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Dehradun: पहचान छिपाने को बढ़ाई दाढ़ी, 11 साल बाद हत्या और डकैती के आरोपित को पुलिस इस तरह किया गिरफ्तार

Dehradun News 11 वर्ष पहले देहरादून के राजपुर क्षेत्र में टैक्सी चालक की हत्या कर इनोवा कार लूटने के मामले में जमानत पर छूटने के बाद से फरार बदमाश को उत्तराखंड पुलिस ने जालंधर (पंजाब) से गिरफ्तार कर लिया। आरोपित वहां पहचान छिपाकर एक कंपनी का ट्रक चला रहा था। मामले में एक अन्य आरोपित भी जमानत मिलने के बाद से फरार है।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Sun, 29 Oct 2023 09:14 AM (IST)
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पहचान छिपाने को बढ़ाई दाढ़ी, 11 साल बाद हत्या और डकैती के आरोपित को पुलिस इस तरह किया गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, देहरादून। 11 वर्ष पहले देहरादून के राजपुर क्षेत्र में टैक्सी चालक की हत्या कर इनोवा कार लूटने के मामले में जमानत पर छूटने के बाद से फरार बदमाश को उत्तराखंड पुलिस ने जालंधर (पंजाब) से गिरफ्तार कर लिया।

आरोपित वहां पहचान छिपाकर एक कंपनी का ट्रक चला रहा था। मामले में एक अन्य आरोपित भी जमानत मिलने के बाद से फरार है। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पांच अप्रैल 2012 को राजपुर रोड से पुरकुल की तरफ जा रही सड़क पर एक टैक्सी चालक का शव मिला था। जिसका गला चाकू से काटने के बाद चेहरे को पत्थर से कुचला गया था।

जमानत के बाद दो आरोपित हो गए थे फरार

पुलिस जांच में पांच आरोपितों के नाम सामने आए, जिन्हें घटना के कुछ दिन बाद गिरफ्तार भी कर लिया गया। इनमें आरोपित मंजीत निवासी गांव काहनपुर, थाना मकसूदा, जनपद जालंधर (पंजाब) और अजय को जेल भेजे जाने के कुछ दिन बाद ही जमानत मिल गई, जिसके बाद दोनों फरार हो गए।

तभी से पुलिस उनकी तलाश में जुटी है। कुछ दिन पहले पुलिस को जानकारी मिली कि मंजीत जालंधर में पहचान छिपाकर रह रहा है। इस पर जाखन चौकी इंचार्ज विकेंद्र चौधरी के नेतृत्व में एक टीम जालंधर भेजी गई। टीम ने वहां तीन दिन तक आरोपित के बारे में जानकारी जुटाई और फिर शुक्रवार को उसे फैक्ट्री के बाहर से दबोच लिया जबकि, आरोपित अजय की तलाश जारी है।

मंजीत के विरुद्ध कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी करने के साथ कुर्की के आदेश दिए थे, लेकिन उसका कोई स्थायी ठिकाना नहीं होने के कारण कुर्की की कार्रवाई नहीं हो पाई।

पहचान छिपाने के लिए आरोपित ने बढ़ाई दाढ़ी

आरोपित मंजीत ने पुलिस से बचने के लिए दाढ़ी बढ़ा ली थी। इस कारण वह आसानी से पुलिस से बचता आ रहा था। शुक्रवार को भी उसकी यह तरकीब लगभग सफल हो गई थी। दरअसल, मंजीत जिस फैक्ट्री में काम कर रहा था, उत्तराखंड पुलिस जब वहां पहुंची तो उसे पहचान नहीं पाई, क्योंकि आधार कार्ड में उसकी दाढ़ी नहीं थी।

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ऐसे में पुलिस ने मंजीत के भाई से संपर्क किया, तब जाकर उसकी पहचान हुई। इसके बाद पुलिस आनन-फानन फिर फैक्ट्री पहुंची और उसे दबोच लिया। बताया जा रहा है कि उस वक्त आरोपित जम्मू भागने की फिराक में था। शनिवार को देहरादून में पुलिस ने उसे कोर्ट के समक्ष पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

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