क बहने से लोग गांवों में कैद, पुलिस और एसडीआरएफ ने फंसे 12 पर्यटकों को निकाला

Dehradun Maldevta Disaster देहरादून के मालदेवता क्षेत्र से सटे टिहरी के कई गांव आपदा का दंश झेल रहे हैं। जंगल गदेरा रिजार्ट के पास बीते रोज पुल बह जाने से कई पर्यटक फंस गए थे। जिसकी सूचना पर कुमाल्डा चौकी पुलिस और एसडीआरएफ ने रेस्क्यू अभियान चलाया। 12 पर्यटकों समेत 25 व्यक्तियों को सुरक्षित निकाला गया। पुलिया और सड़क मार्ग बहने से अभी भी क्षेत्रवासी गांवों में कैद हैं।

By Vijay joshi Edited By: Nirmala Bohra Updated: Wed, 21 Aug 2024 08:52 AM (IST)
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Dehradun Maldevta Disaster: 12 पर्यटक समेत 25 को सुरक्षित निकाला, सीतापुर-सरखेत में बढ़ी दुश्वारी

जागरण संवाददाता, देहरादून। Dehradun Maldevta Disaster: देहरादून के मालदेवता क्षेत्र से सटे टिहरी के कई गांव आपदा का दंश झेल रहे हैं। दूसरे दिन भी जंगल गदेरा के पास रेस्क्यू आपरेशन जारी रहा और 12 पर्यटकों समेत 25 व्यक्तियों को सुरक्षित निकाला गया। हालांकि, पुलिया और सड़क मार्ग बहने से अभी क्षेत्रवासी गांवों में कैद हैं।

नदी में पाइप डालकर अस्थायी मार्ग तो बनाए गए हैं, लेकिन इन पर भी जान जोखिम में डालकर क्षेत्रवासी नदी पार कर रहे हैं। साथ ही ट्राली के सहारे नदी पार कर ग्रामीण जरूरी सामान लेने बाजार पहुंच रहे हैं। फिलहाल कई गांवों में जनजीवन प्रभावित है और मोटर मार्ग से आवाजाही सुचारू होने का इंतजार है।

आसानी से नहीं पहुंच पाती सरकारी मदद

राजधानी देहरादून से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित कई गांव सालों से उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं। देहरादून और टिहरी जिले की सीमा पर बसे इन गांवों तक सरकारी मदद आसानी से नहीं पहुंच पाती।

नदी के एक किनारे कुछ गांव देहरादून की मसूरी और रायपुर विधानसभा के तहत आते हैं, जबकि नदी पार कई गांव टिहरी की धनोल्टी विधानसभा में शामिल हैं। यही नहीं चंबा थाने की कुमाल्डा चौकी की पुलिस यहां रेस्क्यू के लिए आती है।

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इस सब के बीच हर साल आपदा और फिर मरहम का इंतजार। सड़कों व पुलों के बह जाने के बाद शासन-प्रशासन से गुहार लगातार ग्रामीण थक गए हैं। न तो विधायक सुध ले रहे हैं और न ही विभागीय अधिकारियों को ही क्षेत्रवासियों की परवाह है।

यहां हर साल बरसात में जिंदगी कैद हो जाती है, जरूरी सामान के लिए जान जोखिम में डालकर पैदल सफर करना पड़ता है। अब तो यहां बने रिजार्ट भी परेशानी का सबब बन गए हैं। आए दिन नदी के उफान पर आने और मार्ग बंद होने पर रिजार्ट में ठहरे पर्यटकों के फंसने की सूचना आती रहती है।

दूसरे दिन भी जारी रहा रेस्क्यू अभियान

जंगल गदेरा रिजार्ट के पास बीते रोज पुल बह जाने से कई पर्यटक फंस गए थे। जिसकी सूचना पर कुमाल्डा चौकी पुलिस और एसडीआरएफ ने रेस्क्यू अभियान चलाया। जंगल रिजार्ट, पन्ना रिजार्ट के साथ ही ग्राम सीतापुर, ग्वाड, ताछला आदि के ग्रामीण फंस गए थे।

सुबह 10.50 बजे आपदा कंट्रोल रूम से कुमाल्डा चौकी को सूचना मिली कि सीतापुर रोड जंगल गदेरा से आगे पन्ना रिजार्ट में ठहरे 12 पर्यटकों (चार पुरुष, तीन महिलाएं व पांच बच्चे) व 13 स्थानीय ग्रामीण फंसे हैं। जिन्हें लोनिवि की जेसीबी से नदी में अस्थायी पुल बनाकर सुरक्षित निकाला गया।

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ननूरखेड़ा में सामुदायिक भवन का पुस्ता ढहा

ननूरखेड़ा में स्थित सामुदायिक केंद्र के पीछे पुस्ता ध्वस्त हो गया। बारिश के कारण जलभराव होने से भवन को खासा नुकसान पहुंच रहा है। कुछ दिन पूर्व ही सामुदायिक भवन परिसर की बाउंड्रीवाल भी ढह गई थी। परिसर में जलभराव के कारण बुनिदान और दीवारों को भी नुकसान पहुंच रहा है।

इधर, दून में सुबह हुई झमाझम बारिश से प्रिंस चौक से द्रोण तिराहे और रेलवे स्टेशन गेट तक सड़क जलमग्न हो गई और आवाजाही के दौरान पैदल चलना दूभर हो गया। साथ ही दुपहिया सवारों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वहीं, सुबह प्रिंस चौक पर भीषण जाम की स्थिति रही।

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