Dehradun : एसआइटी में जमीन फर्जीवाड़े की शिकायतों का आंकड़ा 100 पार, सभी का किया जा रहा परीक्षण
पुलिस की यह कार्रवाई सहायक महानिरीक्षक निबंधन की शिकायत के आधार पर उन रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में की जा रही है जो पूर्व में पकड़ में आ चुकी हैं। हालांकि फर्जीवाड़े के विस्तृत रूप को देखते हुए जनता से सीधे भी शिकायत प्राप्त की जा रही हैं।
By Suman semwalEdited By: Mohammed AmmarUpdated: Sun, 29 Oct 2023 07:03 PM (IST)
सुमन सेमवाल, देहरादून। रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग की एसआइटी को अब तक जनता की ओर से 100 से अधिक शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं।
एसआइटी इनका परीक्षण कर रही हैं और उनकी प्रकृति के अनुसार संबंधित उपजिलाधिकारी या सहायक महानिरीक्षक निबंधन को भेजा जा रहा है। एसआइटी का कार्यकाल अभी नवंबर माह तक है। ऐसे में शिकायतों की संख्या में अभी और बढ़ोतरी हो सकती है।रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में पुलिस की एसआइटी अब तक 10 मुकदमे दर्ज कर 18 आरोपितों को जेल भेज चुकी है। वहीं, अलग-अलग तरह के प्रकरणों में 13 आरोपितों के विरुद्ध कोर्ट में कुल 21 चार्जशीट दाखिल की जा चुकी हैं।
पुलिस की यह कार्रवाई सहायक महानिरीक्षक निबंधन की शिकायत के आधार पर उन रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में की जा रही है, जो पूर्व में पकड़ में आ चुकी हैं। हालांकि, फर्जीवाड़े के विस्तृत रूप को देखते हुए जनता से सीधे भी शिकायत प्राप्त की जा रही हैं। इसके लिए ही स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के अंतर्गत पूर्व आइएएस अधिकारी एसएस रावत की अध्यक्षता में एसआइटी गठित की गई है।स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन मुख्यालय स्थित एसआइटी के कार्यालय में स्वयं अध्यक्ष एसएस रावत सभी शिकायतों को प्राप्त करने के लिए उपलब्ध रहते हैं। प्रत्येक शिकायत को उसकी प्रकृति के मुताबिक श्रेणीवार किया जा रहा है। एसआइटी अध्यक्ष एसएस रावत के अनुसार, जिन शिकायतों का समाधान तहसील स्तर पर हो सकता है, उन्हें संबंधित उपजिलाधिकारी को भेजा जा रहा है। जिनमें मुकदमा दर्ज किए जाने की जरूरत महसूस हो रही है, उन्हें सहायक महानिरीक्षक निबंधन को भेजा जा रहा है।
अधिकारियों से नहीं हुआ समाधान, अब एसआइटी का सहारा
एसआइटी में पहुंच रहीं तमाम शिकायतें ऐसी हैं, जो वर्षों से लंबित हैं। इन मामलों में शिकायतकर्ता तहसील से लेकर जिलाधिकारी कार्यालय तक के चक्कर लगा चुके हैं। एक प्रकरण में तो खतौनी में फर्जी ढंग से रकबा भी बढ़ाया गया है।साथ ही दाखिल खारिज से संबंधित पत्रावली राजस्व अभिलेखागार से गायब कर दी गई है। सूचना आयोग और जिलाधिकारी के निर्देश के बाद भी शहर कोतवाली पुलिस इस प्रकरण में मुकदमा दर्ज करने को तैयार नहीं है। अब शिकायतकर्ता ने एसआइटी के समक्ष भूमाफिया के विरुद्ध कार्रवाई और रिकार्ड दुरुस्त करने की मांग उठाई है।
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