Dehradun News: स्वस्थ समाज का संकल्प साकार करता बिना कैश काउंटर वाला अस्पताल, उपचार, आवास और भोजन निशुल्क
अस्पताल में इलाज भले ही निशुल्क उपलब्ध हो लेकिन व्यवस्थाओं के मामले में यह अस्पताल किसी भी बड़े अस्पताल से कमतर नहीं है। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक यहां आधुनिक एवं बेहतर किस्म की जरूरी मशीनें और उपकरण मौजूद हैं।
By Jagran NewsEdited By: Shivam YadavUpdated: Tue, 28 Feb 2023 07:08 PM (IST)
देहरादून [दीपक जोशी]। रायवाला (देहरादून) स्थित श्री सत्य साई संजीवनी अस्पताल स्वस्थ समाज के संकल्प को मजबूत कर रहा है। इस अस्पताल में बच्चों व महिलाओं के लिए दवाएं ही नहीं, जांच और सर्जरी सेवाएं भी निशुल्क उपलब्ध हैं। यही नहीं, खाने-ठहरने का भी उनसे कोई शुल्क नहीं लिया जाता। श्री सत्य साई संजीवनी अस्पताल बच्चों व महिलाओं का एक ऐसा अस्पताल है, जिसमें एक भी कैश काउंटर नहीं है।
देहरादून जिले की रायवाला ग्राम पंचायत में बीईजी मार्ग पर गोरखा रेजीमेंट ट्रेनिंग सेंटर (जीआरटीयू) के पास स्थित इस अस्पताल की हरिद्वार-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग से दूरी तीन किमी है। जौलीग्रांट (देहरादून) हवाई अड्डे से अस्पताल की दूरी 35 किमी, रायवाला रेलवे स्टेशन से तीन किमी और हरिद्वार व ऋषिकेश से 12-12 किमी है। रायवाला बस स्टाप व रायवाला रेलवे स्टेशन से यहां तक ई-रिक्शा अथवा आटो से भी पहुंचा जा सकता है।
अस्पताल में हैं आधुनिक उपकरण
अस्पताल में इलाज भले ही निशुल्क उपलब्ध हो, लेकिन व्यवस्थाओं के मामले में यह अस्पताल किसी भी बड़े अस्पताल से कमतर नहीं है। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक यहां आधुनिक एवं बेहतर किस्म की जरूरी मशीनें और उपकरण मौजूद हैं। हालांकि, अभी सिर्फ बच्चों और महिलाओं का इलाज ही यहां किया जाता है, लेकिन आने वाले दिनों में यह सुविधा सभी के लिए शुरू की जाएगी।
चार महीने में 426 रोगियों ने उठाया लाभ
रायवाला में इस अस्पताल की शुरुआत 10 नवंबर 2022 को हुई थी। तब राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) ने इसका उद्घाटन किया था। तब से लेकर अब तक यहां 426 मरीज इलाज करा चुके हैं। इनमें 165 गर्भवती भी शामिल हैं। यही नहीं, पांच महिलाओं का प्रसव भी यहां हुआ, जिनमें दो बच्चों का जन्म आपरेशन के जरिये हुआ।वहीं, अस्पताल में अब प्रतिदिन आने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। गंभीर बीमारी से पीड़ित को उसकी या स्वजन की सहमति से इलाज के लिए संस्थान के दूसरे राज्यों में स्थित बड़े अस्पताल भी रेफर किया जाता है। जिसका खर्च स्वयं संस्थान वहन करता है।
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