Move to Jagran APP

Dehradun Smart City Project में लेटलतीफ से हुई किरकिरी के बाद उठाया कदम, एक कंपनी को हटाया

Dehradun Smart City Project सड़कों की दुर्दशा के चलते स्मार्ट सिटी का प्रयोग जुमले के तौर पर होने लगा है। सड़क पेयजल व सीवर संबंधी जिन कार्यों का जनता के जीवन पर सीधा असर पड़ता है उनके समाधान में परियोजना कारगर साबित होती नहीं दिख रही।

By Nirmala BohraEdited By: Updated: Wed, 07 Sep 2022 08:11 AM (IST)
Hero Image
Dehradun Smart City Project : सड़कों की ये है दुर्दशा। जागरण
जागरण संवाददाता, देहरादूनः Dehradun Smart City Project : स्मार्ट सिटी परियोजना को शुरू करने का यही उद्देश्य था कि विकास के जो भी काम किए जाएं, उनमें जनता को स्मार्ट समाधान मिल सके।

स्मार्ट इलेक्ट्रिक बस, इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, स्मार्ट टायलेट, स्मार्ट स्कूल व वाटर एटीएम की दिशा में यह प्रयास सफल होता भी नजर आ रहा है। लेकिन, सड़क, पेयजल व सीवर संबंधी जिन कार्यों का जनता के जीवन पर सीधा असर पड़ता है, उनके समाधान में परियोजना कारगर साबित होती नहीं दिख रही।

वर्ष 2019-20 से यह काम चल रहे हैं, लेकिन इनकी मंजिल न सिर्फ दूर नजर आती है, बल्कि सड़कों पर किए जा रहे इन कार्यों के चलते शहर की तस्वीर सुधरने की जगह बिगड़ती चली जा रही है। सड़कों की दुर्दशा के चलते स्मार्ट सिटी का प्रयोग जुमले के तौर पर होने लगा है। महापौर सुनील उनियाल गामा और राजपुर रोड क्षेत्र के विधायक तो सोमवार की बैठक में बुरी तरह उखड़ गए थे।

हालांकि, जनप्रतिनिधियों की नाराजगी का असर यह हुआ कि किरकिरी का कारण बन रहे स्मार्ट सिटी के लापरवाह ठेकेदारों/निर्माण कंपनी को बाहर करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसकी पत्रावली मुख्यमंत्री कार्यालय को अनुमोदन के लिए भेजी जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने भी इस सीधा में तत्परता दिखाते हुए हिंदुस्तान स्टील वर्क्स कंस्ट्रक्शन लि. (एचएससीएल) को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

महापौर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि स्मार्ट सिटी की विभिन्न बैठकों में कार्यों में सुधार के निर्देश दिए जाते रहे हैं। इन निर्देशों का कोई असर ठेकेदारों पर पड़ता नहीं दिखा। पानी जब सिर से ऊपर चला गया तो लेटलतीफ ठेकेदारों को बाहर करने के अलावा कोई और विकल्प नजर नहीं आता।

चाइल्ड फ्रेंडली सिटी परियोजना के टेंडर दो माह बाद भी नहीं

एचएससीएल कंपनी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली हाई पावर कमेटी की संस्तुति के क्रम में बाहर का रास्ता दिखाया है। इस भारत सरकार की इस कंपनी को चाइल्ड फ्रेंडली सिटी परियोजना का जिम्मा दिया गया था। करीब 52 करोड़ रुपये की परियोजना के तहत शहर की पांच या छह प्रमुख सड़कों को बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से विकसित किया जाना है।

विशेषकर फुटपाथ व्यवस्था को पुख्ता करने का काम शामिल है। गांधी रोड को केंद्र में रखते हुए परियोजना में टेंडर आमंत्रित किए जाने थे। करीब दो माह बाद भी एचएससीएल टेंडर आमंत्रित नहीं कर पाई। ऐसे में सरकार के पास कंपनी को बाहर करने के अलावा कोई रास्ता नहीं रह गया था।

राज्य की एजेंसी करेंगी काम तो बढ़ेगी क्षमता

स्मार्ट सिटी के निर्माण संबंधी कार्यों को लोनिवि व जल संस्थान के माध्यम से कराने की तैयारी चल रही है। जिसके पीछे यह तर्क रखा जा रहा है कि लोनिवि व जल संस्थान जैसी एजेंसी बड़े काम को एक ठेकेदार को देने की जगह कई ठेकेदारों से एक साथ काम कराएंगी। ताकि एक काम पर अधिक लोग एक साथ काम कर सकें।

वहीं, वर्तमान में कार्य विशेष पर एक ठेकेदार तैनात है और मानव संसाधन कम होने के चलते धरातल पर अपेक्षित प्रगति नहीं दिख रही। इसके साथ ही स्मार्ट रोड, पलटन बाजार में पैदल पथ विकास/अन्य कार्य, पेयजल योजनाओं व परेड ग्राउंड सुदृढ़ीकरण के कार्यों की समीक्षा के आधार पर संबंधित ठेकेदारों पर भी कार्रवाई की तैयारी गतिमान है।

डेडलाइन बढ़ाने का भी असर नहीं

दिसंबर 2021 में हुई स्मार्ट सिटी कंपनी की बोर्ड बैठक में स्मार्ट सिटी के विभिन्न कार्यों की डेडलाइन बढ़ाई गई थी। हालांकि, इसका कोई असर ठेकेदारों पर पड़ता नहीं दिखा। स्थिति यह है कि अंतिम डेडलाइन करीब होने के बाद भी शहर की हालत जस की तस है।

इन कार्यों की बढ़ाई गई थी डेडलाइन

  • कार्य, पुरानी डेडलाइन, नई डेडलाइन
  • पलटन बाजार, दिसंबर 2021, दिसंबर 2022
  • परेड ग्राउंड, अक्टूबर 2021, अक्टूबर 2022
  • दून लाइब्रेरी, नवंबर 2021, अक्टूबर 2022
  • पेयजल योजना, सितंबर 2021, जून 2022
  • सीवरेज योजना, सितंबर 2021, जून 2022
  • जल निकासी, अक्टूबर 2021, जुलाई 2022
  • स्मार्ट टायलेट, दिसंबर 2021, जून 2022
  • टीपीए (आइसीसीसी), अक्टूबर 2021, जून 2022
  • इलकेट्रिक बस, दिसंबर 2021, अप्रैल 2022
  • स्मार्ट पोल, सितंबर 2021, दिसंबर 2022
  • स्काडा सिस्टम, सितंबर 2021, मार्च 2022
  • कमांड सेंटर, सितंबर 2021, दिसंबर 2021

पूर्व डीएम दर्ज करा चुके मुकदमा

देहरादून के पूर्व जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार ने भी स्मार्ट सिटी के कार्यों को लेकर कई बार नाराजगी दर्ज कराई थी। फिर भी हालत न सुधरने पर उन्होंने निर्माण कंपनी बीएनआर पर मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही एक अवर अभियंता को निलंबित भी कर दिया था। साथ ही निर्माण कार्यों को आपदा प्रबंधन अधिनियम के दायरे में ले आए थे।

इन सड़कों की हालत खराब

गांधी रोड, सहारनपुर रोड, राजपुर रोड, ईसी रोड, हरिद्वार रोड (सभी सड़कों पर पिछले करीब ढाई साल से स्मार्ट रोड के तहत विभिन्न कार्य गतिमान हैं)

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।