देहरादून: चयन के तीन साल बाद भी नहीं हुई नियुक्ति, आमरण अनशन पर बैठे युवक की बिगड़ी हालत
रोडवेज में नियुक्ति न होने पर आमरण अनशन पर बैठे युवाओं में एक की तबीयत शनिवार को बिगड़ गई। उनका आरोप है कि प्रशासन उनकी सुध लेने तक को तैयार नहीं। उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक उन्हें नियुक्ति नहीं मिलती उनका आंदोलन जारी रहेगा।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Sun, 21 Nov 2021 09:42 AM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून। चयन के तीन वर्ष बाद भी रोडवेज में नियुक्ति न होने पर आमरण अनशन पर बैठे युवाओं में एक की तबीयत शनिवार को बिगड़ गई। उनका आरोप है कि प्रशासन उनकी सुध लेने तक को तैयार नहीं। उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक उन्हें नियुक्ति नहीं मिलती, उनका आंदोलन जारी रहेगा। संदीप और गौरव ने गुरुवार से आमरण अनशन शुरू किया था।
रोडवेज में सहायक मैकेनिक, भंडारपाल, सहायक भंडारपाल और सहायक निरीक्षक के पदों पर चार साल पहले नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई थी। लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण आवेदकों का साक्षात्कार 2018 में ले लिया गया था और चयनित आवेदकों की लिस्ट भी जारी कर दी गई, लेकिन अब तक उन्हें नियुक्ति नहीं दी गई। दरअसल, अप्रैल-18 में इन्हें नियुक्ति दी जानी थी, मगर रोडवेज मुख्यालय ने तकनीकी अड़चन का हवाला देकर नियुक्ति नहीं दी। रोडवेज प्रबंधन की ओर से गत दिनों बोर्ड बैठक में यह मामला रखा गया था मगर बात नहीं बनी।
चयनित युवा नियुक्ति को लेकर रोडवेज मुख्यालय से लेकर सरकार के द्वार तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हो रही। इससे परेशान युवाओं ने एकता विहार धरना स्थल पर धरना शुरू कर दिया था। गुरुवार से उन्होंने आमरण अनशन शुरू कर दिया। प्रदर्शन में रजनीकांत व विनोद कुमार समेत सत्यदेव, गौरव कुमार, धर्मेंद्र कुमार, सलमान आदि मौजूद रहे। वहीं, रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री दिनेश पंत ने भी मुख्यालय को पत्र भेजकर इन युवाओं को नियुक्ति देने की मांग की है।
माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ शासन से खफा माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ ने कैबिनेट की ओर से लिए गए निर्णय पर चार माह बाद भी शासनादेश जारी नहीं होने पर रोष जताया। शनिवार को प्रांतीय अध्यक्ष गोविंद सिंह दानू की अध्यक्षता में शिक्षक संघ की वर्चुअल बैठक हुई। बैठक में अध्यक्ष ने बताया कि करीब चार महीने पहले कैबिनेट ने विभागों में रिक्त पद न दिखाना, गृह जनपद में शिक्षकों की नियुक्ति के आदेश पारित किए थे। लेकिन शासन स्तर पर अभी तक इसके आदेश जारी नहीं हुए हैं।
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: नाराज नर्सिंग अधिकारियों ने फूंका आंदोलन का बिगुल, आंदोलन तेज करने की दी चेतावनी उन्होंने याद दिलाया कि वर्तमान सरकार ने घोषणा पत्र व राज्यपाल के अभिभाषण में अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित रखने का वायदा किया था। लेकिन वर्तमान शिक्षा मंत्री सरकार के इस वायदे को पूरा नहीं कर रहे हैं। सरकार की घोषणा जुमला साबित हुई है। बैठक में शिक्षक संघ के संरक्षक कविंद्र कैंतुरा, महिला उपाध्यक्ष सुनीता पंवार, कोषाध्यक्ष जितेंद्र बिष्ट, हरीश चौहान आदि मौजूद रहे।
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