फीस जमा नहीं की तो सातवीं के छात्र को पहले आनलाइन क्लास से बाहर किया, फिर स्कूल से निकाला
ओलंपस हाई स्कूल ने फीस जमा न करने पर सातवीं में पढ़ रहे एक छात्र को पहले आनलाइन कक्षा से बाहर किया। अब स्कूल से निकालने की चेतावनी दी है। कांवली रोड निवासी संजय वर्मा ने जिलाधिकारी मुख्य शिक्षा अधिकारी और पटेलनगर थानाध्यक्ष को पत्र लिखकर स्कूल की शिकायत की।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Sun, 12 Sep 2021 01:15 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून। जीएमएस रोड स्थित ओलंपस हाई स्कूल ने फीस जमा न करने पर सातवीं में पढ़ रहे एक छात्र को पहले आनलाइन कक्षा से बाहर किया और अब स्कूल से निकालने की चेतावनी दी है। कांवली रोड निवासी संजय वर्मा ने जिलाधिकारी, मुख्य शिक्षा अधिकारी और पटेलनगर थानाध्यक्ष को पत्र लिखकर स्कूल की शिकायत की है।
संजय वर्मा ने बताया कि वह राजपुर रोड स्थित साईं मंदिर के समीप पूजा का सामान बेचता है। कोरोनाकाल में काम प्रभावित होने के चलते समय पर बच्चे की फीस नहीं भर सके। मजबूरी स्कूल को बताई तो स्कूल ने कुछ नहीं सुना। शुक्रवार को जब उन्होंने बच्चे को दोबारा कक्षा में लेने की अपील की तो स्कूल ने फीस जमा नहीं करने तक कक्षा में लेने से मना कर दिया। साथ ही बच्चे का नाम काटने की चेतावनी भी दी। उन्होंने स्कूल प्रशासन पर अभद्रता का आरोप भी लगाया है। शिकायत का संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन ने शिक्षा विभाग को पूरे मामले की जांच के निर्देश दे दिए हैं।
अभिभावक से कोई अभद्रता नहीं की गई
स्कूल निदेशक कुनाल मल्ला ने कहा कि उनके अध्यापक और स्टाफ की ओर से संबंधित छात्र एवं अभिभावक से कोई अभद्रता नहीं की गई। सीसीटीवी में पूरा घटना क्रम कैद है। छात्र को फीस जमा किए हुए साल भर हो गया है। फीस किस्तों में जमा करने का विकल्प भी दिया गया था। अभिभावकों ने एक तो फीस जमा नहीं की ऊपर से स्टाफ के साथ अभद्रता भी की है।
अभिभावकों को दी छात्रों के सत्यापन की जिम्मेदारी
कोरोना के चलते इस साल बोर्ड परीक्षा के पैटर्न में बदलाव किया गया है। अब परीक्षा दो चरण में होगी। पहली परीक्षा नवंबर से दिसंबर के बीच होगी। छात्रों के पंजीकरण एवं सत्यापन के लिए बोर्ड ने स्कूलों को नोटिफिकेशन एवं फार्मेट जारी किया है। वहीं, स्कूलों ने नई व्यवस्था के तहत अभिभावकों को छात्रों के प्राथमिक सत्यापन की जिम्मेदारी दी है।
यह भी पढ़ें- पर्वतीय जिलों में स्कूल खुलने का दिखा ज्यादा फायदा, मैदान में 62 से 72 फीसद के बीच सिमटी उपस्थिति बोर्ड की मार्कशीट छात्रों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है। मार्कशीट पर किसी भी छात्र का नाम और अन्य जानकारी गलत न छपे इसके लिए बोर्ड नेे स्कूलों को हर स्तर पर जांच के बाद ही फार्म आगे भेजने के निर्देश दिए हैं। स्कूलों ने वाट्सएप के जरिए अभिभावकों को फार्म भेज दिया है, जिसमें नौवीं से लेकर 12वीं तक के छात्र व अभिभावक का नाम, पता, जन्मतिथि समेत अन्य जरूरी जानकारी मांगी गई है। दून इंटरनेशनल स्कूल के प्रधानाचार्य दिनेश बर्तवाल ने बताया कि अभिभावकों को फार्म देने से फार्म में होने वाली गलतियां कम हो जाएंगी।
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