Dehradun: IIT रुड़की व दून विवि के बीच अनुसंधान व विकास के लिए एमओयू, विभिन्न विषयों पर साझा किए जाएंगे ज्ञान
एमओयू पर आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. केके पंत एवं दून विवि की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने हस्ताक्षर किए। एमओयू आईआईटी रुड़की कार्यालय में हुआ। एमओयू के बाद दून विवि की कुलपति ने बयान जारी कर जानकारी दी।
देहरादून, जागरण संवाददाता: दून विश्वविद्यालय ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की के साथ अनुसंधान व विकास को लेकर समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। दोनों संस्थानों के बीच विज्ञान, हाइड्रोकार्बन के संश्लेषण, कार्बनिक सिंथेसिस, अर्थशास्त्र, गणित जैविक विज्ञान, कंप्यूटर विज्ञान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, भू-विज्ञान, पर्यावरण आदि विषयों पर परस्पर ज्ञान व अनुसंधान साझा किए जाएंगे।
एमओयू पर आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. केके पंत एवं दून विवि की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने हस्ताक्षर किए। एमओयू आईआईटी रुड़की कार्यालय में हुआ। एमओयू के बाद दून विवि की कुलपति ने बयान जारी कर जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. केके पंत एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध विज्ञानी और रासायनिक इंजीनियर हैं। एमओयू का मसौदा तैयार करने के दौरान प्रो. केके पंत ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार, पलायन में कमी, रिवर्स माइग्रेशन में बढ़ोतरी ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार के रोडमैप तैयार करने की इच्छा व्यक्त की।
चूंकि दून विवि की कुलपति प्रो. डंगवाल और आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. पंत दोनों उत्तराखंड के कठिन इलाकों में पैदा हुए और पले-बढ़े हैं। दोनों उत्तराखंड की स्कूलों की स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ हैं। इसलिए एमओयू उत्तराखंड के स्कूलों को सलाह और रणनीतिक सहायता प्रदान करने की संभावनाओं पर केंद्रित है।
प्रो. सुरेखा डंगवाल ने बताया कि एमओयू में पारस्परिक हित की अनुसंधान परियोजनाएं, विशेष रूप से ग्रामीण विकास के लिए प्रोद्यौगिकी , संयुक्त सम्मेलन, सेमीनारों का आयोजन, महिला सशक्तिकरण आदि दोनों संस्थान मिलकर करेंगे।
उन्होंने कहा कि दून विवि से आईआईटी रुडकी की दूरी मात्र 60 किलोमीटर है, जिससे दोनों संस्थानों के अनुसंधान, व्यवहारिक प्रशिक्षण,छात्रों का शोध प्रबंधों के संयुक्त मार्गदर्शन आदि के आयोजन में आसानी रहेगी। इस मौके पर आईआईटी रुडकी के कैमिकल इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. प्रकाश विश्वास, एसोसिएट डीन डा. साईं रामुडू मेका, दून विवि से प्रो. आरपी ममगाईं, डा. अरुण कुमार आदि मौजूद रहे।