Dehradun News: अवैध कब्जा ध्वस्तिकरण की बड़ी कार्रवाई, अवैध रूप से बनी 25 मजारों की हटाया
Dehradun News विकासनगर में डाकपत्थर से कुल्हाल तक शक्तिनहर किनारे की सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे हटवाने को प्रशासन व यूजेवीएनएल अलर्ट मोड पर है। यहां अवैध कब्जा ध्वस्तिकरण पर बड़ी कार्रवाई की गई है। यहां मजारों को ध्वस्त किया गया है।
By rajesh panwarEdited By: Nirmala BohraUpdated: Mon, 13 Mar 2023 12:01 PM (IST)
टीम जागरण, विकासनगर: Dehradun News: देहरादून जिले के आरक्षित वन क्षेत्र से अब तक अवैध रूप से बनी 25 मजारों की हटाया जा चुका है। रविवार को कालसी वन प्रभाग की तिमली रेंज से एक और मजार को हटा दिया गया है। दो माह पहले देहरादून शहर के साथ लगे वन प्रभाग से 15, ऋषिकेश क्षेत्र से एक और चकराता क्षेत्र से आठ मजारों को हटाया गया।
चकराता वन प्रभाग के एसडीओ मुकुल कुमार ने सभी रेंजरों से आरक्षित वन क्षेत्र में अवैध निर्माण के संबंध में रिपोर्ट मांगी है। कहा कि रिपोर्ट आते ही प्रभाग अवैध निर्माण को हटाने की कार्रवाई तेज करेगा। कालसी वन प्रभाग के रेंजर मुकेश कुमार ने बताया कि आरक्षित वन क्षेत्र से रविवार को एक अवैध मजार को हटाया गया।
क्षेत्र में जो भी अवैध निर्माण चिन्हत किए गए हैं, उन पर कार्रवाई की जा रही है। विभाग की एक टीम आरक्षित वन क्षेत्र में मजार आदि को चिह्नित करने का काम कर रही है। ढालीपुर क्षेत्र में भी वन विभाग की जमीन पर एक मजार चिह्नित की गई है।
इस मजार को 2013 में बंद कराया गया था, लेकिन वहां पर फिर से लोगों का आवागमन दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में पहले संबंधित को नोटिस दिया जाएगा, उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वहीं यूजेवीएनएल की मुनादी के बाद शक्ति नहर डाकपथर के किनारे बसे लोगों ने अपने घरों से सामान निकाल कर दूसरी जगह शिफ्ट करना शुरू कर दिया है। निगम प्रशासन फिलहाल सत्यापन की कार्रवाई कर रहा है जल्द ही अवैध निर्माणों को तोड़ा जाएगा।
अवैध अतिक्रमण को प्रशासन अलर्ट मोड पर
डाकपत्थर से कुल्हाल तक शक्तिनहर किनारे की सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे हटवाने को प्रशासन व यूजेवीएनएल अलर्ट मोड पर है। यहां जेसीबी व ट्रैक्टर ट्रालियों को तैनात किया गया है। जो खुद जमीन खाली नहीं करेंगे उनपर जेसीबी गरजेगी।
वहीं अवैध कब्जाधारियों में घर टूटने को लेकर बेचैनी छाई है। जो सरकारी अधिकारियों, क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों व विधायक तक अपनी गुहार लगा रहे हैं। जल विद्युत निगम के अधिशासी अभियंता अभय सिंह का कहना है कि 11 मार्च तक का अवैध कब्जाधारियों को स्वयं ही कब्जा हटाने के लिए समय दिया गया था। स्वयं ही कब्जाधारी जमीन खाली कर दें तो ज्यादा अच्छा होता। निगम नहीं चाहता कि किसी को असुविधा हो।
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