Dehradun Master Plan: आबादी का फैलाव तेज, खाली जगह हुई कम; एकमात्र हाई राइज बिल्डिंग जोन में भी सामने आई खामी
Dehradun Master Plan वर्ष 2041 तक के जीआइएस डिजिटल मास्टर प्लान में पहली बार अलग दर्शाया गया है हाई राइज बिल्डिंग जोन।कुआंवाला के जिस क्षेत्र को दर्शाया गया है वहां मौजूद है विंडलास रिवर वैली चिह्नीकरण में दिख रही बड़ी खामी।
सुमन सेमवाल, देहरादून: Dehradun Master Plan: शहर की आबादी का फैलाव तेजी से हो रहा है और खाली जगह कम होती जा रही है। ऐसे में आने वाले चंद वर्षों में ही निर्माण लायक जगह मिलना आसान नहीं होगा।
इस स्थिति को देखते हुए अब नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग ने मेट्रो शहरों की तर्ज पर हाई राइज बिल्डिंग (बहुमंजिला भवन) निर्माण को अंतिम विकल्प माना है।
जोन के चिह्नीकरण में बड़ी खामी
यही कारण है कि वर्ष 2041 तक के जीआइएस आधारित डिजिटल मास्टर प्लान में अलग से हाई राइज जोन तय किया गया है। हालांकि, इस जोन के चिह्नीकरण में बड़ी खामी सामने आ रही है।
मास्टर प्लान के जिस ड्राफ्ट को आपत्ति व सुझाव मांगने के लिए सार्वजनिक किया गया है, उसमें पूरे शहर में सिर्फ एक हाई राइज जोन दर्शाया गया है। गंभीर विषय यह कि इस एकमात्र हाई राइज जोन में पहले से ही बहुमंजिला आवासीय टाउनशिप विकसित है।
मास्टर प्लान में नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग ने हाई राइज जोन चिह्नित करने के पीछे की मंशा भी स्पष्ट की है। बताया गया है कि इस जोन में फैलाव की जगह ऊंचाई वाले निर्माण स्वीकृत किए जाएंगे। मंशा हाई राइज जोन के अनुरूप ही है, लेकिन यह जोन कुआंवाला क्षेत्र में घोषित किया गया है।
मास्टर प्लान के अनुसार इस क्षेत्र में पहले से ही विंडलास रिवर वैली नाम की बहुमंजिला टाउनशिप का निर्माण है। इसके अलावा पूरे मास्टर प्लान में कहीं पर भी हाई राइज जोन नहीं दर्शाया गया है।
तमाम आर्किटेक्ट व भवन निर्माण से जुड़े इंजीनियर इस बात को नहीं समझ पा रहे हैं कि हाई राइज जोन में जो प्रविधान भवन निर्माण के लिए किए गए हैं, उनकी पूर्ति कहां पर और किस तरह की जा सकेगी।
हाई राइज जोन के लिए यह किए गए प्रविधान
आवासीय जोन की आर-3 और कामर्शियल जोन की सी-2 श्रेणी के सभी अनुमन्य निर्माण इस जोन में किए जा सकते हैं। सिर्फ शर्त यह है कि सभी निर्माण धरातल पर फैलाव की जगह ऊंचाई में किए जा सकेंगे।
एमडीडीए बोर्ड की अनुमति से यह निर्माण भी संभव (प्रमुख निर्माण)
- आवासीय जोन की आर-3 और कामर्शियल जोन की सी-2 श्रेणी के जिन निर्माण में एमडीडीए बोर्ड की अनुमति जरूरी है, वह सभी निर्माण यहां भी संभव हैं। सिर्फ शर्त यह है कि निर्माण ऊंचाई वाले होंगे और मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक की सहमति जरूरी होगी।
- मल्टी स्टोरी आवासीय/कामर्शियल निर्माण (कामर्शियल के ऊपर आवासीय, लेकिन ग्राउंड फ्लोर का फ्रंट सड़क की तरफ होगा)
- मल्टी स्टोरी कार्यालय भवन और कार्मिकों के लिए आवासीय सुविधा
- होटल/रेसीडेंस के निर्माण की भी मिलेगी स्वीकृति
हाई राइज जोन को लेकर यदि मास्टर प्लान में कहीं कोई खामी राह गई है तो उस पर आपत्ति दर्ज की जा सकती है। आपत्तियों के निस्तारण के बाद ही मास्टर प्लान को अंतिम स्वीकृति के लिए शासन को भेजा जाएगा।
-एमएम श्रीवास्तव, मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक