Sanskaarshala: इंटरनेट मीडिया के लिए होनी चाहिए उम्र की बाध्यता, जन अभियान भी किए जाएं आयोजित
Sanskaarshala देहरादून के सहस्त्रधारा रोड स्थित श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल में पीजीटी (हिंदी) रजनी पोखरियाल ने कहा कि हमारे जीवन में डिजिटल माध्यम अपनी पैठ बना रहा है। कहा कि इंटरनेट मीडिया के लिए उम्र की बाध्यता होनी चाहिए।
By Jagran NewsEdited By: Sunil NegiUpdated: Fri, 07 Oct 2022 06:43 PM (IST)
देहरादून। Sanskaarshala: डिजिटल माध्यम ने हमारे जीवन में गहरी पैठ बना ली है। धीमी गति से आरंभ होकर आज यह जनसंचार का ऐसा सशक्त, प्रबल, अत्यावश्यक व अनिवार्य माध्यम बन गया है, जिससे चाहते हुए भी हम दूरी नहीं बना पा रहे हैं। केवल बच्चे ही नहीं बल्कि युवा और बुजुर्गों का भी इससे विशेष जुड़ाव हो गया है।
एक व्यापक चिंता का विषय
नवीन जानकारियां हासिल करने की जिज्ञासा के साथ-साथ मनोरंजन व अपने जीवन के खालीपन, दुख एवं समस्याओं का हल इसमें खोजना और अनेक प्रकार की आभासी दुनिया के आकर्षण, वीडियो गेम्स, अन्य डिजिटल प्लेटफार्म में अधिकाधिक लिप्त रहने ने इसे एक व्यापक चिंता का विषय बना दिया है।
यह ले चुकी है एक व्यवसन का रूप
इसे एक अलादिन का चिराग समझकर हर कोई अपने-अपने तरीकों से जीवन के समाधान खोजने में लगा है। इस पर हमारी इतनी निर्भरता हो चुकी है कि यह एक व्यवसन का रूप ले चुकी है, जिससे जीवन पर नकारात्मक प्रभाव परिलक्षित हो रहे हैं।करने चाहिए इससे मुक्ति के उपाय
विज्ञान का यह वरदान भस्मासुरी अभिशाप न बने, इससे मुक्ति पाने के कारगर उपाय हर स्तर पर किए जाने चाहिए। विकास के इस दौर में इससे पूरी तरह तो मुक्त तो हुआ नहीं जा सकता, पर आंतरिक अनुशासन का अनुपालन कर बहुत हद तक इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
अभिभावकों की भूमिका अहम
यहां पर अभिभावकों की भूमिका अहम है। वे अपने बच्चे को उचित समय दें, पारिवारिक वातावरण खुशनुमा रखें जिससे बच्चा अपनी समस्याएं, मन के भाव या उथल-पुथल को बेझिझक साझा करें। सुरक्षित वातावरण में वह कभी मीडिया का सहारा नहीं लेगा।मेहनत की महत्ता सिखाएं
विद्यालयी स्तर पर शिक्षक वास्तविक जीवन कला सिखाएं, उनकी संपूर्ण जिज्ञासा को शांत करें व उन्हें भटकने से बचाएं। मेहनत की महत्ता सिखाएं और अत्याधुनिक डिजिटल माध्यम के दुष्प्रभावों को उजागर करने के लिए लघु कहानियों को सुनाएं।
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