Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Uttarakhand: पहले दीवानों की तरह किया प्‍यार, फि‍र पत्‍नी व सास को उतारा मौत के घाट; दर्दनाक डबल मर्डर की कहानी

Double Murder उत्तराखंड के विकासनगर में भीमावाला चुंगी पर 2017 में हुए दोहरे हत्याकांड में आरोपी आनंद प्रवाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। आनंद ने अपनी पत्नी वैशाली और सास काकूली की हत्या कर दी थी। वैशाली ने आनंद के साथ रहने से इनकार कर दिया था जिसके बाद उसने यह खौफनाक कदम उठाया। इस घटना ने पूरे परिवार को तबाह कर दिया।

By rajesh panwar Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sat, 21 Sep 2024 01:36 PM (IST)
Hero Image
Double Murder: भीमावाला चुंगी पर 2017 में हुआ दोहरा हत्याकांड काफी समय तक रहा था चर्चित. Concept Photo

जागरण संवाददाता, विकासनगर। Double Murder: नगर की भीमावाला चुंगी पर रहने वाले परिवार में मां काकूली व उसकी बेटी वैशाली हत्याकांड लंबे समय तक चर्चा में रहा। 5 जून 2017 के दोहरे हत्याकांड में अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने से पीड़ित परिवार की ज्योति व विश्वजीत को न्याय मिला है।

दोहरे हत्याकांड के कारण पूरा परिवार बिखर गया था, क्योंकि पिता की पहले ही मौत हो गयी थी। घर में मां, दो बेटियां व एक बेटा ही थे। अब हालत यह है कि ज्योति दून में कहीं पढ़ रही है और विश्वजीत त्यूणी क्षेत्र में कहीं काम करता है।

यह भी पढ़ें - इंतजार खत्म! 23 सितंबर से Rishikesh में शुरू होगी रिवर राफ्टिंग, इस बार तीन हफ्ते देरी से शुरुआत

दोनों ने की थी कोर्ट मैरीज

एडीजीसी क्राइम नरेश चंद्र बहुगुणा ने हत्या के कारण के पीछे की जो सच्चाई बताई, वह यह है कि आनंद प्रवाल निवासी चिरंजीपुर विकासनगर वैशाली से प्रेम करता था और उसे भगाकर ले गया था, जिसके बाद दोनों ने कोर्ट मैरीज कर ली थी। लेकिन आनंद द्वारा वैशाली से लगातार मारपीट के कारण दांपत्य जीवन चार पांच माह में ही बिखर गया और वैशाली अपनी मां के पास जाकर रहने लगी।

आनंद ने उसे मनाकर ले जाने की काफी कोशिश की, लेकिन वैशाली उसके साथ जाने को तैयार नहीं थी, उसने साफ मना कर दिया था कि वह अब साथ नहीं जाएगी, लेकिन आनंद उसे घर ले जाने के लिए लगातार प्रयास करता रहा।

यदि वैशाली आनंद से मिलना चाहती तो मिल सकती थी, क्योंकि उनके मोहल्ले में ही आनंद की मोबाइल फोन की दुकान थी। लेकिन वैशाली के मन में आनंद के लिए कोई चाह ही नहीं बची थी। वह आनंद से बात भी करना पसंद नहीं करती थी। जिसके पीछे आनंद द्वारा किया गया उत्पीड़न था। जब आनंद वैशाली को अपने घर लाने के प्रयास में पूरी तरह से नाकाम हो गया तो उसने यह खतरनाक कदम उठाया।

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड के चार छात्रों का National Inspire Award के लिए चयन, देशभर से लगभग आठ लाख बच्चों ने किया आवेदन

वैशाली से एक बार बात करने की इच्छा जताई

घटना वाली शाम वह वैशाली के घर में जबरन घुसा। वैशाली से एक बार बात करने की इच्छा जताई, लेकिन वैशाली ने साफ मना कर दिया। आनंद को लगा कि शायद उसकी सास काकूली नहीं भेजना चाह रही है, इसलिए आनंद ने सबसे पहले अपनी सास काकूली की गोली मारकर हत्या कर दी। उसके बाद भी जब वैशाली उसके साथ जाने को तैयार नहीं हुई तो उसने वैशाली को भी गोली मार दी।

विरोध करने पर वैशाली की छोटी बहन ज्योति विश्वास पुत्री सरोजीत विश्वास निवासी भीमावाला चुंगी विकासनगर पर भी फायर झोंका, लेकिन गोली नहीं लगी। जिस पर उसने ज्योति के सिर पर बट मारकर उसे घायल कर दिया था। तत्कालीन कोतवाल शिशुपाल सिंह नेगी की मजबूत जांच, साक्ष्य के चलते आनंद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।