Dehradun Ring Road Project: देहरादून रिंग रोड की डीपीआर तैयार, 51 किलोमीटर होगी लंबाई
Dehradun Ring Road Project देहरादून की यातायात व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली आउटर रिंग रोड की डीपीआर तैयार हो गई है। 51.59 किलोमीटर लंबी इस परियोजना में करीब 3500 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। मोहकमपुर से आशारोड़ी तक करीब 15 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड का निर्माण किया जाएगा। यह भाग सीधे तौर पर दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का हिस्सा बन जाएगा।
सुमन सेमवाल, देहरादून। दून शहर की यातायात व्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने के लिए जिस तरह के मेगा प्रोजेक्ट की राह लंबे समय से देखी जा रही थी, उसकी दिशा में बड़ी सफलता हाथ लगी है। दून की आउटर रिंग अब फाइलों और बैठकों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि उसे धरातल पर भी उतारा जा सकेगा।
51.59 किलोमीटर लंबी आउटर रिंग रोड की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार हो चुकी है। अलग-अलग चरण वाली इस परियोजना में करीब 3500 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। जिसकी स्वीकृति के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अधिकारी केंद्र सरकार की स्वीकृति का इंतजार कर रहे हैं।
एनएचएआइ के अधिकारियों के अनुसार सर्वे और एलाइनमेंट (संरेखण) के बाद डीपीआर तैयार कर उसे स्वीकृति के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेजा जा चुका है। अलग-अलग चरण में तैयार होने वाली परियोजना में सबसे पहले मोहकमपुर से आशारोड़ी तक करीब 15 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड का निर्माण किया जाएगा।
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यह भाग सीधे तौर पर दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का हिस्सा बन जाएगा। इसके कुल तीन चरण होंगे और एक चरण पर काम शुरू भी होने वाला है। आशारोड़ी से झाझरा के बीच का यह भाग पूर्व में स्वीकृत किया जा चुका था। दूसरी तरफ इसका अंतिम चरण झाझरा के पास पांवटा साहिब राजमार्ग से मसूरी तक जुड़ेगा। हालांकि, यह रिंग रोड की मुख्य परियोजना का भाग नहीं है। इसकी डीपीआर भी अभी नहीं बन पाई है।
रिंग रोड परियोजना का यह होगा स्वरूप
- प्रारंभिक बिंदु, मसूरी रोड पर मैक्स अस्पताल
- अंतिम बिंदु, आशारोड़ी
- लंबाई, 51.59 किमी (2.8 किमी लंबाई की ट्विन ट्यूब टनल भी शामिल)
- चौड़ाई, फोरलेन
- अधिकतम गति सीमा, 60/80 किमी प्रति घंटा
यह होंगे जंक्शन
मैक्स अस्पताल, मालदेवता रोड, रिस्पना पुल, आइएसबीटी, आशारोड़ी।हांफते शहर को राहत देगी रिंग रोड
देहरादून शहर में आबादी के साथ यातायात का दबाव सड़कों की क्षमता से कहीं अधिक हो गया है। घनी आबादी के चलते मौजूदा सड़कों और उनके जंक्शन को चौड़ा करने के अवसर बेहद सीमित हैं। ऐसे में पहाड़ों की रानी मसूरी की तरफ वीकेंड या अन्य खास अवसर पर जब वाहनों का दबाव बढ़ता है तो उसका असर सीधे शहर पर पड़ता है। इसी तरह दिल्ली, सहारनपुर या हरिद्वार के बीच दून की तरफ से आवागमन करने वाले वाहनों का दबाव भी प्रत्यक्ष रूप से दून की यातायात व्यवस्था को प्रभावित करता है। मौजूदा समय में दून के प्रमुख जंक्शन में यातायात का दबाव उनकी डिजाइन क्षमता से छह गुना पीसीयू (पैसेंजर कार यूनिट) तक पहुंच चुका है।इसे भी पढ़ें-सीएम धामी का बड़ा कदम; उत्तराखंड में लागू होगा नया भू-कानून, किसानों और बुद्धिजीवियों से मांगे जाएंगे सुझाव रिंग रोड बनने के बाद मसूरी की तरफ जाने वाले वाहन शहर में प्रवेश किए बिना रिंग रोड सफर कर सकेंगे। साथ ही हरिद्वार और सहारनपुर के बीच आवागमन करने वाले वाहन रिंग रोड के अंतर्गत बनने वाली एलिवेटेड रोड से पास होंगे।शहर में वाहनों का दबाव और क्षमता (पीसीयू प्रति घंटे में)
जंक्शन/सड़क |
पीसीयू डिजाइन |
पीसीयू दबाव |
घंटाघर |
3600 | 14282 |
प्रिंस चौक | 2900 | 17090 |
लालपुल | 2900 | 16664 |
आराघर चौक | 2900 | 12272 |
रिस्पना पुल | 2900 | 16453 |
सर्वे चौक | 1200 | 6845 |
आइएसबीटी | 3600 | 9916 |
शिमला बाइपास | 1200 | 5739 |
बल्लीवाला | 1200 | 9603 |
सहारनपुर चौक | 2900 | 7208 |
बल्लूपुर चौक | 2900 | 6211 |
प्रेमनगर | 2400 | 7496 |
रायपुर चौक | 2400 | 2917 |
मसूरी डायवर्जन | 2900 | 6305 |
हरिद्वार बाइपास | 1500 | 9639 |
आइटी पार्क क्षेत्र | 2400 | 2839 |
पांवटा साहिब रोड | 2400 | 4845 |
रिंग रोड के अलग अलग चरण
- मोहकमपुर से आशारोड़ी (एलिवेटेड रोड)
- लंबाई, करीब 15 किमी
- बजट, 1350 से 1450 करोड़ रुपए के बीच
- आशारोड़ी से झाझरा के बीच (पूर्व में स्वीकृत)
- लंबाई, 12.17 किलोमीटर
- बजट, करीब 715.97 करोड़ रुपए
- झाझरा के पास सुद्धोवाला से मसूरी (सीधे रिंग रोड परियोजना का भाग नहीं)
- लंबाई, 40 किलोमीटर
- बजट, जमीन अधिग्रहण समेत 3700 करोड़ रुपए अनुमानित