हाईवे पर सफर करने वाले लोग हिमाचल के सीमा क्षेत्र में बने डबल लेन सड़क की तारीफ कर रहे हैं और अपने सीमा क्षेत्र में सिंगल लेन सड़क की खराब हालत देख विभाग को कोस रहे हैं। मार्ग से रोजाना सैकड़ो वाहनों की आवाजाही होती है। जौनसार बावर के प्रसिद्ध श्री महासू देवता मंदिर हनोल और गंगोत्री धाम को जाने वाले कई तीर्थ यात्री जेपीआरआर हाईवे से होकर जाते हैं।
चंदराम राजगुरु,
त्यूणी। पर्वतीय राज्य उत्तराखंड और हिमाचल के सीमावर्ती ग्रामीण इलाकों को यातायात सुविधा से जोड़ने वाले जेपीआरआर हाईवे पर एक जगह डबल लेन सड़क होने से लोग सुगमता से सफर कर रहे हैं जबकि दूसरी ओर सिंगल लेन बदहाल मार्ग की वजह से लोग परेशानी झेल रहे हैं। उत्तराखंड के सीमा क्षेत्र में हाईवे की हालत सबसे ज्यादा खराब है।
दो राज्यों को जोड़ता है यह रास्ता
एनएच खंड डोईवाला देहरादून के अधिकारी लंबे समय से सिंगल लेन सड़क को हिमाचल की तरह डबल लेन नहीं बना पाए। लोगों ने कहा अपने सीमा क्षेत्र में बदहाल हाईवे की सूरत कब बदलेगी इसका इंतजार लंबे समय से हो रहा है।
जगाधारी-पांवटा-राजबन-रोहडू (जेपीआरआर) राष्ट्रीय राजमार्ग-707 उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के जिला देहरादून, उत्तरकाशी, सिरमौर व शिमला समेत चारों जनपद के सीमावर्ती ग्रामीण इलाकों को यातायात सुविधा से जोड़ता है।
हिमाचल तक सड़क बनी है डबल लेन
बेहद महत्वपूर्ण माने जाने वाले जेपीआरआर हाईवे का 42 किमी हिस्सा फेडिज पुल अटाल से लेकर त्यूणी-आराकोट के सनेल तक उत्तराखंड के सीमा क्षेत्र में है। इसके अलावा हाईवे हिमाचल के सीमा क्षेत्र में पड़ता है। पड़ोसी राज्य हिमाचल की बात करें तो मीनस पुल से लेकर रणाहट-गुमा होते हुए फेडिज पुल तक सड़क डबल लेन बनी है। हिमाचल के सीमा क्षेत्र में एनएच विभाग ने पहाड़ को काटकर सड़क डबल लेन बनाई है।
डबल लेन हाईवे बनने से लोगों का सफर काफी सुगम हो गया है। इसके अलावा अपने सीमा क्षेत्र में फेडिज पुल अटाल से त्यूणी बाजार होकर आराकोट-सनेल तक हाईवे सिंगल लेन होने से सफर करना खतरे से खाली नहीं। प्रगतिशील किसान केशवानंद शर्मा, व्यापार मंडल अटाल के पूर्व अध्यक्ष श्रीचंद शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीन राणा, दुलाराम शर्मा, रमेश चौहान, मायाराम शर्मा आदि ने कहा एनएच विभाग की उदासीनता से अपने क्षेत्र में हाईवे की सूरत नहीं बदली।
रास्ते में कई जगह डेंजर जोन
सिंगल लेन सड़क की वजह से अटाल से त्यूणी के बीच बदहाल मार्ग पर कई जगह डेंजर जोन है। जिससे यहां हर वक्त सड़क हादसे का खतरा बना रहता है। पूर्व में यहां कई बार सड़क हादसे हो चुके हैं जिसमें लोगों की जानें चली गई। बावजूद इसके एनएच विभाग हिमाचल की तरह अपने सीमा क्षेत्र में 42 किमी लंबी सड़क को डबल लेन नहीं बना पाया।
लोगों ने कहा दोनों राज्य की भौगोलिक परिस्थितियां एक समान होने से सड़क की हालत हिमाचल में ज्यादा अच्छी है जबकि उत्तराखंड के सीमा क्षेत्र में सड़क की खराब हालत चिंताजनक है। अपने सीमा क्षेत्र में हाईवे की सूरत हिमाचल की तरह कब बदलेगी इसका जवाब किसी के पास नहीं है। क्षेत्र के लोग लंबे समय से सड़क के डबल लेन होने का इंतजार कर रहे हैं।
लोगों के डबल लेन सड़क बनने का सपना कब पूरा होगा कहना मुश्किल है। वहीं, एनएच खंड डोईवाला के अधिशासी अभियंता नवनीत पांडे ने कहा जेपीआरआर हाईवे पर फेडिज पुल अटाल से त्यूणी-आराकोट के सनेल तक सड़क को डबल लाइन बनाने की कार्रवाई गतिमान है।
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