Dehradun Registry Fraud: एक और गिरोह का नाम आया सामने, 3 गिरफ्तार; कौन है रजिस्ट्री फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड?
Dehradun Registry Fraud रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में एसआइटी ने इंग्लैड में रहने वाली रक्षा सिन्हा की देहरादून स्थित करोड़ों रुपये की जमीन बेचने वाले एक और गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में एसआइटी ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और एक देहरादून का रहने वाला है। जानें कौन है इस गिरोह का सरगना...
By Jagran NewsEdited By: riya.pandeyUpdated: Mon, 09 Oct 2023 02:39 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून। Dehradun Registry Fraud: रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में एसआइटी ने इंग्लैड में रहने वाली रक्षा सिन्हा की देहरादून स्थित करोड़ों रुपये की जमीन बेचने वाले एक और गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में एसआइटी ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और एक देहरादून का रहने वाला है।
कुंवरपाल निकला गिरोह का सरगना
इस गिरोह का सरगना भी सहारनपुर का भूमाफिया कुंवरपाल सिंह उर्फ केपी है, उसी ने आरोपितों को जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाकर दिए थे। जिनके आधार पर आरोपितों ने 3.10 करोड़ रुपये में जमीन का सौदा कर दिया। आरोपितों ने खरीदार से अग्रिम धनराशि के रूप में 1.90 करोड़ रुपये ले लिए थे। शेष रकम रजिस्ट्री के बाद मिलनी थी, लेकिन रजिस्ट्री से पहले ही देहरादून में विभिन्न जमीनों के फर्जी विलेख पत्र तैयार करने का मामला सामने आ गया और आरोपितों को चुप्पी साधनी पड़ी।
विवादित जमीनों को बेच कमाए करोड़ों
एसएसपी अजय सिंह के अनुसार, रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में अब तक नौ मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें 13 आरोपितों की गिरफ्तारी की गई है। छह अक्टूबर को गिरफ्तार किए गए जाली हस्ताक्षर करने के आरोपित हैंड राइटिंग एक्सपर्ट अजय मोहन पालीवाल ने पूछताछ में एसआइटी को बताया था कि उसने इसी मामले में जेल में बंद अधिवक्ता कमल विरमानी और कुंवरपाल सिंह के साथ मिलकर कई जमीनों के फर्जी विलेख पत्रों में फर्जी लेख व हस्ताक्षर किए थे। इससे उन्होंने खाली पड़े और विवादित भूखंडों को बेचकर करोड़ों रुपये अर्जित किए।आरोपित अजय मोहन ने यह भी बताया कि उसने कुंवरपाल के कहने पर एनआरआइ रक्षा सिन्हा की राजपुर रोड स्थित जमीन के फर्जी विलेख पत्र रामरतन शर्मा के नाम से बनाकर देहरादून निवासी ओमवीर और मुजफ्फरनगर निवासी सतीश व संजय को बेच दी थी।
एसआइटी ने आगे बढ़ाई जांच
अजय मोहन के बयानों के आधार पर एसआइटी ने जांच आगे बढ़ाई तो पता चला कि राजपुर रोड स्थित मधुबन होटल के सामने एनआरआइ रक्षा सिन्हा की करीब ढाई बीघा जमीन है। जिसके फर्जी दस्तावेज तैयार कर आरोपितों ने सब रजिस्ट्रार कार्यालय में संबंधित रजिस्टर में लगा दिए थे। इस मामले में शहर कोतवाली में एक मुकदमा भी दर्ज कराया गया था।शहर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक राकेश गुसाईं और उनकी टीम ने जांच के बाद शनिवार को आरोपित ओमवीर तोमर निवासी सेक्टर-2 डिफेंस कालोनी नेहरू कालोनी, सतीश कुमार निवासी जनकपुरी रुड़की रोड थाना सिविल लाइन, मुजफ्फरनगर और संजय कुमार शर्मा निवासी नई मंडी, मुजफ्फरनगर को देहरादून में गिरफ्तार कर लिया।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।