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Dehradun News: दुनिया से विदा लेने के बाद भी जीवित रहेंगे आप, बस करना होगा ये पुण्‍य काम

Dehradun News दुनिया से विदा लेने के बाद भी इंसान जीवित रह सकता है और इसके लिए अमृत की जरूरत भी नहीं है। व्यक्ति अंगदान कर मौत के बाद भी किसी अन्य को जिंदगी दे सकता है। यह मुहिम देहरादून की दधीचि देहदान समिति ने शुरू की है।

By Sukant mamgainEdited By: Nirmala BohraUpdated: Sat, 08 Apr 2023 02:21 PM (IST)
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Organ Donation: व्यक्ति अंगदान कर मौत के बाद भी किसी अन्य को जिंदगी दे सकता है।
सुकांत ममगाईं, देहरादून: Organ Donation: दुनिया से विदा लेने के बाद भी इंसान जीवित रह सकता है और इसके लिए अमृत की जरूरत भी नहीं है। बस! अंगदान जैसा पुण्य का कार्य करना पड़ेगा। दरअसल, अंगदान के इंतजार में कई बेटे, कई पिता, कई माएं, कई बहनें, कई भाई और कई दोस्त जिंदगी की जंग हार जाते हैं। ऐसे में व्यक्ति अंगदान कर मौत के बाद भी किसी अन्य को जिंदगी दे सकता है।

ऐसी ही एक मुहिम शुरू की है देहरादून की दधीचि देहदान समिति ने। इस मुहिम से अब तक सौ से अधिक लोग जुड़ चुके हैं। इनमें 18 से लेकर 75 वर्ष तक आयु के लोग शामिल हैं। ये लोग मौत के बाद भी दुनिया में जिंदा रहेंगे। खास बात यह कि इस मुहिम से जुड़ने में नेता, अफसर, कर्मचारी, पुलिस, अधिवक्ता, शिक्षक, समाजसेवी आदि सभी वर्गों के लोग रुचि ले रहे हैं।

समिति के अध्यक्ष डा. मुकेश गोयल कहते हैं कि एक व्यक्ति के अंगदान करने से छह से आठ व्यक्तियों की जान बचाई जा सकती है और 18 साल से ऊपर का कोई भी व्यक्ति अंगदान कर सकता है। एक सर्वे के मुताबिक हर साल पांच लाख लोगों की मौत अंगों की अनुपलब्धता की वजह से हो जाती है।

राज्यस्तरीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संस्था नहीं

दधिचि देहदान समिति की इस मुहिम के तहत पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, उनकी दोनों बेटियां कृति व श्रीजा, आरटीआइ एक्टिविस्ट अमर सिंह धुंता, अग्निशमन अधिकारी श्याम बहादुर थापा सहित कई व्यक्तियों ने अंगदान का संकल्प लिया है। समिति के महसाचिव नीरज पांडे कहते हैं कि इस विषय में अभी बहुत काम होना है। इसे लेकर जागरुकता की भी कमी है।

वहीं, अंगदान से बड़े अस्पताल भी नहीं जुड़े हैं। यहां तक की आर्गन बैंक की भी कमी खलती है। राज्यस्तरीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संस्था (सोटो) का गठन भी नहीं हुआ है। हालांकि, अब दून मेडिकल कालेज में सोटो की स्थापना की जा रही है। इससे इस अभियान को गति मिलेगी।

आप भी जिंदगी बचाने को आगे आएं

ब्रेन डेड या मृत्यु के बाद आप भी अगर किसी को जिंदगी देने की चाह रखते है तो अंगदान के लिए पंजीकरण करा सकते हैं। पंजीकरण के लिए मोबाइल नंबर 9897287021, 9412438100, 7906600421, 9568893115 और 9837894998 पर संपर्क किया जा सकता है।

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